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नेचर कैंप में तितलियों के जीवन चक्र से रूबरू हुए 49 विद्यार्थी

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान : प्रकृति के प्रति जागरूकता और संरक्षण की दिशा में एक सार्थक कदम

भोपाल। वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में एक विशेष कार्यक्रम के तहत शहर और उसके आस-पास के ग्रामों के शासकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को प्रकृति और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से एक दिवसीय पक्षी अवलोकन और नेचर कैंप का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कस्तूरबा टीटी नगर की 49 छात्राओं और 3 शिक्षिकाओं ने भाग लिया। यह कार्यक्रम मध्य प्रदेश ईको-पर्यटन विकास बोर्ड के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों में वन्यप्राणियों, पक्षियों और पर्यावरण के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।

प्रकृति के करीब आने का अवसर

इस कार्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों को पक्षी दर्शन, तितलियों और वन्यप्राणियों के अवलोकन का अवसर मिला। स्रोत व्यक्ति के रूप में सेवानिवृत्त उप वनसंरक्षक एके खरे और पक्षीविद मोहम्मद खालिक ने विद्यार्थियों को विभिन्न पक्षियों और वन्यप्राणियों की पहचान और उनके पर्यावरण में महत्व के बारे में जानकारी दी। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों को स्थल पर विद्यमान वानिकी गतिविधियों की जानकारी भी दी गई, जिसमें उन्होंने वन, वन्यप्राणी और पर्यावरण से संबंधित रोचक गतिविधियों में भाग लिया।

जैव विविधता का महत्व और संरक्षण

कार्यक्रम के दौरान जैव विविधता और उसके संरक्षण के महत्व पर भी चर्चा की गई। विद्यार्थियों को बताया गया कि कैसे जैव विविधता हमारे पर्यावरण को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। विषय विशेषज्ञों ने छात्राओं को जैव विविधता के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी, जिससे वे इस महत्वपूर्ण विषय के प्रति और अधिक जागरूक हो सकें। 


व्यावहारिक ज्ञान और कौशल विकास

इस कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था व्यावहारिक ज्ञान और कौशल विकास। विद्यार्थियों को कपड़े से थैला बनाने की प्रक्रिया सिखाई गई, जिससे वे पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली अपना सकें। विनोद जाटव ने यह सत्र आयोजित किया, जिसमें छात्राओं ने बड़े उत्साह से भाग लिया। यह गतिविधि न केवल उनके कौशल विकास में सहायक रही, बल्कि उन्हें प्लास्टिक के थैले से होने वाले नुकसान और उनके विकल्पों के प्रति जागरूक भी किया।

इसके अलावा तितलियों की जीवन चक्र के बारे में भी विद्यार्थियों को जानकारी दी गई। तितलियों के लार्वा, प्यूपा आदि को दिखाकर उनके जीवन चक्र की प्रक्रिया को समझाया गया। इससे विद्यार्थियों को न केवल तितलियों के जीवन के विभिन्न चरणों के बारे में जानकारी मिली, बल्कि वे यह भी समझ सके कि ये छोटे प्राणी हमारे पारिस्थितिकी तंत्र में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

वन्यप्राणियों का नजदीकी अवलोकन

इस कार्यक्रम का एक और आकर्षण था वन्यप्राणियों का नजदीकी अवलोकन। छात्राओं ने बाघ, तेंदुआ, भालू, मगर, घड़ियाल, चीतल, सांभर, नीलगाय जैसे विभिन्न वन्यप्राणियों को देखा। यह अनुभव उनके लिए अत्यंत रोमांचक था, क्योंकि उन्होंने इन प्राणियों को उनके प्राकृतिक वातावरण में देखा। इस अवलोकन ने विद्यार्थियों को वन्यजीवन के प्रति सम्मान और उसके संरक्षण के महत्व के बारे में गहराई से सोचने पर मजबूर किया।


पर्यावरण संरक्षण के लिए शपथ और समर्पण

मिशन लाइफ के अंतर्गत, पर्यावरण संरक्षण के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने शपथ ली। उन्होंने प्रतिज्ञा की कि वे पर्यावरण की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और अपने जीवन में ऐसे कदम उठाएंगे जो पर्यावरण के लिए लाभकारी हों। इस शपथ ग्रहण समारोह ने विद्यार्थियों को अपने दायित्वों के प्रति और अधिक जागरूक और समर्पित बनाया।

रचनात्मक गतिविधियां और कला का संवर्धन

कार्यक्रम के अंत में, तितली की जीवन चक्र के रेखांकित चित्र सभी छात्राओं को वितरित किए गए, जिन्हें रंगने का कार्य दिया गया। यह गतिविधि न केवल उनकी रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने के लिए की गई थी, बल्कि इसके माध्यम से उन्हें तितलियों के जीवन चक्र के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त हुई। रचनात्मक गतिविधियां विद्यार्थियों के लिए सीखने का एक मनोरंजक तरीका साबित हुईं, जिससे उन्हें इस विषय को और अधिक गहराई से समझने का अवसर मिला।

सफल आयोजन में सहयोग और समर्पण

इस आयोजन में वन विहार के संचालक मीना अवधेशकुमार शिवकुमार, सहायक संचालक एसके सिन्हा और अन्य अधिकारी कर्मचारी भी उपस्थित रहे। इन सभी ने कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने के लिए अपना अमूल्य योगदान दिया। उनकी मेहनत और समर्पण ने इस कार्यक्रम को विद्यार्थियों के लिए एक यादगार अनुभव बना दिया।


विद्यार्थियों को प्रकृति के प्रति किया जागरूक 

वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में आयोजित इस पक्षी अवलोकन और नेचर कैंप ने विद्यार्थियों को प्रकृति के प्रति जागरूक और संवेदनशील बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम ने न केवल उनके ज्ञान और समझ को बढ़ाया, बल्कि उन्हें पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पित भी किया। इस तरह के कार्यक्रम भविष्य में भी आयोजित किए जाते रहें, तो निस्संदेह हमारे देश के युवा प्रकृति और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे और उनके संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाएंगे।

इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन न केवल पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए भी आवश्यक है। प्रकृति के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना का विकास ही हमारे समाज को एक संतुलित और समृद्ध भविष्य की ओर ले जा सकता है। वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में आयोजित इस प्रकार के कार्यक्रम इस दिशा में एक सार्थक और प्रेरणादायक कदम हैं। 

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