भोपाल। रवींद्र भवन में शनिवार की शाम गीत संगीत के लिए एक अनोखी शाम थी, यहां बाथरूम में गाने का शौक रखने वाले शौकिया गायक संगीत में पारंगकता के साथ जब मंच पर आए तो सुरों की सर्जरी, संगीत का मैनेजमेंट और गानों की व्यवसायिकता से परिपूर्ण माहौल नजर आया क्योंकि गायकों में कोई चिकित्सा क्षेत्र का महारथी था तो कोई शुद्ध व्यवसायी और कोई प्रोफेशनल। लेकिन इन सबको संगीत की सच्ची राह दिखाने वाले उनके गुरु और प्रसिद्ध गायक कैलाश यादव साथ थे जिसके चलते सबने अपने सुरों की महक से इस शाम को गुलजार कर दिया। आयोजन था गुंजन फाउंडेशन का और नाम था गीत गुंजन......कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भाजपा के विधायक भगवान दास सबनानी , महेश जोशी भजन गायक रवि खरे, आचार्य राजेश और कोमल सांई कृति उपस्थित थे।
कार्यक्रम में डॉक्टरों ने गाए फिल्मी गीत
सदाबहार फिल्मी गीतों से सजी इस शाम में एक से एक पुराने गीतों की कसौटी पर खरा उतरने की कोशिश में गायकों चिकित्सा क्षेत्र के नामचीन डॉ राजेश ब्यौहार, डॉ संजय कुमार डॉ अरविंद नामदेव, डॉ संध्या गर्द्रे, डॉ नीतू कुमार, डॉ वीणा श्रीवास्तव थे तो प्रोेफेशनल्स और बिजनेसमैन के क्षेत्र से मधु तिवारी, मुरलीधर, रंजीव साहनी, राधारमण त्रिपाठी, मयंक सत्संगी, स्मिता निगम, रीटा डेराश्री, राजेश वर्मा, प्रभाकांत कटारे, राकेश तिवारी, अजय सक्सेना, अनुराग जैन, मनीशा मिततल, अरुणा साहनी, दीपक असाई, रोशन मूुदड़ा आदि ने मोर्चा संभाल रखा था। इन सबके बीच राजधानी भोपाल के जाने माने सूफी गायक वरुण यादव ने रोजा जानेमन और चरखा जैसे सूफी गीत गाकर समां बांध दिया तो संगीत गुरू और इस कार्यक्रम के आयोजक कैलाश यादव ने अकेले हैं चले आओ जहां हो और गोरी तेरा गांव बड़ा प्यारा गीत गाकर माहौल में रूमानियत भर दी।
शौकिया गायकों ने गाए 32 गाने
इस शाम में पूरे 32 गानों को इन शौकिया गायकों ने परफार्म किया जिसमें जिंदगी हंसने गाने के लिए है पल दो पल..... हमसफर मेरे हमसफर, ओ रे मांझी, खई के पान बनारस वाला, सारा जमाना, आजा रे परदेशी, लागा चुनरी में दाग, ये है रेशमी जुल्फों का अंधेरा, तौबा ये मतवाली चाल एक तेरा साथ जैसे अपने ऐरा के सदाबहार नगमों को शामिल किया गया था।
संगीत संयोजन लाजवाब
आयोजन में
बेहतरीन सुरों का साथ देने और संभालने के लिए राजधानी के जाने माने संगीतकारों
कीबोर्ड पर मुकेश कटारे, लीड गिटार पर
संजीव झा, बेस गिटार पर संदीप वर्मा,
ऑक्टोपैड पर विक्की दांडे, ढोलक पर राजकुमार सक्सेना, तबले पर आनंद भट्टाचार्य संगीत कर रहे थे।
साउंड संयोजन मनोज खरे का था और कार्यक्रम की प्रस्तुति का जिम्मा बेहतरीन अनाउंसर
बद्र वास्ती को मिला था।
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