बांग्लादेश

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ अधिवक्ताओं ने निकाली रैली

भोपाल में जिला अधिवक्‍ता संघ के नेतृत्व में किया गया विराेध प्रदर्शन

भोपाल। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ भोपाल में जिला अधिवक्‍ता संघ के नेतृत्व में रैली निकाली गई और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन बुधवार को किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य न केवल बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाना था, बल्कि उन हिंदुओं के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करना भी था, जो बांग्लादेश में हिंसा के शिकार हुए हैं।

रैली का आयोजन और मार्ग

इस रैली का आयोजन जिला न्यायालय स्थित हनुमान मंदिर से प्रारंभ हुई, जिसमें बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं और समाज के अन्य सदस्यों ने भाग लिया। रैली का मार्ग शौर्य स्मारक और जेल रोड होते हुए वापस हनुमान मंदिर पर समाप्त हुआ। इस दौरान रैली में शामिल लोगों ने नारेबाजी की और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। रैली का मुख्य उद्देश्य भारत सरकार से इस मुद्दे पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की मांग करना था। 


श्रद्धांजलि सभा और वक्ताओं के विचार

रैली के समापन के बाद हनुमान मंदिर में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जहां बांग्लादेश में हिंसा का शिकार हुए हिंदुओं के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की गई। श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित वक्ताओं ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की कड़ी निंदा की और इस मुद्दे पर भारत सरकार से कठोर कदम उठाने की मांग की।

श्री रावत ने अपने संबोधन में कहा कि भारत सरकार ने बांग्लादेश का निर्माण किया था, लेकिन आज वहां हिंदू मंदिरों को तोड़ा जा रहा है, अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं, उनके घरों को जलाया जा रहा है और बहु-बेटियों के साथ दुष्कर्म किया जा रहा है। अगर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार इन घटनाओं को नहीं रोकती है, तो भारत को बांग्लादेश पर सीधी कार्रवाई करनी चाहिए और इस देश का भारत में विलय करना चाहिए। हिंदू समाज इन घटनाओं से गहराई से आहत है और अब और सहन नहीं कर सकता।

एनसी दास ने भी अपनी बात रखते हुए अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मानव अधिकारों के नाम पर अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं बांग्लादेश में हो रही इन घटनाओं पर आंखें बंद किए हुए हैं। यह बहुत ही चिंता का विषय है कि जब हिंदुओं पर इस तरह के जघन्य अत्याचार हो रहे हैं, तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस पर ध्यान नहीं दे रहा है।

राजेश व्यास ने केंद्र सरकार से तत्काल कार्रवाई करने की अपील की। उन्होंने कहा केंद्र सरकार को इस संदर्भ में तुरंत कदम उठाने चाहिए और बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।

विकास पांडे ने इस मौके पर कहा कि आज बड़ी संख्या में अधिवक्ता सड़कों पर उतरे हैं, यह संकेत है कि अगर जल्द ही इस मसले का समाधान नहीं किया गया, तो भारत का हर हिंदू इस जघन्य हत्याकांड के खिलाफ सड़कों पर उतरने के लिए तैयार है।  

अन्य प्रमुख वक्ताओं और श्रद्धांजलि अर्पित करने वाले व्यक्तियों का योगदान

श्रद्धांजलि सभा में अन्य प्रमुख वक्ताओं में पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र रावत, स्टेट बार काउंसिल के सदस्य राजेश व्यास, श्रीश श्रीवास्तव, रवि गोयल, साधना पाठक, नोटरी संघ के सचिव गोपाल वाजपेयी, संतोष शर्मा, भूपेश उपाध्याय, सरिता राजानी, अनिल गिरी और ज्ञान नारायण तिवारी शामिल थे। सभी ने बांग्लादेश में हुई हिंसा की कड़ी निंदा की और मृतकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।

इस अवसर पर हेम सिंह दांगी, अशोक तिवारी, अशोक विश्वकर्मा, राकेश तंबोली और समस्त सनातनी हिंदू अधिवक्ताओं ने इस घटना पर आक्रोश व्यक्त किया। उन्होंने मांग की कि भारत सरकार बांग्लादेश में हो रहे इन अत्याचारों को रोकने के लिए कठोर कदम उठाए और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाए।

सख्त कार्रवाई की मांग

यह रैली और श्रद्धांजलि सभा बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण विरोध था। इस आयोजन ने स्पष्ट संदेश दिया कि हिंदू समाज अब और चुप नहीं बैठेगा और इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई की मांग करेगा। भारत सरकार को इस मुद्दे पर त्वरित और कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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