भोपाल। संत निरंकारी मिशन के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण के लिए 2021 में शुरू की गई 'ओनेसी वन' परियोजना एक शानदार सफलता बनकर उभरी है। इस परियोजना का उद्देश्य पूरे भारत में 'मिनी वन' का निर्माण करना है, जिसमें पेड़ों के समूह लगाए और उनकी देखभाल की जा रही है। यह अभियान संत निरंकारी मिशन के भक्तों और स्वयंसेवकों के समर्पण और प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
संत निरंकारी मिशन के सचिव जोगिंदर सुखीजा ने बताया कि 'ओनेसी वन' परियोजना का पहला चरण 2021 में शुरू किया गया था, जिसमें पूरे भारत में लगभग डेढ़ लाख पौध लगाए गए थे। यह पौधे लगाते समय निरंकारी भक्तों ने जिस उत्साह का प्रदर्शन किया, वह केवल एक शुरुआत थी। उन्होंने न केवल इन पौधों को लगाया, बल्कि पूरे वर्ष उनकी देखभाल भी की, जिससे 'वृक्षों के समूह' तेजी से 'लघु वन' के रूप में विकसित हो गए। यह प्रयास न केवल पर्यावरणीय संतुलन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे प्रवासी और दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों की भी वापसी हो रही है, जो पहले लगभग विलुप्त हो चुके थे।
2022 में 'ओनेसी वन' परियोजना का दूसरा चरण भी बड़े उत्साह के साथ आयोजित किया गया। इस चरण में पौधों की संख्या बढ़कर लगभग 2 लाख हो गई। इस परियोजना के तहत लगाए गए पौधे की संख्या में हर साल लगातार वृद्धि हो रही है, और अब तक लगभग 2.50 लाख पौधे लगाए जा चुके हैं। यह पौधे फलदार और पोषक तत्वों से भरपूर बनाए जा रहे हैं, जिससे पर्यावरण को लाभ हो सके। मिशन के स्वयंसेवक इन पेड़ों की देखभाल के लिए स्थानीय जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार सर्वोत्तम जैविक खाद, स्वच्छ जल और सिंचाई की नवीनतम तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं, ताकि ये पौधे पूरी तरह से विकसित हो सकें।
संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन ने इस वर्ष 11 अगस्त को चौथे चरण का शुभारंभ किया है, जिसमें पूरे भारत में 600 से अधिक स्थानों पर 'वृहद पौधरोपण अभियान' आयोजित किया जा रहा है। इस महाभियान में मिशन के सभी अनुयायी और स्वयंसेवक शामिल होकर लगभग 10 लाख पौधे लगाएंगे। यह अभियान समाज कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है और इसका उद्देश्य तीन से पांच साल तक इन पौधों की देखभाल करना है, ताकि ये पेड़ 'मिनी फॉरेस्ट' के रूप में विकसित हो सकें।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय की भागीदारी
भोपाल के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय (IGRMS) ने भी इस अभियान में भाग लिया है। 11 अगस्त को सुबह 8 बजे, 'एक पेड़ मां के नाम - एकता वन' के नारे के तहत मेगा पौधरोपण अभियान चलाया गया। इस अभियान के माध्यम से मिशन ने एक बार फिर से पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
संत निरंकारी मिशन की 'ओनेसी वन' परियोजना पर्यावरण संरक्षण के प्रति मिशन की गंभीरता और समर्पण को दर्शाती है। कोरोना संकट के दौरान, जब दुनिया ने ऑक्सीजन की कमी का सामना किया, तब हमें पेड़ों के महत्व का एहसास हुआ। ये पेड़ न केवल हमारे पर्यावरण को सुरक्षित रखते हैं, बल्कि प्रदूषण को भी कम करते हैं और स्थानीय तापमान को नियंत्रित करते हैं। निरंकारी मिशन इस दिशा में लगातार प्रयासरत है और समय-समय पर ऐसे कल्याणकारी अभियानों को लागू करके पर्यावरण संरक्षण और पृथ्वी को सुंदर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
प्रेरणायदायक उदाहरण किया पेश
संत निरंकारी मिशन की 'ओनेसी वन' परियोजना एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे एक सामूहिक प्रयास से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा परिवर्तन लाया जा सकता है। इस परियोजना ने न केवल वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक सोच और पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी फैलाई है। मिशन के अनुयायी और स्वयंसेवक अपनी निष्ठा और मेहनत से इस परियोजना को एक नए स्तर पर पहुंचा रहे हैं, जिससे आने वाली पीढ़ियों को एक स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण मिल सकेगा।
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