भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के सिंचाई और जल प्रबंधन में सुधार के उद्देश्य से 614 करोड़ 53 लाख रुपये की सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना को मंजूरी दी गई। इस परियोजना से न केवल सिंचाई की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि क्षिप्रा नदी का जल प्रवाह भी बेहतर होगा। परियोजना के माध्यम से चितावद वृहद परियोजना में जल संग्रहण कर 65 ग्रामों के 18,800 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी। मंत्रिपरिषद द्वारा लिए गए ये फैसले राज्य के विकास और कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा और औद्योगिक क्षेत्रों में सुधार के प्रयासों को मजबूत करेंगे।
मंत्रिपरिषद द्वारा स्वीकृत इस परियोजना के अंतर्गत सिलारखेड़ी जलाशय की ऊंचाई बढ़ाई जाएगी, जिससे जलाशय की जल संग्रहण क्षमता में वृद्धि होगी। यह निर्णय राज्य के किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा, क्योंकि इससे सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध होगा। इस परियोजना के माध्यम से क्षिप्रा नदी को भी एक सतत और निर्मल प्रवाहमान नदी बनाया जा सकेगा, जो राज्य के जल प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
मंत्रिपरिषद ने नर्मदापुरम जिले की डोकरीखेड़ा जलाशय परियोजना के शेष कमाण्ड एरिया को पिपरिया शाखा नहर से जल उदवहन कर सूक्ष्म सिंचाई पद्धति के लिए 49 करोड़ 94 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। पिपरिया शाखा नहर की लाइनिंग के पश्चात, शेष जल का उपयोग कर परियोजना का सिंचाई क्षेत्र 2,000 हेक्टेयर से बढ़ाकर 2,940 हेक्टेयर किया जाएगा, जिससे 12 ग्रामों को रबी फसल के लिए सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। यह फैसला किसानों को रबी के मौसम में सिंचाई की सुविधा प्रदान करने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।
भारतमाला परियोजना के तहत धार जिले के पीथमपुर तहसील में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण में किसानों को उचित मुआवजा दिलाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। जामोदी ग्राम के 85 भू-धारकों को विशेष मुआवजा पैकेज के तहत 24 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय के तहत राज्य सरकार द्वारा 30 करोड़ 52 लाख रुपये का स्पेशल पैकेज प्रदान किया जाएगा, जिसमें से 15 करोड़ 26 लाख रुपये राज्य शासन द्वारा वहन किए जाएंगे।
मंत्रिपरिषद ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के उद्देश्य से लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में 18 नए पद सृजित करने और विभाग के 636 पदों का संविलियन करते हुए "संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा" के निर्माण को भी स्वीकृति दी। इस फैसले से स्वास्थ्य सेवाओं में प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी और चिकित्सा शिक्षा को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा। इसके अलावा सागर चिकित्सा महाविद्यालय में पीजी और यूजी सीटों की वृद्धि के लिए जिला अस्पताल और चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के विलय को भी स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रिपरिषद के इन फैसलों से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई और जल प्रबंधन में सुधार के प्रयासों को बल मिलेगा। खासतौर पर सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना और डोकरीखेड़ा जलाशय परियोजना से कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों को सिंचाई के लिए निर्भरता कम होगी।
मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क के निर्माण से राज्य में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी और स्थानीय किसानों को उचित मुआवजा प्रदान कर उनके हितों की रक्षा की जाएगी। इसके साथ ही स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में भी सुधार के लिए उठाए गए कदम राज्य के समग्र विकास में योगदान देंगे।
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