भोपाल। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने अपने 54वें स्थापना दिवस का भव्य आयोजन ज्ञान विज्ञान भवन के सभागृह में बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया। इस विशेष अवसर का उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगर निगम के अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. एसके जैन ने की। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय का 54वां स्थापना दिवस एक महत्वपूर्ण और यादगार आयोजन साबित हुआ, जिसमें सभी ने मिलकर विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का जश्न मनाया और भविष्य के लिए नए संकल्प लिए। यह दिन सभी के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत बना, और विश्वविद्यालय के उज्जवल भविष्य की दिशा में एक और कदम साबित हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना से हुआ, जिससे माहौल में एक पवित्रता और सकारात्मकता का संचार हुआ। उद्घाटन के अवसर पर ओरछा से पधारे विशेष कवि सुमित मिश्रा, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हरदेव सिंह, शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष प्रोफेसर अंशुजा तिवारी और विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के महासचिव धीरेन्द्र सिंह की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी विशेष बना दिया।
मुख्य अतिथि का उद्बोधन
मुख्य अतिथि किशन सूर्यवंशी ने विश्वविद्यालय के 162 कर्मचारियों को सम्मानित किया और अपने उद्बोधन में विश्वविद्यालय के प्रति अपनी भावनाएं प्रकट कीं। उन्होंने अपनी विश्वविद्यालय की यादों को ताजा करते हुए कहा, मैं इसी विश्वविद्यालय से पढ़ा हूं और इसी की कोर कमेटी में सदस्य की भूमिका भी मेरे द्वारा निभाई गई है। विश्वविद्यालय दिन पर दिन तरक्की करते हुए अपना परचम राष्ट्रीय एवं विश्व स्तर पर भी लहरा रहा है। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के 54वें स्थापना दिवस में सम्मिलित होकर मुझे अत्यंत हर्ष महसूस हो रहा है। मैं कर्मचारियों और संघ को आश्वासन देता हूं कि जब भी मेरी जरूरत होगी मैं आपके साथ हमेशा खड़ा रहूंगा। उन्होंने सभी कर्मचारियों, अधिकारियों और शिक्षकों से यह प्रण भी लिया कि वे आगामी वर्षों में पूरी तनमयता और लगन से विश्वविद्यालय के मान को उच्चतम स्तर तक पहुंचाने के लिए कार्य करते रहेंगे।
कुलगुरु का अध्यक्षीय उद्बोधन
अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलगुरु प्रो. एसके जैन ने कहा, हम यह संकल्प लेते हैं कि बरकतउल्ला विश्वविद्यालय को एक साथ मिलकर आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों को उनकी सेवाओं के लिए सम्मानित किया, जिन्होंने 15, 25, और 35 वर्ष के सेवाकाल को पूर्ण किया है। इसके साथ ही, 20 वर्ष के सेवाकाल को पूर्ण करने वाले स्थायी कर्मियों का भी सम्मान किया गया।
विशेष कवि सुमित मिश्रा की प्रस्तुति
कार्यक्रम में विशेष कवि सुमित मिश्रा ने अपनी कविताओं और रचनाओं के माध्यम से विश्वविद्यालय के परिवार को एक ऐसे माहौल में ले गए जहां सभी साथियों को देशभक्ति से भावपूर्ण कर दिया। उनकी कविताओं में राम को इस प्रकार परिभाषित किया गया कि विश्वविद्यालय परिवार भाव विभोर हो गया।
संगीतमय प्रस्तुति
कविताओं की प्रस्तुति के बाद संगीत के माध्यम से धर्मेंद्र जाट, जगत सिंह और कविता सक्सेना जी द्वारा संगीत की प्रस्तुति की गई, जिसने कार्यक्रम में एक और अद्भुत रंग भर दिया। संगीत ने सभी उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया और आयोजन को और भी यादगार बना दिया।
कार्यक्रम का संचालन और समापन
कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर अंशुजा तिवारी द्वारा किया गया, जिन्होंने अपनी उत्कृष्ट और सजीव प्रस्तुतियों से पूरे कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारीगण, शिक्षकगण, और अधिकारीगण उपस्थित रहे और उन्होंने इस ऐतिहासिक दिन को और भी खास बना दिया।
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