भोपाल। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में बुधवार को आयोजित आपातकालीन कार्यपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जो विश्वविद्यालय के छात्रों और संकाय के लिए उत्साहवर्धक हैं। बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी दीक्षांत समारोह की तैयारियों के साथ-साथ विश्वविद्यालय के लिए नई योजनाओं और परियोजनाओं पर चर्चा करना था। बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. एसके जैन ने की, जिसमें कार्यपरिषद के सभी प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे।
दीक्षांत समारोह के आयोजन की तारीखें तय
बैठक में दीक्षांत समारोह को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। तय किया गया कि 28 अगस्त को दीक्षारंभ कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जबकि 10 सितंबर को दीक्षांत समारोह होगा। इस वर्ष का दीक्षांत समारोह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि विश्वविद्यालय ने छात्रों के लिए डिजीटल मार्कशीट और डिग्री की व्यवस्था की है। छात्रों को उनकी डिग्री और मार्कशीट डीजिलॉकर के माध्यम से प्राप्त होगी, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुविधा बढ़ेगी। इस कदम से विश्वविद्यालय डिजिटल युग में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है, जिससे छात्रों को अपनी शैक्षणिक उपलब्धियों को आसानी से सहेजने और साझा करने में मदद मिलेगी।
कोऊषा किरण योजना के तहत 100 करोड़ की मंजूरी
बैठक में एक अन्य महत्वपूर्ण विषय पर भी चर्चा की गई, जो विश्वविद्यालय के लिए दीर्घकालिक प्रभाव वाला है। विश्वविद्यालय को कोऊषा किरण योजना के तहत 100 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। इस राशि का उपयोग विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे के विकास और शैक्षणिक सुधारों के लिए किया जाएगा। इस संदर्भ में, बैठक में डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) की समीक्षा की गई, जिसमें उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त द्वारा दिए गए सुझावों को भी शामिल किया गया। डीपीआर को अंतिम रूप देते हुए समिति की बैठकें 30 जून और 22 जुलाई को आयोजित की गईं, जबकि वित्त समिति की बैठकें 30 जून और 24 जुलाई को हुईं।
डीपीआर और उपकरण खरीदी पर चर्चा
बैठक में सदस्यों के समक्ष डीपीआर प्रस्तुत की गई और विस्तृत अवलोकन के बाद, कार्यों का अनुमोदन किया गया। इसके साथ ही, विश्वविद्यालय के लिए आवश्यक उपकरणों की खरीदारी के लिए शासन को अधिकृत करने का प्रस्ताव भी बैठक में मंजूर किया गया। यह निर्णय लिया गया कि निर्माण कार्य और अन्य परियोजनाओं में मध्य प्रदेश शासन और भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा।
कार्यपरिषद की बैठक में प्रमुख सदस्य
इस आपातकालीन बैठक में कार्यपरिषद के लगभग सभी सदस्य उपस्थित रहे। कुलपति एवं कार्यपरिषद अध्यक्ष प्रो. एसके जैन के साथ, प्रो. ताहिरा अब्बासी, प्रो. कुमरेश कश्यप, प्रो. हेमन्त खण्डई, प्रो. रत्नमाला आर्य, वीके अहिरवार, डॉ. शशिरंजन अकेला, डॉ. जूही गुप्ता, डॉ. भारती सातनकर, डॉ. एनपी जोशी, डॉ. रामकुमार भावसार, नीरज मरावी और डॉ. आईके मंसूरी (कुलसचिव एवं कार्यपरिषद सचिव) प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इस बैठक में सभी सदस्यों ने सक्रिय रूप से हिस्सा लिया और विश्वविद्यालय के भविष्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण निर्णयों में भागीदारी की।
भविष्य की योजनाओं पर जोर
इस बैठक के दौरान विश्वविद्यालय के लिए दीर्घकालिक योजनाओं पर भी चर्चा की गई। यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया कि विश्वविद्यालय आधुनिक तकनीकों और डिजिटल समाधानों का अधिकतम उपयोग कर सके। यह कदम छात्रों और संकाय को एक बेहतर शैक्षणिक माहौल प्रदान करेगा, जिससे उनकी शिक्षा और अनुसंधान के अनुभव में सुधार होगा।
बैठक के जरिए तैयार किया मजबूत आधार
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की इस आपातकालीन बैठक में लिए गए निर्णयों से न केवल आगामी दीक्षांत समारोह को सफल बनाने की दिशा में कदम उठाए गए, बल्कि विश्वविद्यालय के विकास और विस्तार के लिए भी मजबूत आधार तैयार किया गया। कोऊषा किरण योजना के तहत मिले 100 करोड़ रुपए का सही उपयोग सुनिश्चित करने के लिए डीपीआर की तैयारी और उपकरणों की खरीदारी पर जोर दिया गया। इसके साथ ही, विश्वविद्यालय के डिजिटल रूपांतरण की दिशा में भी महत्वपूर्ण प्रगति की गई है। इन सभी निर्णयों का उद्देश्य विश्वविद्यालय को शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है, जिससे छात्रों को उच्चतम स्तर की शिक्षा और सुविधाएं प्रदान की जा सकें।
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