भोपाल। टेक्स ला बार एसोसिएशन के तत्वावधान में अपने सदस्यों के लिए स्टडी सर्किल बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक को प्रमुख चार्टर्ड अकाउंटेंट नवनीत गर्ग ने संबोधित किया। बैठक का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय बजट 2024 में जीएसटी अधिनियम में किए गए महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में जानकारी देना और उनके प्रभावों पर चर्चा की। गर्ग ने व्यापारियों के लिए सुझाव दिया कि वे अपने कर मामलों में विशेषज्ञ सलाहकारों की सहायता लें और सभी आवश्यक दस्तावेजों और विवरणों को समय पर प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि सरकार के इन सुधारों का उद्देश्य व्यापारियों के लिए कर प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना है और यदि व्यापारी इनका सही तरीके से पालन करते हैं, तो वे निश्चित रूप से लाभान्वित होंगे।
केंद्रीय बजट 2024 में जीएसटी
नवनीत गर्ग ने बैठक की शुरुआत केंद्रीय बजट 2024 में जीएसटी अधिनियम में किए गए बदलावों पर प्रकाश डालते हुए की। उन्होंने बताया कि सरकार ने व्यापारियों के लिए वर्ष 2017-18, 2018-19, और 2019-20 के डिमांड आदेशों में शास्ति और ब्याज से छूट की घोषणा की है। गर्ग ने स्पष्ट किया कि यदि व्यापारी कर की मांग की राशि जमा कर देते हैं, तो उन्हें ब्याज और शास्ति की राशि जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह कदम व्यापारियों के लिए अत्यंत राहतकारी साबित होगा, क्योंकि इससे उनकी वित्तीय बोझ में कमी आएगी।
समन प्रक्रिया में सुधार
गर्ग ने यह भी बताया कि पहले विभाग द्वारा व्यापारियों को समन देकर बुलाया जाता था, लेकिन उसमें सलाहकार उपस्थित नहीं हो सकते थे। इस प्रक्रिया में व्यापारियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था। अब, सरकार ने यह प्रावधान किया है कि यदि अधिकारी अनुमति देते हैं, तो कर सलाहकार भी व्यापारी की ओर से समन की कार्रवाई में उपस्थित हो सकते हैं। यह सुधार व्यापारियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे वे अपने कर मामलों में विशेषज्ञ सहायता प्राप्त कर सकेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान अधिक प्रभावी ढंग से हो सकेगा।
धारा 16(6) में संशोधन
गर्ग ने नई धारा 16(6) के बारे में भी जानकारी दी, जिसके तहत निरस्त पंजीयन पुनः चालू करने के बाद यदि व्यापारी 30 दिनों में पुरानी बकाया विवरणी प्रस्तुत कर देते हैं, तो उस अवधि में उपलब्ध आइटीसी का क्लेम किया जा सकता है। यह प्रावधान पहले उपलब्ध नहीं था और व्यापारियों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा। गर्ग ने बताया कि इस संशोधन से व्यापारियों को पुराने बकाया का निपटान करने में आसानी होगी और वे अपने व्यवसाय को सुचारू रूप से चला सकेंगे।
धारा 74-ए का प्रावधान
जीएसटी अधिनियम की धारा 73 और 74 के अंतर्गत दिए जाने वाले शोकास नोटिस के बारे में चर्चा करते हुए गर्ग ने बताया कि इन धाराओं को समाप्त कर 1 अप्रैल 2024 से नई धारा 74-ए लागू की जा रही है। अब इस अवधि के बाद कोई भी नोटिस इसी धारा में जारी किए जाएंगे। इससे अलग-अलग धाराओं में होने वाली भ्रांतियों से मुक्ति मिलेगी और नोटिस जारी करने की प्रक्रिया सरल और स्पष्ट हो जाएगी। गर्ग ने बताया कि यह सुधार व्यापारियों और कर अधिकारियों के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने में मदद करेगा और विवादों के समाधान की प्रक्रिया को भी तेज करेगा।
बैठक में प्रमुख व्यक्तियों की उपस्थिति
इस महत्वपूर्ण बैठक में टेक्स ला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मृदुल आर्य, उपाध्यक्ष बच्चन आचार्य, सचिव मनोज पारख, कोषाध्यक्ष धीरज अग्रवाल, सहसचिव संदीप चौहान और वरिष्ठ सदस्य नरेंद्र रावत, विकास अग्रवाल, राजेश्वर दयाल, पंकज अग्रवाल, दीपक चक्रवर्ती आदि उपस्थित रहे।
बैठक का समापन
बैठक के अंत में सदस्यों ने नवनीत गर्ग का आभार व्यक्त किया और भविष्य में भी ऐसी जानकारीपूर्ण बैठकों की अपेक्षा जताई। गर्ग ने भी सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया और जीएसटी सुधारों के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को इन बदलावों का लाभ उठाना चाहिए और अपने व्यवसाय को अधिक प्रभावी और लाभकारी बनाने के लिए सरकार के इन प्रावधानों का समुचित उपयोग करना चाहिए।
टेक्स ला बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित इस बैठक ने कर सलाहकारों को जीएसटी सुधारों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। केंद्रीय बजट 2024 में किए गए ये सुधार व्यापारियों के लिए कई राहत और सुविधाएं लेकर आए हैं, और यदि वे इनका सही तरीके से उपयोग करते हैं, तो वे अपने व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।
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