भोपाल। कोलार क्षेत्र में स्थित अमरनाथ कॉलोनी रोड, सर्वधर्म डी सेक्टर पर श्री चिंतामण गणेश उत्सव समिति द्वारा आयोजित श्री चिंतामण जी महाराज की विशाल झांकी इन दिनों आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। गणेश उत्सव के इस भव्य आयोजन में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में भक्तगण दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन विशेष रूप से हुई महाआरती ने इस कार्यक्रम को और भी खास बना दिया। इस महाआरती में सैकड़ों भक्तजन शामिल हुए और 501 दीपों से बप्पा की आरती कर कोलार पर नया इतिहास रच दिया।
श्री चिंतामण गणेश जी महाराज की इस झांकी ने कोलार क्षेत्र में श्रद्धा और भक्ति का नया अध्याय लिखा है। झांकी में बप्पा की भव्य और विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है, जिसे देखने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। प्रतिमा का सौंदर्य और झांकी की सजावट इस उत्सव का मुख्य आकर्षण है। बप्पा की प्रतिमा को विभिन्न आभूषणों और वस्त्रों से सजाया गया है, और इसे देखने मात्र से भक्तों के चेहरे पर एक अनोखी खुशी झलकने लगती है।
श्रद्धालुओं के लिए इस झांकी का विशेष महत्व है। हर दिन सैकड़ों भक्त दर्शन के लिए आते हैं और श्री गणेश जी के आशीर्वाद की प्राप्ति करते हैं। झांकी के आयोजन में हर छोटे-बड़े पहलू का ध्यान रखा गया है, जिससे यह एक अविस्मरणीय अनुभव बन रहा है। समिति के अध्यक्ष कल्पित भटनागर और उनके साथियों ने इस आयोजन को एक सफल और भव्य रूप देने के लिए कड़ी मेहनत की है।
गणेश उत्सव के इस आयोजन की विशेषता महाआरती रही, जिसमें माताओं और बहनों ने विशेष रूप से 501 दीपों से भगवान श्री गणेश की आरती की। इस अद्वितीय आयोजन ने कोलार क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया, जहां इतनी बड़ी संख्या में दीपों से आरती का आयोजन पहली बार हुआ।
आरती के दौरान भक्तों का जोश और भक्ति देखते ही बनती थी। जैसे ही 501 दीप जलाए गए, समूचे वातावरण में एक अद्भुत ऊर्जा फैल गई। भक्तों ने एक साथ भगवान गणेश की स्तुति में गीत गाए और वातावरण में "गणपति बप्पा मोरया" के जयकारे गूंज उठे। यह दृश्य इतना अद्भुत था कि हर किसी की आंखों में श्रद्धा के भाव झलकने लगे।
महाआरती के बाद श्री चिंतामण गणेश जी को 56 भोग अर्पित किए गए। 56 भोग का यह अनुष्ठान भक्तों के बीच विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह भगवान के प्रति असीम प्रेम और समर्पण का प्रतीक है। बप्पा को अर्पित किए गए 56 प्रकार के भोग में मिठाई, फल, मेवा और अन्य प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन शामिल थे।
भोग अर्पण के बाद, इन व्यंजनों को प्रसाद के रूप में सैकड़ों श्रद्धालुओं के बीच बांटा गया। प्रसाद ग्रहण करने के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगी थीं और हर कोई बप्पा के प्रसाद को लेकर आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उत्साहित था।
गणेश उत्सव के इस भव्य आयोजन में न केवल स्थानीय निवासी, बल्कि दूर-दूर से आए भक्त भी शामिल हुए। प्रतिदिन श्री चिंतामण गणेश जी के दर्शन करने के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। झांकी की भव्यता और गणेश जी की महिमा ने हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया है।
महाआरती के दिन विशेष रूप से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हुआ, जिससे आयोजन स्थल पर एक उत्सव का माहौल बना रहा। भक्तगण सुबह से ही दर्शन के लिए पहुंचने लगे और शाम होते-होते स्थल पर सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्रित हो गए।
समिति के अध्यक्ष कल्पित भटनागर ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए अपनी टीम के साथ मिलकर दिन-रात मेहनत की है। उनका कहना है श्री चिंतामण गणेश जी महाराज की कृपा से इस बार का गणेश उत्सव पहले से कहीं अधिक भव्य और सफल रहा है। भक्तों की इतनी बड़ी संख्या में उपस्थिति हमारे लिए गर्व की बात है। हमने पूरी कोशिश की है कि हर भक्त को बप्पा के दर्शन और आरती का आनंद प्राप्त हो सके।
श्री चिंतामण गणेश उत्सव समिति ने इस सफल आयोजन के बाद भविष्य में और भी बड़े और भव्य आयोजनों की योजना बनाई है। समिति के सदस्य इस उत्सव को हर साल और भी भव्य रूप देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनकी योजना है कि अगले साल गणेश उत्सव को और भी अधिक व्यापक स्तर पर मनाया जाए, जिसमें और भी विशेष झांकियां, महाआरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हों।
समिति के उपाध्यक्ष ने कहा इस बार के आयोजन ने हमारी टीम को और भी प्रेरणा दी है। अगले साल हम इसे और भी भव्य रूप से मनाने की योजना बना रहे हैं। हमारा उद्देश्य है कि भगवान गणेश की महिमा और भक्तों की श्रद्धा को एक साथ लाकर एक ऐसा आयोजन करें, जो सभी के लिए यादगार बने।
श्री चिंतामण गणेश उत्सव समिति द्वारा आयोजित यह गणेश उत्सव न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है। यह आयोजन भक्तों के दिलों में बप्पा के प्रति आस्था को और भी गहरा बना रहा है।
हर रोज सैकड़ों भक्त श्री चिंतामण गणेश जी के दरबार में उपस्थित होकर उनकी कृपा प्राप्त कर रहे हैं। भक्तों की आस्था और भगवान गणेश की महिमा के प्रति उनका विश्वास इस उत्सव को एक विशेष रूप दे रहा है।
कोलार क्षेत्र में बप्पा की यह विशाल प्रतिमा और भव्य झांकी भक्तों के लिए न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि आस्था और विश्वास का एक जीवंत प्रतीक बन गई है।
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