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डीएवी के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं और उत्कृष्ट शिक्षिकाओं का हुआ सम्मान

भारत विकास परिषद महावीर शाखा द्वारा डीएवी विद्यालय में गुरु वंदना कार्यक्रम

भोपाल। भारत विकास परिषद महावीर शाखा द्वारा डीएवी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, अवधपुरी में "गुरु वंदना" कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर कक्षा दसवीं के उन छात्र-छात्राओं का सम्मान किया गया जिन्होंने हिंदी और अंग्रेजी विषयों में सर्वाधिक अंक प्राप्त किए थे। साथ ही, उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के पीछे मार्गदर्शक रहीं शिक्षिकाओं, सीमा चौरसिया और मंजू विश्वास, का भी शाल और श्रीफल से सम्मान कर उनका आभार व्यक्त किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत भारत विकास परिषद के प्रांतीय कोषाध्यक्ष, दीपक मिश्रा द्वारा की गई। उन्होंने छात्रों को भारत विकास परिषद की गतिविधियों और उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि परिषद का मुख्य उद्देश्य समाज के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करना है, जिसमें शिक्षा, संस्कार और राष्ट्रीयता के मूल्यों को बढ़ावा देना शामिल है।

श्री मिश्रा ने छात्रों को आगामी समूह गान प्रतियोगिता और "भारत को जानो" प्रतियोगिता के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने छात्रों को इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने और उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। उनका कहना था कि इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने से न केवल उनकी शैक्षणिक क्षमताओं का विकास होगा, बल्कि वे भारतीय संस्कृति और इतिहास के प्रति अपनी समझ को भी और गहरा कर सकेंगे।


कार्यक्रम में भारत विकास परिषद महावीर शाखा के अध्यक्ष मनीष बंसल, सचिव नवनीत राठी और सदस्य मृदुल आर्य भी उपस्थित थे। उन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने में अपना योगदान दिया और छात्रों के उत्साहवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

स्कूल के प्राचार्य, रतन लाल आर्य ने भी इस अवसर पर अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए न केवल छात्रों का, बल्कि उनके शिक्षकों का भी सम्मान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह सम्मान न केवल उनके मेहनत और समर्पण का प्रतीक है, बल्कि यह अन्य छात्रों और शिक्षकों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनता है।

श्री आर्य ने छात्रों को निरंतर मेहनत करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल अंक प्राप्त करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू में उत्कृष्टता प्राप्त करने का साधन है। उन्होंने यह भी बताया कि शिक्षक और विद्यार्थी के बीच का संबंध गुरु-शिष्य परंपरा का सबसे उत्तम उदाहरण है और इस परंपरा को बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।

कार्यक्रम के दौरान छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए और उन्होंने अपनी सफलता के लिए शिक्षकों के मार्गदर्शन और समर्थन का धन्यवाद किया। छात्रों ने इस सम्मान को अपने शिक्षकों और परिवार को समर्पित किया और कहा कि यह सम्मान उन्हें और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करेगा।

गुरु वंदना कार्यक्रम का आयोजन एक बेहद भावनात्मक और प्रेरणादायक माहौल में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया कि शिक्षा और संस्कार के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्यों का सम्मान न केवल व्यक्ति को प्रेरित करता है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है।

अंत में, सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए विद्यालय प्रशासन और भारत विकास परिषद महावीर शाखा की सराहना की। उन्होंने इस तरह के आयोजनों की महत्ता को स्वीकार करते हुए भविष्य में भी ऐसे प्रेरणादायक कार्यक्रमों के आयोजन की अपेक्षा की।

इस कार्यक्रम ने शिक्षा के क्षेत्र में गुरुओं के योगदान को पहचानने और छात्रों को उनके लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के महत्व को और भी उजागर किया। यह आयोजन इस बात का जीता जागता उदाहरण है कि सही दिशा में किया गया प्रयास न केवल व्यक्ति को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाता है, बल्कि समाज को भी एक नई दिशा प्रदान करता है।

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