भोपाल। पेशे से बिजनेसमैन और बुद्धिरूट फिलॉसफी में गहरी रुचि रखने वाले विवेक राय मारवाह की द माइंड ट्रैवलर - वॉरियर ऑफ शाका पर चर्चा व बुक लॉन्च का आयोजन क्लब लिटराटी द्वारा किया गया। अरेरा क्लब में आयोजित इस बुक टाक में क्लब की प्रेसिडेंट डॉ. सीमा रायजादा ने लेखक विवेक से चर्चा की। इस दौरान विवेक ने बताया कि यह सिर्फ एक मनोरम काल्पनिक उपन्यास नहीं है, बल्कि यह सेल्फ डिस्कवरी, मिस्ट्री और एडवेंचरस कहानी है जो कहीं न कहीं हम सभी के जीवन से कनेक्ट करती है। यह पुस्तक तिब्बती एवं भारत के अन्य क्षेत्रों के मठवासियों से मिलने एवं उनके वास्तविक जीवन के उपाख्यानों से प्रेरित है। यह संकल्प नाम के एक युवा लड़के की अकल्पनीय त्रासदी से जूझने की कहानी है जो उसे परिवर्तन के पथ पर आगे बढ़ाती है जो भौतिक क्षेत्र से परे है। उन्होंने कहा कि जीवन की सबसे बड़ी लड़ाई मनुष्य के दिमाग में लड़ी जाती है इसलिए मन की शक्ति अभूतपूर्व है। इसे अभ्यास के साथ नियंत्रित किया जा सकता है।
क्षमा, मन की शक्ति की खोज
सीमा रायजादा ने
कहा कि विवेक की लेखनी लुभावने परिदृश्यों को चित्रित करती है जो कि हिमालय की
शांत चोटियों से लेकर ल्हासा की हलचल भरी दुनिया दिखाती है। द माइंड ट्रैवलर एक
रोमांचकारी पलायन से कहीं अधिक है। यह क्षमा, मन की शक्ति और कई विषयों
की गहन खोज है। इसमें बौद्ध दर्शन और आध्यात्मिक यात्राएं गहराई से प्रभावित करती
हैं।
त्रासदी से सशक्त
मन यात्री तक की कहानी
संकल्प की दुनिया
तब तहस-नहस हो जाती है जब निर्दयी सेनापित दरकन डूड्रा द्वारा उसके परिवार की
बेरहमी से हत्या कर दी जाती है। पहाड़ों में शरण की तलाश में, वह एक छिपी हुई गुफा पर ठोकर खाता है और कलिम्पोंग, एक बुद्धिमान साधु से मिलता है जो संकल्प की आंतरिक क्षमता को पहचानता है।
कलिम्पोंग के मार्गदर्शन में, संकल्प अपनी असाधारण क्षमताओं को जागृत करता है, और एक माइंड ट्रैवलर बन जाता है जो भौतिकी के ज्ञात नियमों से परे विभिन्न
आयामों को नेविगेट करने में सक्षम है। तिब्बती संस्कृति और बौद्ध दर्शन कहानी में
गहराई और प्रामाणिकता जोड़ते हैं। जीवन, मृत्यु, अच्छाई बनाम बुराई और मन की शक्ति पूरी कथा में गूंथी हुई है। कार्यक्रम में इस मौके परअमिता सिंह ने धन्यवाद
ज्ञापित किया।
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