भोपाल। मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में दिवाली का यह वर्ष विशेष रहा, क्योंकि इस अवसर पर मैनिट फैमिली क्लब ने एक अनूठे दिवाली समारोह का आयोजन किया, जिसमें संस्थान के सेवानिवृत्त प्रोफेसरों, उनके परिवारों और वर्तमान संकाय सदस्यों को एक साथ आमंत्रित किया गया। इस आयोजन ने मैनिट की सामुदायिक भावना, परंपराओं और पूर्व संकाय के प्रति सम्मान को बढ़ावा देते हुए एक शानदार अनुभव प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल दीपावली पर्व का जश्न मनाना था, बल्कि पूर्व और वर्तमान संकाय सदस्यों के बीच का संबंध और सहयोग मजबूत करना भी था। इस आयोजन में जहां पुराने मित्रों के साथ पुनर्मिलन हुआ, वहीं नए और पुराने संकाय सदस्यों के बीच परिचय और संवाद का मौका भी मिला। इस प्रकार मैनिट ने एक बड़े परिवार की भावना को साकार किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और उत्सव की रंगीन शाम
दिवाली समारोह का आरंभ सांस्कृतिक प्रदर्शनों से हुआ, जहां संकाय सदस्यों और उनके परिवारों ने विभिन्न कलाओं का प्रदर्शन किया। नृत्य, गायन, कविता पाठ और नाट्य प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। छोटे बच्चों ने रंग-बिरंगे परिधानों में रंगोली प्रतियोगिता और अन्य खेल गतिविधियों में भाग लेकर समां बांध। इन प्रस्तुतियों ने उपस्थित लोगों को न केवल भरपूर मनोरंजन किया, बल्कि प्रतिभागियों के बीच छिपी हुई प्रतिभाओं को भी उजागर किया।
इस दौरान खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं, जिसमें बच्चों और बुजुर्गों ने समान रूप से भाग लिया। इस तरह के आयोजनों में परिवारों के बीच संवाद और मेलजोल का अवसर मिला और पुरानी यादें भी ताजा हो गईं। सेवानिवृत्त संकाय सदस्यों ने मैनिट के प्रति अपने गहरे लगाव और गौरव को व्यक्त किया, जिससे नए सदस्यों को प्रेरणा मिली।
इस कार्यक्रम में मैनिट के डायरेक्टर, डॉ. करुणेश कुमार शुक्ला ने भी भाग लिया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा यह उत्सव हमें एक परिवार की तरह एक साथ लाता है और पीढ़ियों को जोड़ता है। हमें अपने सेवानिवृत्त संकाय का सम्मान करने का यह अवसर पाकर गर्व महसूस हो रहा है। उन्होंने मैनिट को एक प्रतिष्ठित संस्थान बनाने में अमूल्य योगदान दिया है। डॉ. शुक्ला के इन शब्दों ने संकाय सदस्यों के साथ संस्थान के गहरे बंधन को रेखांकित किया। इस दौरान कई सेवानिवृत्त प्रोफेसरों ने अपने अनुभव साझा किए, जिससे नई पीढ़ी को प्रेरणा मिली।
मैनिट की ओर से सेवानिवृत्त संकायों को सम्मानित करने का यह प्रयास न केवल एक सराहनीय कदम था, बल्कि संस्थान की परंपरा और उसके प्रति पूर्व संकायों की आस्था को बनाए रखने का प्रतीक भी था। इस सम्मान समारोह में सभी ने यह महसूस किया कि वे मैनिट परिवार का हिस्सा हैं और यह संबंध हमेशा बना रहेगा।
दिवाली समारोह की शाम दीपों की रोशनी से सजी हुई थी, जिससे पूरे परिसर में त्योहार का माहौल बन गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सम्मान समारोह के बाद एक पारंपरिक दिवाली रात्रिभोज का आयोजन किया गया। इस भोज में संकाय सदस्यों ने परिवारों के साथ उत्सव का आनंद उठाया और मिलकर भोजन किया। इस दौरान अनुभवों, कहानियों और भविष्य की योजनाओं पर बातचीत हुई, जिसने एक आत्मीयता का माहौल बना दिया।
इस रात्रिभोज में खासतौर पर भारतीय व्यंजन परोसे गए, जिसने दीपावली की पारंपरिक झलक को और भी आकर्षक बना दिया। यहां संकाय सदस्यों ने अपने-अपने अनुभव साझा किए और मैनिट के प्रति अपने जुड़ाव और प्रेम को व्यक्त किया। बच्चों और युवा सदस्यों के बीच यह आयोजन भारतीय परंपराओं के प्रति आस्था को बढ़ाने का एक प्रभावी माध्यम भी साबित हुआ।
मैनिट द्वारा आयोजित इस दिवाली समारोह ने एक परिवार की भावना को न केवल शब्दों में बल्कि कार्यों में भी साकार किया। यह आयोजन संस्थान की सामुदायिक भावना को मजबूत करने और अपने सेवानिवृत्त और वर्तमान सदस्यों के बीच गहरे बंधन को बढ़ाने के लिए एक आदर्श अवसर बन गया।
यह कार्यक्रम इस बात का प्रतीक था कि मैनिट केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं है, बल्कि एक ऐसा परिवार है जहां संकाय, छात्र और पूर्व संकाय एक-दूसरे के साथ जुड़े रहते हैं। इस आयोजन ने मैनिट की प्रतिबद्धता को उजागर किया कि वह अपने सदस्यों के साथ आजीवन बंधन बनाए रखेगा और भारतीय परंपराओं को जीवित रखेगा।
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