भोपाल। इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार इंजीनियरिंग संस्थान (IETE) द्वारा 14 सितंबर को आयोजित 67वें वार्षिक आईईटीई सम्मेलन में डॉ. लक्ष्मी कुमरे को उनके उत्कृष्ट शोध कार्य के लिए प्रतिष्ठित एसके मित्रा पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें उनके शोध पत्र "CNTFET टेक्नोलॉजी में कैपेसिटिव थ्रेशोल्ड लॉजिक का उपयोग करके कुशल टर्नरी कंप्रेसर डिजाइन" के लिए प्रदान किया गया। इस शोध पत्र में डॉ. कुमरे के साथ डॉ. तृप्ति शर्मा सह-लेखक के रूप में जुड़ी हैं, जिन्होंने डॉ. कुमरे के मार्गदर्शन में पीएचडी पूरी की है।
शोध का विषय और उसकी उपयोगिता
डॉ. कुमरे का शोध पेपर CNTFET (Carbon NanoTube Field Effect Transistor) टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए कैपेसिटिव थ्रेशोल्ड लॉजिक पर आधारित टर्नरी कंप्रेसर डिजाइन से जुड़ा है। यह शोध उन्नत इलेक्ट्रॉनिक्स सर्किट डिजाइन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देता है, जिसमें पारंपरिक सर्किट्स की तुलना में अधिक दक्षता और कम बिजली की खपत होती है। विशेष रूप से टर्नरी कंप्रेसर डिजाइन मल्टी-वैल्यूड लॉजिक सर्किट्स में उपयोग किया जाता है, जो परफॉर्मेंस और ऊर्जा खपत दोनों के लिहाज से अत्यधिक प्रभावशाली होता है।
डॉ. कुमरे के शोध का मुख्य उद्देश्य उच्च गति और कम पावर वाले सर्किट्स का निर्माण करना है, जो विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों में उपयोगी सिद्ध हो सकते हैं। यह शोध न केवल इलेक्ट्रॉनिक्स और सर्किट डिजाइन के क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करता है, बल्कि यह पर्यावरण अनुकूल तकनीकों के विकास में भी सहायक है, क्योंकि कम बिजली खपत वाले सर्किट्स से ऊर्जा की बचत होती है।
डॉ. लक्ष्मी कुमरे का योगदान और प्रेरणा
डॉ. कुमरे, जिन्होंने अपने शोध और अकादमिक योगदान से उच्च मानदंड स्थापित किए हैं, इस सम्मान को प्राप्त करके न केवल अपनी व्यक्तिगत उपलब्धि का प्रदर्शन किया है, बल्कि यह देश के शोधकर्ताओं और इंजीनियरों के लिए प्रेरणा का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी बन गया है। उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण शोध प्रोजेक्ट्स पर काम किया है और उच्च शिक्षण संस्थानों में शोधार्थियों का मार्गदर्शन किया है। उनके इस शोध को प्रतिष्ठित एसके मित्रा पुरस्कार से सम्मानित किया जाना, उनके उत्कृष्ट शोध कार्य और उनकी अकादमिक समर्पण का प्रमाण है।
सह-लेखक डॉ. तृप्ति शर्मा का योगदान
इस शोध पत्र में सह-लेखक के रूप में डॉ. तृप्ति शर्मा का भी योगदान उल्लेखनीय है। डॉ. कुमरे के मार्गदर्शन में पीएचडी पूरी करने वाली डॉ. तृप्ति शर्मा ने शोध के विभिन्न पहलुओं पर गहन अध्ययन और योगदान दिया। उनका यह शोध आधुनिक तकनीक में संभावित क्रांति ला सकता है और इस दिशा में उनका कार्य अत्यंत सराहनीय है।
सम्मेलन में पुरस्कार का वितरण
भोपाल में आयोजित आईईटीई के 67वें वार्षिक सम्मेलन में देश भर से इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार इंजीनियरिंग के क्षेत्र के कई प्रमुख शोधकर्ता, शिक्षक और उद्योग के विशेषज्ञ उपस्थित हुए। इस अवसर पर डॉ. कुमरे को एसके मित्रा पुरस्कार प्रदान करते हुए संस्थान के अध्यक्ष ने उनके योगदान की सराहना की और उनके द्वारा किए गए शोध कार्य को इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के क्षेत्र में एक मील का पत्थर बताया।
भविष्य की दिशा
डॉ. कुमरे और डॉ. शर्मा का यह शोध भविष्य में इलेक्ट्रॉनिक्स सर्किट डिजाइन और ऊर्जा दक्षता में व्यापक प्रभाव डाल सकता है। उनके इस शोध के परिणामस्वरूप, उच्च प्रदर्शन वाले और ऊर्जा-संवेदनशील डिवाइसेस का विकास हो सकता है, जो भविष्य की प्रौद्योगिकी में अहम भूमिका निभाएंगे।
यह पुरस्कार न केवल डॉ. कुमरे और उनके सह-लेखक के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि यह भारतीय अनुसंधान और तकनीकी क्षेत्र के लिए भी गर्व का विषय है। उनके इस उत्कृष्ट कार्य से आने वाली पीढ़ियों के लिए शोध और नवाचार की दिशा में एक नई प्रेरणा मिलेगी।
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