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निर्भया साहित्य सम्मान से विभूषित हुईं डॉ. प्रियंका 'प्रियांजलि'

निर्भया साहित्यिक, सामाजिक महिला कल्याण संस्थान द्वारा हिंदी भवन में काव्य उत्सव कार्यक्रम का आयोजन

भोपाल। हिंदी भवन में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान, निर्भया साहित्यिक, सामाजिक महिला कल्याण संस्थान द्वारा कवयित्री डॉ. प्रियंका 'प्रियांजलि' को उनकी साहित्यिक उपलब्धियों और योगदान के लिए निर्भया साहित्य सम्मान से विभूषित किया गया। यह सम्मान भादौ मास में उनकी साहित्य साधना और योगदान को देखते हुए प्रदान किया गया, जिससे राजधानी के साहित्यिक जगत में हर्ष का माहौल बना। इस अवसर पर एक काव्य गोष्ठी भी आयोजित की गई, जिसमें वरिष्ठ और नवोदित कवियों ने अपनी रचनाओं का सजीव पाठ किया और हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में अपनी कविताओं के माध्यम से हिंदी भाषा की महत्ता और सुंदरता का गुणगान किया।

काव्य गोष्ठी: हिंदी भाषा का उत्सव

कार्यक्रम की शुरुआत काव्य गोष्ठी से हुई, जिसमें राजधानी के वरिष्ठ और युवा रचनाकारों ने भाग लिया। हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित इस गोष्ठी में कवियों ने हिंदी भाषा की महिमा और उसके योगदान को अपनी कविताओं के माध्यम से प्रस्तुत किया। वरिष्ठ कवियों ने जहां अपनी अनुभवों से भरी रचनाओं को साझा किया, वहीं नए कवियों ने अपनी ताजगी भरी रचनाओं से कार्यक्रम में नयी ऊर्जा का संचार किया।

कवयित्री प्रमिला 'मीता' ने कार्यक्रम का संचालन किया और बताया कि संस्थान द्वारा हर माह एक महिला कवयित्री को उसकी साहित्यिक उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया जाता है। इसी क्रम में इस बार भादौ मास का निर्भया साहित्य सम्मान डॉ. प्रियंका 'प्रियांजलि' को उनकी उत्कृष्ट साहित्यिक यात्रा और योगदान के लिए दिया जा रहा है। उनकी कविता और साहित्यिक प्रतिभा ने न केवल भोपाल बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है।

डॉ. प्रियंका ‘प्रियांजलि’ को मिला सम्मान

कवयित्री डॉ. प्रियंका 'प्रियांजलि' को इस अवसर पर सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनके साहित्यिक योगदान, उनकी कविताओं की गहराई और समाज पर उनके प्रभाव को ध्यान में रखते हुए दिया गया। डॉ. प्रियंका 'प्रियांजलि' ने हिंदी साहित्य में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है और उनकी रचनाएं समाज के विभिन्न पहलुओं पर विचारशील दृष्टिकोण प्रस्तुत करती हैं।

सम्मान समारोह के दौरान, विभिन्न साहित्यिक संस्थानों और संगठनों ने उन्हें बधाई दी। देवनागरी हिंदी भाषा सम्वर्धन एवं शोध संस्थान, साहित्य साधना मंच सीहोर, शब्दाक्षर जिला इकाई भोपाल, और आरिणी चेरिटेबल फाउंडेशन सहित कई साहित्यकारों और उनके मित्रों ने इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त किया और डॉ. प्रियंका को शुभकामनाएं दीं।

डॉ. प्रियंका 'प्रियांजलि' ने इस अवसर पर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा यह सम्मान मेरे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह न केवल मेरी साहित्यिक यात्रा की सराहना है, बल्कि मुझे और अधिक प्रेरित करता है कि मैं हिंदी भाषा और साहित्य की सेवा में अपनी पूरी क्षमता से कार्य करती रहूं। मैं आभारी हूं कि मेरे कार्यों को इस तरह से सराहा गया और मैं इस सम्मान को अपने सभी सहयोगियों, मित्रों और परिवार के साथ साझा करना चाहूंगी।

संस्थान की महत्वपूर्ण पहल

निर्भया साहित्यिक, सामाजिक महिला कल्याण संस्थान द्वारा यह एक महत्वपूर्ण पहल है कि हर महीने एक महिला कवयित्री को सम्मानित किया जाता है। यह पहल न केवल साहित्य में महिलाओं के योगदान को प्रोत्साहित करती है, बल्कि उनके लिए एक मंच भी प्रदान करती है, जहां वे अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित कर सकती हैं।

संस्थान की अध्यक्ष और प्रतिष्ठित कवयित्री प्रमिला 'मीता' ने बताया कि संस्थान का उद्देश्य महिलाओं के साहित्यिक योगदान को प्रोत्साहित करना और उन्हें उनके कार्यों के लिए सम्मानित करना है। हर माह किसी एक कवयित्री को सम्मानित करने का यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण और साहित्यिक उन्नति का प्रतीक है। इस प्रयास से साहित्यिक जगत में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी को भी प्रोत्साहन मिलता है और उनकी रचनाओं को व्यापक रूप से पहचान मिलती है।

हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में रचनाओं का पाठ

हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित काव्य गोष्ठी में कवियों ने हिंदी भाषा के महत्व और उसकी भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से बताया कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारे समाज की आत्मा है। इस गोष्ठी ने प्रतिभागियों को एक मंच दिया, जहां वे अपनी भावनाओं को कविताओं के माध्यम से व्यक्त कर सके।

कार्यक्रम के अंत में डॉ. प्रियंका 'प्रियांजलि' के सम्मान के साथ एक सामूहिक धन्यवाद ज्ञापन किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी साहित्यकारों और कवियों ने इस आयोजन की सराहना की और इसे एक प्रेरणादायक कार्यक्रम बताया।

साहित्य के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की पहल 

डॉ. प्रियंका 'प्रियांजलि' को निर्भया साहित्य सम्मान से सम्मानित किया जाना न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह हिंदी साहित्य और भाषा के प्रति उनके समर्पण की भी सराहना है। इस प्रकार के आयोजनों से साहित्यिक समुदाय को न केवल प्रोत्साहन मिलता है, बल्कि युवा और नवोदित रचनाकारों के लिए भी यह प्रेरणा का स्रोत बनता है। निर्भया साहित्यिक, सामाजिक महिला कल्याण संस्थान द्वारा इस प्रकार की पहल से साहित्य के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा मिलता है और उनकी साहित्यिक यात्रा को एक नई दिशा मिलती है।

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