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भारत भवन में विरासत की गूंज: 42वें वर्षगांठ समारोह का भव्य आयोजन

भोपाल के प्रतिष्ठित भारत भवन में आयोजित 42वें वर्षगांठ समारोह की विस्तृत रिपोर्ट, जहां बेगम परवीन सुल्ताना और गौतम काले जैसे शास्त्रीय संगीत के दिग्गज कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत लिया। इस समारोह में लोक गायन, गोंड चित्रकला प्रदर्शनी, और नाटक 'रावण वध' की प्रस्तुतियों सहित विभिन्न कला रूपों का उत्सव मनाया गया। यह लेख भोपाल में कला और संस्कृति के प्रेमियों के लिए एक अनूठे अनुभव का वर्णन करता है, जिसे आप निश्चित रूप से पढ़ना चाहेंगे।

42वा वर्षगांठ समारोह, Day-2
विज्ञप्ति 14.02.2024

भोपाल | भारत भवन में 42वें वर्षगांठ समारोह के दूसरे दिन श्री गौतम काले और सुश्री परवीन सुल्ताना की हुई प्रस्तुति


बेगम परवीन सुल्ताना के सुरो से महक उठा बहुकला केंद्र का सभागार

भोपाल। भारत भवन में आयोजित विविध कलाओं के उत्सव 42वें वर्षगांठ समारोह के दूसरे दिन बुधवार को दो संगीत की सभाएं हुईं। जिस झीलों की नगरी भोपाल में वर्षों तक बेगमों का शासन रहा है। उसी झील किनारे बसा भारत भवन का अंतरंग सभागार पुनः बेगम के मधुर सुरों से महक उठा। इस बार यह सुर किसी शासक बेगम के नहीं बल्कि शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में प्रतिष्ठित नाम पद्श्री गायिका बेगम परवीन सुल्ताना के थे। इसमें पद्म भूषण शास्त्रीय गायिका बेगम परवीन सुल्ताना ने गायन प्रस्तुति से श्रोताओं का दिल जीत लिया। वर्षगांठ समारोह में भारत भवन के आमंत्रण पर भोपाल पधारी सुश्री बेगम परवीन सुल्ताना को सुनने बड़ी संख्या में कला प्रेमी भारत भवन पहुंचे। इससे पहले गायक कलाकार श्री गौतम काले का गायन हुआ। इससे पूर्व भारत भवन के न्यासी श्री विजय मनोहर तिवारी ने कलाकारों का साहित्य भेंट कर स्वागत किया। इस अवसर पर फिल्म अभिनेता श्री नितीश भारद्वाज सहित बड़ी संख्या में कलाप्रेमी उपस्थित हुए।

गुलाल हमारी आंखिन में जिन डारो जूं...

वर्षगांठ समारोह के दूसरे दिन का आगाज श्री गौतम काले के गायन के साथ हुआ। इस दौरान श्री काले ने राग दिन की पुरिया का चयन करते हुए बड़ा ख्याल में विलंबित एकताल की बंदिश रात बस आयो मोरे मंदिरवा... को सुनाया। प्रस्तुति के क्रम को आगे बढ़ाते हुए कलाकार श्री गौतम ने छोटा ख्याल में मध्यलय तीन ताल को पेश किया। जिसमें उन्होंने बंदिश चलो चलो री आली मंदिरवा... की मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति दी। प्रस्तुति के क्रम को आगे बढ़ाते हुए श्री गौतम ने राग आदि बसंत का चयन किया। इसमें उन्होंने मध्यलय रूपक में बंदिश बन-बन बोलत कोयलिया आयी बसंत बहरिया... को सुनाते हुए प्रस्तुति के समापन के लिए राग मिश्र और आदि बसंत का चयन किया। इस राग में उन्होंने भजन हवेली संगीत लाल गोपाल गुलाल हमारी आंखिन में जिन डारो जूं... रचना को सुनाते हुए प्रस्तुति को विराम दिया। श्री गौतम की इस प्रस्तुति में उनके साथ हारमोनियम पर दीपक खसरवाल, तबले पर रामेन्द्र सिंह सोलंकी, वोकल औऱ तानपुरे पर गुरुषा दुबे, संस्कार शर्मा और राजस देशपांडे ने संगत दी।

मंगल गान गाऊं... से किया आगाज

कुछ समय के अल्पविराम के बाद समय रात आठ बजकर तीन मिनट पर प्रख्यात गायिका सुश्री बेगम परवीन सुल्ताना ने मंच पर आमद दी। संगीत जगत में तार सप्तक की रानी के नाम से पुकारी जाने वाली बेगम परवीन सुल्ताना देश की एक मात्र ऐसी शास्त्रीय गायिका हैं जिन्हें महज 23 साल की उम्र में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। गीत को अपनी अंतरात्मा मानने वाली शास्त्रीय गायिका पटियाला घराने से जुड़ीं। असमिया पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाली बेगम परवीन सुल्ताना ने पटियाला घराने की गायकी में अपना अलग मुकाम बनाया है। मंच पर कला प्रेमियों से मुखातिब होते हुए बेगम परवीन सुल्ताना ने कहा... नमस्कार आदाब, आज वसंत पंचमी का अवसर है, आप सभी को बहुत शुभकामनाएं। बड़ी बात यह है कि आज मैं आपके सामने हूं और प्रस्तुति देने आई हूं। भारत भवन से मेरा रिश्ता वर्षों पुराना है। यह मेरी 15वीं प्रस्तुति है जो कला के इस घर में होने जा रही है। यह सब संभव हो पाया है आप जैसे कलारसिकों और सुनकार की वजह से। मेरी इच्छा है कि भारत भवन इसी तरह से और आगे बढ़े और प्रगति करे।
प्रस्तुति की शुरुआत सुश्री बेगम परवीन सुल्ताना ने राग यमन का चयन कर किया। इसमें उन्होंने विलंबित खयाल और द्रुत खयाल की बंदिश पेश की जिसके बोल थे मंगल गाऊं सखि...।  इसके बाद बेगम ने राग वसंत में द्रुत खयाल में बंदिश फाल्गुन के दिन चार... की मन मोह लेने वाली प्रस्तुति दी। बेगम के साथ प्रस्तुति में तबले पर श्री मुकुंद राव, हारमोनियम पर श्रीनिवास आचार्य और सह गायन जाहदाव सुल्ताना ने संगत दी।

पूर्वरंग में लोकगायन की प्रस्तुति

समारोह के पूर्वरंग की प्रस्तुति हुई। इसमें हिमाचल प्रदेश से आए लोक गायक कलाकार रोशन और कंचन ने मुसाधा गायन पेश किया। इसमें उन्होंने भगवान शिव, गणेश पर आधारित लोक गीतों की सांगीतिक प्रस्तुति दी।



चित्र बने कला प्रेमियों के लिए आकर्षण

वर्षगांठ समारोह में दो अलग-अलग कलाकारों की विशेष प्रदर्शनी कला प्रेमियों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र बनी हुई हैं। एक तरफ जहां वरिष्ठ शिल्पकार श्री भगवान रामपुरे के चित्र सहसा लोगों के आकर्षित कर रहे हैं। वहीं, गोंड चित्रकार श्री वेकंट रमन सिंह श्याम के चित्रों में जनजातीय जीवन के सतरंगी भाव प्रदर्शित होते दिखाई दिए।

समारोह में आज

आठ दिवसीय समारोह में 15 फरवरी को शाम 6.20 बजे श्री बाबूलाल भोला का अलगोजा गायन और साथी कलाकारों की संगीत नृत्य प्रस्तुति। शाम 7 बजे श्री पवित्र राबा के निर्देशन में नाटक रावण वध की प्रस्तुति होगी जिसे लखनऊ के भारतेन्दु नाट्य अकादमी के कलाकार पेश करेंगे।

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