इस कार्यशाला का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासनिक प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाकर अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाना है। ई-पंचायत पहल के माध्यम से सरकार की योजना है कि गांवों में तकनीक का उपयोग करके शासन, स्वास्थ्य सेवाओं और कौशल विकास में सुधार किया जाए।
कार्यशाला का उद्घाटन मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला के उद्घाटन भाषण से होगा। अपने भाषण में, श्री शुक्ला ग्रामीण विकास के लिए सरकार की योजनाओं और दृष्टिकोण पर प्रकाश डालेंगे। वह विशेष रूप से ई-पंचायत की भूमिका पर जोर देंगे, जो गांवों में शासन की प्रक्रियाओं को सशक्त बनाने और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपकरण साबित हो सकता है।
आईआईटी पटना के निदेशक और फाउंडेशन फॉर इनोवेटर्स इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एफआईएसटी) के अध्यक्ष प्रो. टीएन सिंह इस कार्यशाला में मुख्य वक्ता होंगे। वह अपने विशेष संबोधन में प्रौद्योगिकी और ग्रामीण विकास के बीच के संबंधों पर चर्चा करेंगे। उनका भाषण इस बात पर केंद्रित होगा कि कैसे आधुनिक तकनीक ग्रामीण प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अधिक प्रभावी बना सकती है और कैसे ई-पंचायत के माध्यम से ग्रामीण विकास को नई दिशा दी जा सकती है।
इस कार्यशाला का मुख्य आकर्षण आईआईटी पटना में एफआईएसटी और एब्सोल्यूट ग्राम्या प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर होगा। यह एमओयू ई-पंचायत पहल के सफल संचालन को सुनिश्चित करने के लिए दोनों संगठनों की प्रतिबद्धता को औपचारिक रूप देगा। ई-पंचायत पहल से उम्मीद है कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में शासन को और अधिक सुसंगत और उत्तरदायी बनाएगी। साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं और कौशल विकास में भी सुधार करेगी।
कार्यशाला में कई सत्र होंगे जो ई-पंचायत के प्रमुख तत्वों को विस्तार से संबोधित करेंगे। यह सत्र इंटरैक्टिव होंगे, जिसमें भाग लेने वाले सरकारी अधिकारी, आईटी पेशेवर, शिक्षाविद और एनजीओ के प्रतिनिधि ई-पंचायत के व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर विचार-विमर्श करेंगे। सत्रों के माध्यम से प्रतिभागियों को यह समझने का अवसर मिलेगा कि कैसे ई-पंचायत ग्रामीण शासन, स्वास्थ्य सेवाओं और कौशल विकास में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।
इस कार्यशाला में भाग लेने के इच्छुक लोगों को समय पर पंजीकरण करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह कार्यशाला एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगी जहां प्रतिभागी अपने विचार साझा कर सकते हैं और ई-पंचायत पहल के सफल कार्यान्वयन में योगदान दे सकते हैं। सरकारी अधिकारी, आईटी पेशेवर, शिक्षाविद, एनजीओ और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि इस कार्यशाला का हिस्सा बन सकते हैं।
यह कार्यशाला एक महत्वपूर्ण पहल है जो ग्रामीण भारत में शासन, स्वास्थ्य सेवा और कौशल विकास को एक नई दिशा देने की क्षमता रखती है। ई-पंचायत के माध्यम से गांवों में न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अधिक कुशल बनाया जा सकेगा, बल्कि इससे ग्रामीण विकास की दिशा में भी महत्वपूर्ण प्रगति होगी। इस पहल के माध्यम से आईआईटी पटना और एब्सोल्यूट ग्राम्या प्राइवेट लिमिटेड ग्रामीण भारत को तकनीक के साथ जोड़कर विकास के नए आयाम खोलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं।
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