मानसून

मानसून में गुलाब की देखभाल के विशेषज्ञाें ने दिए टिप्स

मध्य प्रदेश रोज सोसायटी और उद्यानिकी विभाग द्वारा कार्यशाला का किया गया आयोजन

भोपाल। गुलाब प्रेमियों के लिए यह रविवार का दिन खास रहा, जब मध्य प्रदेश रोज सोसायटी और उद्यानिकी विभाग, मध्य प्रदेश शासन ने संयुक्त रूप से एक निःशुल्क कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यशाला मानसून के दौरान गुलाब की देखभाल पर केंद्रित थी और इसे दो अलग-अलग स्थानों पर आयोजित किया गया। पहला सत्र सुबह 9 बजे से 10:30 बजे तक नेहरू रोज गार्डन, बरखेड़ा, बीएचईएल में हुआ, जबकि दूसरा सत्र सुबह 11 बजे से 12:30 बजे तक शासकीय गुलाब उद्यान, तुलसी नगर में आयोजित किया गया। इस कार्यशाला में बड़ी संख्या में गुलाब प्रेमियों ने भाग लिया, जो अपने बगीचों में गुलाब की देखभाल और बढ़िया पैदावार के लिए जरूरी सुझावों और तकनीकों को जानने के लिए उत्साहित थे।


गुलाब प्रेमियों के लिए विशेष मार्गदर्शन

कार्यशाला की शुरुआत में मध्य प्रदेश रोज सोसायटी के अध्यक्ष लक्ष्मेन्द्र माहेश्वरी ने कार्यक्रम के आयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सोसायटी हर साल गुलाब प्रेमियों के बीच जागरूकता बढ़ाने और उन्हें गुलाब की अच्छी पैदावार के लिए प्रेरित करने के लिए इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन करती है। मानसून के मौसम में गुलाब की देखभाल के लिए खास तकनीकों की आवश्यकता होती है और इसी को ध्यान में रखते हुए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया था।

वर्ल्ड रोज फेडरेशन का योगदान और भविष्य की योजनाएं

कार्यशाला के मुख्य वक्ता, वर्ल्ड रोज फेडरेशन ऑफ रोज सोसायटीज के कोषाध्यक्ष सुशील प्रकाश ने मध्य प्रदेश रोज सोसायटी के इतिहास और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात की जानकारी दी कि 7-13 जनवरी 2028 को भोपाल में वर्ल्ड रोज कन्वेंशन का आयोजन मिन्टो हॉल में किया जाएगा। यह आयोजन गुलाब प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम होगा, जहां विश्वभर के गुलाब विशेषज्ञ और प्रेमी एकत्रित होंगे। श्री प्रकाश ने यह भी बताया कि मध्य प्रदेश रोज सोसायटी के विभिन्न उद्यानों, जैसे नेहरू रोज गार्डन, गांधी उद्यान, विधानसभा भवन स्थित उद्यान, और तुलसी नगर के शासकीय गुलाब उद्यान में गुलाब की नई किस्मों को लगाने और उनकी देखभाल में सहयोग करेगी।


मानसून में गुलाब की देखभाल के महत्वपूर्ण टिप्स

श्री सुशील प्रकाश ने मानसून के दौरान गुलाब की देखभाल के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने बताया कि इस साल जुलाई में भारी बारिश के कारण गुलाब की देखभाल करना चुनौतीपूर्ण हो गया था, लेकिन अब, जब बारिश थम चुकी है, यह सही समय है कि हम अपने गुलाब के बगीचों में सफाई और खरपतवार नियंत्रण पर ध्यान दें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अभी गुलाब के पौधों में खाद डालने का समय नहीं है, क्योंकि सितंबर-अक्टूबर में पौधों की कटाई-छंटाई के बाद ही खाद डालना उचित रहेगा।

विशेषज्ञों द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी

कार्यशाला में सोसायटी के अन्य विशेषज्ञों ने भी अपने ज्ञान और अनुभव साझा किए। एस. सुधाकर, आरएस यादव, डीके वर्मा, पुरन सिंह किरार और शैलेष अग्रवाल ने मानसून के दौरान गुलाब के पौधों में होने वाली बीमारियों, अत्यधिक पानी से उत्पन्न होने वाली समस्याओं और खरपतवार नियंत्रण के घरेलू उपायों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने गुलाब प्रेमियों को आवश्यक दवाओं और तकनीकों की भी जानकारी दी, जिससे वे अपने गुलाब के पौधों की बेहतर देखभाल कर सकें।

विशेष रूप से, युवा गुलाब प्रेमी समीर लक्कड़, जो कि बिना मिट्टी के गुलाब उगाने वाले भोपाल के एकमात्र उत्पादक हैं ने कार्यशाला में भाग लेने वालों को इस अनोखी विधि के बारे में रोचक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बिना मिट्टी के गुलाब उगाने की यह तकनीक कैसे काम करती है और इसके क्या लाभ हैं। उनके इस विशेष योगदान ने कार्यशाला में एक नई दिशा दी और गुलाब प्रेमियों के बीच इस तकनीक के प्रति रुचि जागृत की।


कार्यशाला का समापन और आगे की योजनाएं

कार्यशाला के अंत में मध्य प्रदेश रोज सोसायटी के सचिव अविनाश गलांडे ने सभी उपस्थित गुलाब प्रेमियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस सफल आयोजन के लिए सभी वक्ताओं और प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया और भविष्य में भी इसी तरह की कार्यशालाओं के आयोजन का आश्वासन दिया। श्री गलांडे ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं न केवल गुलाब प्रेमियों को उपयोगी जानकारी प्रदान करती हैं, बल्कि उन्हें एक मंच भी देती हैं जहां वे अपने अनुभव साझा कर सकते हैं और नए तकनीकों को सीख सकते हैं।

कार्यशाला में जाना कैसे करें देखभाल 

यह कार्यशाला गुलाब प्रेमियों के लिए बेहद उपयोगी और प्रेरणादायक रही। मानसून के मौसम में गुलाब की देखभाल के बारे में मिली जानकारी ने उन्हें अपने बगीचों की देखभाल के लिए आवश्यक सुझाव और तकनीकों से अवगत कराया। इस कार्यशाला का आयोजन न केवल गुलाब की अच्छी पैदावार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से किया गया था, बल्कि समाज में गुलाब के प्रति प्रेम और रुचि को भी बढ़ावा देना था। मध्य प्रदेश रोज सोसायटी की यह पहल निश्चित रूप से गुलाब प्रेमियों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी और भविष्य में भी इस तरह के आयोजन गुलाब की खेती और उसके प्रेमियों के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे।

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