भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय कृषि को एक नई दिशा देने के लिए एक बड़ी घोषणा की है। मोदी कैबिनेट ने 13,966 करोड़ रुपये की लागत वाली सात प्रमुख कृषि परियोजनाओं को मंजूरी देकर किसानों के जीवन को क्रांतिकारी रूप से बदलने का संकल्प लिया है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य न केवल किसानों की आय में वृद्धि करना है, बल्कि भारतीय कृषि क्षेत्र को भी तकनीकी रूप से उन्नत और स्थायी बनाना है।
इन परियोजनाओं में सबसे प्रमुख है डिजिटल कृषि मिशन, जिसे 2,817 करोड़ रुपये की लागत से शुरू किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस मिशन की जानकारी देते हुए बताया कि यह पहल किसानों के लिए एक डिजिटल अवसंरचना का निर्माण करेगी, जो कृषि को आधुनिक तकनीकों जैसे एआई, बिग डेटा और रिमोट सेंसिंग के माध्यम से नए आयाम प्रदान करेगी। इस मिशन के सफल पायलट प्रोजेक्ट्स ने पहले ही उम्मीदों से बेहतर परिणाम दिए हैं, जिससे किसानों की जिंदगी को नई तकनीकी ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
कैबिनेट ने 3,979 करोड़ रुपये की लागत से खाद्य और पोषण सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम को मंजूरी दी है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य 2047 तक जलवायु-संवेदनशील फसल विज्ञान को बढ़ावा देना है, जिससे भारत में खाद्य उत्पादन और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह कार्यक्रम 6 प्रमुख स्तंभों पर आधारित होगा, जिनके माध्यम से कृषि क्षेत्र को स्थायित्व और संवेदनशीलता के साथ विकसित किया जाएगा।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के तहत कृषि शिक्षा के आधुनिकीकरण के लिए 2,291 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इस निवेश से डिजिटल बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा और नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप पाठ्यक्रम में सुधार किया जाएगा। इसका उद्देश्य कृषि के छात्रों को आधुनिक और तकनीकी रूप से उन्नत शिक्षा प्रदान करना है, जिससे वे भविष्य में कृषि क्षेत्र में नए और उन्नत तरीकों का उपयोग कर सकें।
कृषि के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर निवेश किया गया है। पशुधन स्वास्थ्य और उत्पादन के लिए 1,702 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है, जो कि पशुधन की देखभाल और उनके उत्पादकता में सुधार लाने के उद्देश्य से है। इसके अलावा, बागवानी के विकास के लिए 860 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है, जो कि इस क्षेत्र में नई तकनीकों और फसलों के विकास के लिए इस्तेमाल की जाएगी।
कैबिनेट ने प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के लिए 1,115 करोड़ रुपये और कृषि विज्ञान केंद्रों के लिए 1,202 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य कृषि के लिए आवश्यक संसाधनों का सही तरीके से प्रबंधन करना और कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से किसानों तक नई तकनीकों और ज्ञान का प्रसार करना है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की यह पहल किसानों के जीवन को नई दिशा देने में सक्षम है और इससे भारतीय कृषि क्षेत्र में एक नया युग शुरू होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस पहल से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि यह भारतीय कृषि को एक नई तकनीकी और स्थायी दिशा में ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह निर्णय किसानों के लिए आशा की नई किरण साबित होगा, जिससे उनकी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आएगा और देश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी।
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