भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु समुदाय के लोगों के कल्याण और उनके विकास के लिए सरकार की पूर्ण प्रतिबद्धता को दोहराया है। रवीन्द्र भवन में आयोजित राज्यस्तरीय विमुक्ति दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ये समुदाय प्राचीन काल से ही अपने साहस और शौर्य के लिए जाने जाते रहे हैं और अब समय आ गया है कि उन्हें राज्य की कल्याणकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिले।
डॉ. यादव ने घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु जातियों के युवाओं और अन्य प्रतिभाओं के लिए शिक्षा, रोजगार और बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इन समुदायों को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए सरकार विशेष योजनाएं बना रही है, जिससे इन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें।
विशेष योजनाएं और घोषणाएं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम के दौरान घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु जातियों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि इन जातियों को एक स्थान का निवासी घोषित करने के लिए एक स्थान मान्य करते हुए मूल मुकाम को दर्ज किया जाएगा। इससे आवश्यक अभिलेख तैयार करने में मदद मिलेगी, जिससे वे जातियां जो वर्तमान में कल्याण योजनाओं के लाभों से वंचित हैं, उन्हें भी इसका लाभ मिल सकेगा।
भाट, चारण, बेलदार, पारधी, कुचबंदिया जैसी जातियों को भी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा और उनके लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी। कबूतरी, कालबेलिया, सिकलीगर, बांछड़ा जैसी जातियों के लिए भी विशेष योजनाएं तैयार की जाएंगी। इसके अलावा, गड़रिया, लोहार जाति और अन्य घुमन्तु जातियों के लिए आवासीय व्यवस्था की जाएगी और उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।
डॉ. यादव ने कहा कि इन समुदायों के युवाओं को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का लाभ दिया जाएगा, ताकि वे रोजगार और आजीविका के क्षेत्र में सफल हो सकें। उन्होंने कहा कि अग्निवीर योजना और अन्य योजनाओं से भी इन समुदायों के युवाओं को लाभान्वित किया जाएगा। साथ ही, खेलकूद के क्षेत्र में भी इन युवाओं के लिए आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने संभाग स्तर पर इन समुदायों की लोक-संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए भी प्रयास किए जाने की बात कही। उन्होंने घोषणा की कि शहरों में बनने वाले गीता भवनों से इन समुदायों को जोड़ा जाएगा और इनके लिए मांगलिक भवन भी निर्मित किए जाएंगे। इन समुदायों के विकास के लिए निरंतर संवाद का सिलसिला चलेगा, ताकि उनकी आवश्यकताओं और समस्याओं को समय-समय पर समझा और हल किया जा सके।
समाज में सुधार की आवश्यकता पर जोर
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने भाषण में समाज में आवश्यक सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि समुदाय के कुछ लोगों के अपराध में संलग्न होने पर संपूर्ण समुदाय को अपराधी नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा कि बदलते दौर में सजा अपराधी को देने न कि समाज को देने का भाव विकसित हुआ है।
डॉ. यादव ने कहा कि घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु जातियों के लोगों को अब अपनी सामाजिक स्थिति को सुधारने और अपने अधिकारों के लिए आगे आने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उनके साथ खड़ी है और उनके कल्याण के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
कल्याणकारी योजनाओं का प्रदर्शन
विमुक्ति दिवस के इस राज्यस्तरीय कार्यक्रम में घुमन्तु अर्द्ध-घुमन्तु कल्याण विभाग द्वारा एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में राज्य सरकार द्वारा इन समुदायों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं की जानकारी दी गई। इसके अलावा, विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु समुदाय के महापुरुषों और विभूतियों की जीवन गाथाओं को चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया और यहां प्रदर्शित चित्रों की सराहना की।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और सम्मान
कार्यक्रम के दौरान बंजारा लोक कलाकार रीना पवार ने पारम्परिक नृत्य की प्रभावी प्रस्तुति दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस प्रस्तुति की सराहना करते हुए उन्हें 21 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की। इस अवसर पर घनश्याम भट्ट के ग्रुप ने कठपुतलियों के माध्यम से राज्य शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी, जिसे उपस्थित लोगों ने खूब सराहा।
राज्य सरकार का संकल्प
विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु कल्याण, पिछड़ा वर्ग एवं अल्प-संख्यक कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के पश्चात इन जातियों को अंग्रेजों द्वारा लगाए गए अपराधी के कलंक से मुक्ति मिली है और अब वे विकास की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इन जातियों के कल्याण का संकल्प लिया है। राज्य सरकार इन जातियों के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास, छात्रवृत्ति और आवास की सुविधा प्रदान कर रही है, जिससे उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहन मिल रहा है।
अतिथियों की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में भोपाल के सांसद आलोक शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा, विधायक भगवान दास सबनानी, महापौर मालती राय, जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष मोहन नागर, कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रामलाल रौतेल, सहरिया विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष तुरसन पाल, भारिया विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष दिनेश अंगरिया, सुमित पचौरी, केदार मंडलोई और अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
समाज के साथ संवाद और भविष्य की दिशा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम के अंत में कहा कि राज्य सरकार इन समुदायों के विकास और कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु समुदायों के लोग भी समाज की मुख्यधारा में शामिल हों और उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं प्राप्त हों। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इन समुदायों के साथ संवाद करती रहेगी और उनकी समस्याओं का समाधान करती रहेगी।
विमुक्ति दिवस का यह राज्यस्तरीय कार्यक्रम घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था, जहां उन्हें अपनी संस्कृति, परंपरा और अधिकारों के प्रति जागरूकता प्राप्त करने का मौका मिला। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इन समुदायों के कल्याण और विकास के लिए एक सशक्त और समर्पित प्रयास की दिशा में कदम बढ़ाया है।
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