भोपाल। शिवाजी नगर के 5 नंबर स्टॉप स्थित श्री चारभुजा मेवाड़ मंडल द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भव्य डोल उत्सव चल समारोह का आयोजन किया गया। यह धार्मिक आयोजन मंडल की पुरानी परंपराओं में से एक है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। इस बार का आयोजन भी बेहद हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ सम्पन्न हुआ।
मंदिर में भजन-कीर्तन और ठाकुर जी की आरती
डोल उत्सव का शुभारंभ दोपहर 12 बजे मंदिर परिसर में श्री चारभुजा जी (ठाकुर जी) की विशेष आरती के साथ हुआ। आरती के बाद डोल (ठाकुर जी की मूर्ति) को श्रद्धालुओं के पूजन हेतु मंदिर परिसर में स्थापित किया गया। मातृशक्ति, जो मंडल की एक महत्वपूर्ण अंग हैं, ने ठाकुर जी का पूजन किया। इस दौरान महिलाओं ने मंदिर में भजन-कीर्तन का आयोजन किया और लगभग दो घंटे तक ठाकुर जी के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा को भजन-कीर्तन के माध्यम से प्रकट किया। भक्ति संगीत से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया और उपस्थित श्रद्धालुओं ने इस दिव्य आयोजन का आनंद लिया।
डोल उत्सव चल समारोह, श्रद्धालुओं की भव्य भागीदारी
दोपहर 3:30 बजे डोल उत्सव का चल समारोह मंदिर परिसर से निकला। चल समारोह के दौरान मंडल के सदस्य और श्रद्धालु भक्तगण ठाकुर जी के डोल को सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय से होते हुए कृष्ण प्रणामी मंदिर तक लेकर गए। इसके बाद यात्रा हनुमान मंदिर 5 नंबर तालाब पहुंची। यहां ठाकुर जी का स्नान, पूजन और आरती की गई। इस दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं ने ठाकुर जी का आशीर्वाद प्राप्त किया और उनके प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित की।
चल समारोह में बड़ी संख्या में मातृशक्तियों की भागीदारी देखने को मिली। वे इस धार्मिक आयोजन में पूर्ण जोश और उत्साह के साथ सम्मिलित हुईं। पूरे मार्ग पर डोल यात्रा के साथ भक्तों का समूह आगे बढ़ता रहा और सभी ने इस धार्मिक यात्रा का आनंद उठाया।
समारोह में भक्ति का उल्लास और ठाकुर जी की आरती
चल समारोह सांय 6 बजे मंदिर परिसर में लौट आया। मंदिर परिसर में पहुंचते ही ठाकुर जी की विशेष संध्या आरती का आयोजन किया गया, जिसमें सभी भक्तगणों ने हिस्सा लिया। आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया और श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण होते ही पूरे मंदिर परिसर में भक्ति और संतोष का माहौल बना रहा।
संध्या आरती के बाद एकादशी व्रत कथा का पाठ भी किया गया। इस धार्मिक कथा ने भक्तों को एक बार फिर से ठाकुर जी की महिमा और उनकी भक्ति के महत्व का स्मरण कराया। कथा के उपरांत रात्रि आरती का आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने ठाकुर जी के प्रति अपने समर्पण को और भी गहरा किया।
भक्तों की उमड़ी भीड़ और भक्ति का अनुभव
डोल उत्सव में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़े। मंडल के सभी सदस्यों ने इस धार्मिक आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। चल समारोह के दौरान श्रद्धालु पूरे जोश के साथ धार्मिक भजनों का गायन करते हुए आगे बढ़ते रहे। भक्ति के इस उल्लास ने पूरे मार्ग को एक विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक माहौल में परिवर्तित कर दिया।
मातृशक्तियों की विशेष भागीदारी ने आयोजन को और भी अधिक सफल और यादगार बना दिया। महिलाओं ने भजन-कीर्तन के माध्यम से अपनी भक्ति को प्रकट किया और ठाकुर जी के प्रति अपनी श्रद्धा को सुदृढ़ किया।
मंडल का योगदान और धार्मिक आयोजन की महत्ता
श्री चारभुजा जी मेवाड़ मंडल हर वर्ष इस प्रकार के धार्मिक आयोजन करता आ रहा है। मंडल का उद्देश्य ठाकुर जी की भक्ति को बढ़ावा देना और समुदाय के लोगों को एकसाथ लाना है। इस प्रकार के आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करते हैं, बल्कि समाज में सामूहिकता और एकता का संदेश भी फैलाते हैं।
इस वर्ष का डोल उत्सव चल समारोह भी पूरी श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। मंदिर परिसर में ठाकुर जी की आरती, भजन-कीर्तन, स्नान और पूजन के माध्यम से भक्तों ने ठाकुर जी का आशीर्वाद प्राप्त किया और अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना की।
यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह समाज में भाईचारे और एकजुटता के संदेश को भी प्रसारित करता है। मंडल की इस प्रकार की गतिविधियां भविष्य में भी जारी रहेंगी और धार्मिक आयोजनों के माध्यम से भक्ति और समर्पण का यह सिलसिला बना रहेगा।
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