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हिंदी काव्य गोष्ठी: नारी सशक्तिकरण, समाज की चुनौतियों और भाषा के महत्व पर हुई जोरदार अभिव्यक्ति

बीएसएनएल कार्याललय में हिंदी काव्य गोष्ठी का आयोजन, कवियों ने सुनाई अपनी रचनाएं, पुरस्कार वितरण के साथ हुआ कार्यक्रम का समापन

भोपाल। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के तत्वावधान में शनिवार को टीटी नगर स्थित बीएसएनएल कार्यालय परिसर में हिंदी पखवाड़ा-2024 के तहत एक भव्य हिंदी काव्य पाठ और पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। राजभाषा के हीरक जयंती वर्ष में आयोजित इस कार्यक्रम ने हिंदी प्रेमियों को एक साथ लाकर हिंदी भाषा और साहित्य की गरिमा को बढ़ाने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम में बीएसएनएल के अधिकारी और कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन द्रौपदी चंदनानी ने किया, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य महाप्रबंधक राधेश्याम परमार ने समारोह की शोभा बढ़ाई। इस अवसर पर बीएसएनएल के उत्कृष्ट योगदानकर्ताओं को पुरस्कार भी प्रदान किए गए।

राजभाषा हिंदी के प्रति बीएसएनएल की प्रतिबद्धता

कार्यक्रम के दौरान मुख्य महाप्रबंधक राधेश्याम परमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि बीएसएनएल न केवल देश को उत्कृष्ट संचार सेवाएं प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, बल्कि राजभाषा हिंदी के प्रयोग और उसके विकास के लिए भी निरंतर प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा हमारे संगठन के अंदर हिंदी में अधिक से अधिक कार्य किया जा रहा है, जो राष्ट्रीय भाषा के प्रति हमारे कर्तव्यों और संकल्प को दर्शाता है। परमार ने आगे कहा कि हिंदी को प्रोत्साहित करने और कर्मचारियों को इसमें कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करने का उद्देश्य बीएसएनएल की एक महत्त्वपूर्ण प्राथमिकता है।

बीएसएनएल के इस कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि हिंदी को न केवल एक भाषा के रूप में बल्कि राष्ट्र की एकता और संस्कृति के प्रतीक के रूप में भी देखा जाना चाहिए। यह कार्यक्रम इस दिशा में एक सार्थक प्रयास था, जिसमें हिंदी पखवाड़े के तहत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर बीएसएनएल के अधिकारियों और कर्मचारियों में हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता और प्रेम को बढ़ावा दिया गया।


काव्य गोष्ठी में सजी हिंदी की महफिल

इस समारोह का मुख्य आकर्षण काव्य गोष्ठी थी, जिसमें हिंदी के प्रख्यात कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। काव्य गोष्ठी में नारी लछवानी, अशोक जमनानी, विशाखा राजुरकर, हेमंत देवलेकर, शिल्पी दिवाकर, अशोक मनवानी और द्रौपदी चंदनानी जैसे प्रख्यात कवियों ने हिस्सा लिया और अपनी रचनाओं के माध्यम से हिंदी भाषा की महिमा का गुणगान किया।

नारी लछवानी ने नारी सशक्तिकरण पर अपनी रचना प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने नारी के स्वाभिमान, आत्मनिर्भरता और उसकी समाज में महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उनकी कविता ने श्रोताओं के मन में नारी की शक्ति और उसकी अटूट भूमिका को उभारने का काम किया। अशोक जमनानी की कविताओं ने समाज की ज्वलंत समस्याओं को उजागर किया और उनके कटाक्ष ने श्रोताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया। उनकी कविताएं समाज में व्याप्त विडंबनाओं पर केंद्रित थीं, जिन्हें श्रोताओं ने खूब सराहा।

विशाखा राजुरकर ने भाषा के महत्व पर एक अनूठी कविता प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने बताया कि भाषा सिर्फ संवाद का माध्यम नहीं है, बल्कि समाज और संस्कृति का प्रतिबिंब भी है। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी भाषा की समृद्धि और विकास के लिए हमें उसे जीवन के हर क्षेत्र में प्रयोग करना चाहिए। उनकी कविता ने श्रोताओं के बीच भाषा के महत्व पर नई जागरूकता पैदा की।

पुरस्कार वितरण समारोह

हिंदी पखवाड़े के तहत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को इस अवसर पर पुरस्कृत किया गया। हेमंत देवलेकर, शिल्पी दिवाकर और द्रौपदी चंदनानी ने विशेष रूप से अपने कार्यों के लिए प्रशंसा प्राप्त की। इन पुरस्कारों ने न केवल प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया, बल्कि अन्य कर्मचारियों में भी हिंदी के प्रति जागरूकता और समर्पण का भाव पैदा किया।

बीएसएनएल ने इस आयोजन के माध्यम से यह संदेश दिया कि वह न केवल तकनीकी सेवाओं में अग्रणी है, बल्कि भाषा, साहित्य और संस्कृति को प्रोत्साहित करने में भी अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। हिंदी पखवाड़ा के तहत आयोजित यह समारोह केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह हिंदी भाषा और साहित्य के प्रति बीएसएनएल के समर्पण का एक ठोस उदाहरण था।

हिंदी के प्रचार-प्रसार का महत्त्वपूर्ण कदम

हिंदी पखवाड़ा बीएसएनएल का एक वार्षिक आयोजन है, जिसका उद्देश्य संगठन के अधिकारियों और कर्मचारियों में हिंदी भाषा के प्रति प्रेम और जागरूकता को बढ़ावा देना है। यह समारोह न केवल हिंदी के प्रति बीएसएनएल की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि इसके माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि हिंदी को राजभाषा के रूप में व्यापक रूप से अपनाया जाए।

इस कार्यक्रम के माध्यम से बीएसएनएल ने यह साबित किया कि वह अपने कार्यक्षेत्र में हिंदी को बढ़ावा देने और उसके विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। यह समारोह न केवल हिंदी भाषा के प्रति समर्पण को बढ़ावा देता है, बल्कि भारतीय संस्कृति और साहित्य को संरक्षित करने का भी एक सार्थक प्रयास है।

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