भोपाल। मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में "6वीं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन: संचार और इंटेलिजेंट सिस्टम (ICCIS 2024)" के पहले दिन का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। सम्मेलन का उद्घाटन मैनिट के निदेशक डॉ. केके शुक्ला और मुख्य अतिथि राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर राजीव त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर अपने उद्गार व्यक्त करते हुए उन्होंने सम्मेलन के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि यह आयोजन अनुसंधान में नवाचार और तकनीकी विकास को गति देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
पहले दिन के मुख्य सत्र
पहले दिन के सत्रों में तीन मुख्य भाषण (कीनोट टॉक्स) आयोजित किए गए, जो शोध और तकनीकी विकास के क्षेत्र में नई सोच और दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।
कीनोट टॉक्स 1 : इस सत्र का आयोजन हाइब्रिड मोड में किया गया, जिसमें नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, सिंगापुर के डॉ. हंग दिन्ह गुयेन ने प्रमुख रूप से भाग लिया। उन्होंने डेटा समस्या, तकनीकी जटिलता और कौशल और विशेषज्ञता जैसे जटिल विषयों पर विचार-विमर्श किया। उनके भाषण ने शोधकर्ताओं को तकनीकी चुनौतियों का सामना करने के नए तरीके सुझाए और विशेषज्ञता को बेहतर बनाने के दृष्टिकोण प्रदान किए, जिससे प्रतिभागियों के बीच उत्साहजनक चर्चा का माहौल बना।
कीनोट टॉक्स 2 : इस सत्र का आयोजन ऑनलाइन मोड में किया गया, जिसमें स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी, जामिया हमदर्द की डॉ. शेरिन जफर ने संचार और इंटेलीजेंट सिस्टम्स के क्षेत्र में आधुनिक प्रवृत्तियों पर अपनी बात रखी। डॉ. जफर ने इन प्रणालियों की अनुप्रयोग क्षमता पर विशेष ध्यान केंद्रित किया, जिससे प्रतिभागियों को इन तकनीकों की नई उपयोगिता के बारे में जानकारी मिली।
कीनोट टॉक्स 3 : लंदन की मिडलसेक्स यूनिवर्सिटी के प्रो. शिन-शे यांग ने भी अपने विचार साझा किए। उनके भाषण का मुख्य विषय गणितीय मॉडलिंग और एल्गोरिदम के उभरते अनुप्रयोग थे। उन्होंने इंटेलीजेंट सिस्टम्स में गणितीय मॉडलिंग और एल्गोरिदम के प्रभावी उपयोग की दिशा में जानकारी दी, जिससे प्रतिभागियों को इन तकनीकों के व्यापक प्रभाव को समझने में मदद मिली।
पहले दिन कुल 10 तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिनमें 51 शोध-पत्र प्रस्तुत किए गए। इन सत्रों का मुख्य उद्देश्य संचार, इंटेलीजेंट सिस्टम्स और डेटा एनालिटिक्स जैसे उभरते हुए विषयों पर गहन चर्चा करना था। प्रमुख विषयों में इंटेलीजेंट डेटा एनालिटिक्स, संचार और नियंत्रण प्रणाली तथा एल्गोरिदम के नवीनतम विकास और उनके अनुप्रयोग शामिल थे। शोधकर्ताओं को एक मंच प्रदान किया गया, जहां उन्होंने अपने शोध कार्यों को प्रस्तुत कर नए तकनीकी दृष्टिकोणों को साझा किया।
सत्रों में विशेषज्ञों के विचार-विमर्श ने शोधकर्ताओं के बीच सहयोग की भावना को बढ़ावा दिया और तकनीकी सहयोग का मार्ग प्रशस्त किया। इससे इंटेलीजेंट सिस्टम्स के क्षेत्र में नए अनुसंधान और समाधान विकसित करने के प्रति रुचि बढ़ी, जो आने वाले समय में इन क्षेत्रों में नई संभावनाओं का द्वार खोलेगी।
इस आयोजन के पीछे प्रमुख भूमिका निभाने वाले मैनिट के आयोजन सचिव, डॉ. अमित भगत और डॉ. घनश्याम सिंह ठाकुर ने सम्मेलन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उनका कहना है कि ICCIS 2024 का मुख्य उद्देश्य छात्रों, शोधकर्ताओं और अकादमिक जगत के लोगों को एक मंच पर लाना है ताकि वे अपने ज्ञान, अनुभव और शोध कार्यों को साझा कर सकें। इस मंच पर हुए ज्ञान के आदान-प्रदान से भारत में तकनीकी शोध में नवीनता और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
सम्मेलन में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शोधकर्ताओं की भागीदारी ने इसे और भी समृद्ध बनाया है। विभिन्न देशों से आए विद्वानों ने न केवल अपने विचार साझा किए, बल्कि उन्होंने भारत में तकनीकी शोध को उन्नत करने के लिए अपने अनुभव और विचारों का आदान-प्रदान भी किया। इससे देश में शोध और नवाचार की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान की संभावना को और बल मिला है।
ICCIS 2024 का आयोजन मैनिट के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस सम्मेलन ने मैनिट को एक वैश्विक शोध मंच के रूप में स्थापित करने में सहायता की है। देश-विदेश के विद्वानों और शोधकर्ताओं के एकत्रित होने से मैनिट को एक ऐसा केंद्र बनाया गया है, जहां नवीनतम तकनीकी प्रगति और अनुसंधान को बढ़ावा मिलता है।
इस सम्मेलन के सफल आयोजन ने मैनिट को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शोध समुदाय में एक महत्वपूर्ण स्थान प्रदान किया है। इसका प्रभाव न केवल भारत में बल्कि अंतर्राष्ट्रीय शोध क्षेत्र में भी दिखाई देगा, क्योंकि यह सम्मेलन तकनीकी शोध और विकास की दिशा में एक मजबूत कदम के रूप में उभर कर सामने आया है।
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