भोपाल। भारत सरकार के प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कर विवादों को समाप्त करने और पात्र करदाताओं को राहत देने के उद्देश्य से एक नई योजना शुरू की है, जिसे ई-डीआरएस (e-DRS 2022) के नाम से जाना जाएगा। टैक्स ला बार एसोसिएशन भोपाल के अध्यक्ष (एडवोकेट) मृदुल आर्य ने बताया कि इस योजना के तहत सरकार का मुख्य उद्देश्य करदाताओं के लंबित विवादों का त्वरित निपटारा करना और करदाताओं को राहत प्रदान करना है, ताकि कर विवादों से जुड़ी जटिलताएं खत्म हो सकें और सरकारी राजस्व की प्राप्ति भी सुनिश्चित हो।
ई-डीआरएस योजना का उद्देश्य
ई-डीआरएस योजना का मुख्य उद्देश्य करदाताओं और कर विभाग के बीच विवादों का समाधान करना है। यह योजना करदाताओं को लंबे समय से लंबित कर विवादों से राहत दिलाने के लिए शुरू की गई है। इस योजना के तहत, सरकार कर विवादों का शीघ्र और प्रभावी समाधान करने के लिए त्वरित प्रक्रिया का प्रस्ताव रखती है, ताकि करदाताओं को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में आसानी हो और कर विभाग को भी राजस्व की प्राप्ति हो सके।
इस योजना के अंतर्गत, कर विवादों को समाप्त करने के लिए आयकर अधिनियम की धारा 245 एम और 245 एम ए का उपयोग किया जाएगा। हालांकि, सर्च, सर्वेक्षण या धारा 90/90ए के तहत प्राप्त जानकारी के आधार पर की गई कार्रवाई से जुड़े मामले इस योजना के दायरे में नहीं आएंगे। इसका मुख्य उद्देश्य है कि जिन करदाताओं के विवाद किसी अन्य कारण से लंबित हैं, उन्हें राहत दी जा सके।
देश भर में कुल 18 प्रधान मुख्य आयकर आयुक्तों को इस योजना के अंतर्गत कर विवादों से संबंधित आवेदनों को देखने की जिम्मेदारी दी गई है। वे अपने-अपने नियत क्षेत्राधिकार में आवेदनों की समीक्षा करेंगे और पात्र मामलों में योग्य कार्यवाही करके आदेश जारी करेंगे। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी आवेदनों की निष्पक्ष और त्वरित सुनवाई हो और करदाताओं को समय पर समाधान मिल सके।
करदाता, जिनकी अपीलें 22 जुलाई 2024 तक सुनवाई हेतु लंबित हैं, वे फार्म नंबर 34 बीसी के माध्यम से अपने क्षेत्राधिकार के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त को ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनाई गई है, ताकि करदाता आसानी से आवेदन कर सकें और अपने विवादों का निपटारा करवा सकें।
इस योजना के अंतर्गत कुछ मामलों में विशेष प्रावधान भी किए गए हैं। जिन मामलों में कुल विवाद की राशि 10 लाख रुपये से अधिक नहीं है और आयकर विवरणी में घोषित आय 50 लाख रुपये तक है, वे मामले भी इस योजना के तहत शामिल होंगे। इसके लिए विशेष आदेश जारी किए जाएंगे, जो विवाद निवारण कमेटी द्वारा दिए जाएंगे।
यदि करदाता को विशेष आदेश 30 अगस्त 2024 तक प्राप्त हो गया हो, तो वे 30 सितंबर 2024 तक फार्म 34 बीसी के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। यह सुनिश्चित किया गया है कि करदाता अपने आवेदन समय पर दाखिल करें और उनके मामलों का त्वरित निपटारा हो सके। अपील पेंडिंग मामलों में आवेदन करने की अंतिम तिथि भी 30 सितंबर 2024 निर्धारित की गई है, जिससे करदाता अपने लंबित मामलों का शीघ्र समाधान प्राप्त कर सकें।
यह योजना भारत सरकार द्वारा पूर्व में चलाई गई कर विवाद निपटान योजनाओं की ही एक कड़ी है। इससे पहले, केंद्र सरकार ने छोटी कर बकाया राशि को समाप्त करने के लिए योजनाएं लाई थीं, जिनसे कई करदाताओं को लाभ मिला था। उन योजनाओं के अंतर्गत छोटे कर विवादों का निपटारा किया गया और सरकार को अच्छी-खासी राजस्व प्राप्ति भी हुई।
अब सरकार बड़ी बकाया राशि वाले विवादों का भी निपटारा करना चाहती है, ताकि कर विवादों को पूरी तरह समाप्त किया जा सके। इसका उद्देश्य है कि करदाता और कर विभाग के बीच विवाद खत्म हों और सरकार को राजस्व प्राप्त हो। यह योजना सरकार के उस व्यापक उद्देश्य का हिस्सा है, जिसमें वह कर संग्रहण को सरल और पारदर्शी बनाना चाहती है।
ई-डीआरएस योजना करदाताओं के लिए कई तरह के लाभ प्रदान करेगी:
लंबित मामलों का त्वरित समाधान: यह योजना लंबित कर विवादों का शीघ्र समाधान करेगी, जिससे करदाताओं को मानसिक और आर्थिक रूप से राहत मिलेगी।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया: करदाता अपने विवादित मामलों के निपटान के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, जिससे समय और श्रम की बचत होगी।
सरकारी राजस्व में वृद्धि: इस योजना के तहत, विवादित कर राशि की वसूली के साथ-साथ सरकारी राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी, जिससे विकास परियोजनाओं को आर्थिक सहायता मिलेगी।
विवादों का निपटारा: योजना का मुख्य उद्देश्य कर विवादों को समाप्त करना है, ताकि करदाताओं और कर विभाग के बीच किसी भी प्रकार का विवाद न रहे और एक सकारात्मक माहौल का निर्माण हो सके।
विशेष प्रावधानों का लाभ: जिन मामलों में छोटे विवाद हैं, उनके लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं, ताकि छोटे करदाताओं को भी न्याय मिल सके।
ई-डीआरएस योजना के तहत आवेदन करने के लिए करदाताओं को फार्म 34 बीसी भरकर अपने क्षेत्राधिकार के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। अपील पेंडिंग मामलों में आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2024 है, जिससे करदाताओं को अपने विवादों का समय पर समाधान प्राप्त हो सके।
इस योजना के तहत आवेदन करने वाले करदाता, जिनके विवाद का समाधान विशेष आदेश के तहत किया गया है, उन्हें आदेश प्राप्ति के एक माह के भीतर भी आवेदन करना होगा। यदि विशेष आदेश 30 अगस्त 2024 तक प्राप्त हो चुका हो, तो 30 सितंबर 2024 तक आवेदन करना आवश्यक है।
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