भोपाल। टैक्स ला बार एसोसिएशन द्वारा हाल ही में एक स्टडी सर्किल मीटिंग का आयोजन किया गया, जिसमें केंद्रीय बजट 2024 में आयकर विधान में किए गए महत्वपूर्ण संशोधनों पर चर्चा की गई। इस बैठक को वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट अंशुल अग्रवाल ने संबोधित किया। उन्होंने कर सलाहकारों को बजट 2024 में किए गए प्रमुख बदलावों और उनके संभावित प्रभावों के बारे में जानकारी दी।
भागीदारों के वेतन पर टीडीएस की देनदारी
अंशुल अग्रवाल ने बताया कि बजट 2024 में एक महत्वपूर्ण संशोधन के तहत, भागीदारी फर्मों के भागीदारों को प्राप्त वेतन पर अब 10 प्रतिशत की दर से टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) लागू कर दी गई है। इस संशोधन का उद्देश्य टैक्स कलेक्शन को अधिक सटीक और प्रभावी बनाना है, लेकिन इसके साथ ही कई भ्रांतियां और चुनौतियां भी उत्पन्न हो रही हैं।
उन्होंने इस पर जोर दिया कि सरकार को इस संदर्भ में स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करने की आवश्यकता है ताकि करदाताओं और कर सलाहकारों के बीच कोई भ्रम न रहे। यह संशोधन विशेष रूप से उन व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण है जो भागीदारी के आधार पर संचालित होते हैं, क्योंकि इससे उनके वित्तीय प्रबंधन में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकते हैं।
विलासिता की वस्तुओं पर टीसीएस की देनदारी
बजट 2024 में विलासिता की वस्तुओं पर भी एक महत्वपूर्ण संशोधन किया गया है। 1 जनवरी 2024 से विलासिता की वस्तुओं पर टीसीएस (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) की देनदारी लागू कर दी गई है। पहले यह केवल उन वाहनों पर लागू थी जिनकी कीमत 10 लाख रुपये से अधिक थी, लेकिन अब इस दायरे को बढ़ा दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अब अन्य विलासिता की वस्तुएं, जैसे महंगे गहने, महंगे इलेक्ट्रॉनिक्स आदि, भी टीसीएस के दायरे में आएंगे।
आयकर सर्च मामलों में संशोधन
एक और महत्वपूर्ण बदलाव आयकर सर्च मामलों से संबंधित है। पहले आयकर अधिकारी 10 वर्ष तक के पुराने प्रकरणों को खोल सकते थे, लेकिन अब इस सीमा को घटाकर 6 वर्ष कर दिया गया है। यह संशोधन करदाताओं के लिए एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है, क्योंकि इससे उन्हें पुराने मामलों में राहत मिलेगी और आयकर मामलों का निपटारा जल्दी हो सकेगा।
टैक्स ला बार एसोसिएशन की बैठक
इस अवसर पर टैक्स ला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मृदुल आर्य, उपाध्यक्ष अंकुर अग्रवाल, बच्चन आचार्य, सचिव मनोज पारख, कोषाध्यक्ष धीरज अग्रवाल, सहसचिव संदीप चौहान और सदस्य विकास अग्रवाल, भूपेश खुरपिया, गोविंद वसंता, राजेश जैन आदि भी उपस्थित रहे। सभी ने बजट 2024 में किए गए संशोधनों पर गहन चर्चा की और अपने विचार व्यक्त किए।
अंशुल अग्रवाल ने कर सलाहकारों को इन नए संशोधनों के साथ अद्यतन रहने की सलाह दी और कहा कि इन बदलावों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए यह आवश्यक है कि करदाता और सलाहकार दोनों ही पूरी तरह से जागरूक रहें। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को इन संशोधनों के लागू होने के बाद उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का निराकरण करने के लिए समय रहते कदम उठाने चाहिए।
संवाद और जागरूकता की आवश्यकता
केंद्रीय बजट 2024 ने आयकर कानून में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो व्यवसायिक समुदाय के लिए महत्वपूर्ण हैं। भागीदारों के वेतन पर टीडीएस की देनदारी, विलासिता की वस्तुओं पर टीसीएस की नई दर और आयकर सर्च मामलों में समय सीमा में बदलाव जैसे कदमों से यह स्पष्ट है कि सरकार टैक्स कलेक्शन को अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत बनाने की दिशा में काम कर रही है। हालांकि, इन बदलावों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सरकार और करदाताओं के बीच निरंतर संवाद और जागरूकता आवश्यक है।
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