भोपाल। ग्वालियर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव ने प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए एक नया अध्याय लिखा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में इस तीन दिवसीय आयोजन का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इस आयोजन के माध्यम से 47 नई औद्योगिक इकाइयों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया गया, जिनकी कुल लागत 1586 करोड़ रुपये है। इस निवेश से प्रदेश में 4752 नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जो प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
औद्योगिक विकास की दिशा में बड़ा कदम
इस कॉन्क्लेव के दौरान ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में 4 नए औद्योगिक पार्कों की स्थापना की घोषणा की गई। इन पार्कों में गुना के चेनपुरा में 333 हेक्टेयर, ग्वालियर जिले के मोहना में 210 हेक्टेयर, मुरैना के मवई में 210 हेक्टेयर और शिवपुरी के गुरावल में 30.64 हेक्टेयर जमीन पर उद्योग विकसित किए जाएंगे। इसके साथ ही, मुरैना जिले के औद्योगिक क्षेत्र सीतापुर में पुलिस चौकी और औद्योगिक क्षेत्र बामोर में फायर स्टेशन की स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश में उद्योगों के विकास के लिए अनुकूल नीतियों और वातावरण के साथ प्रशासनिक स्तर पर भी स्वागत व अभिनंदन का भाव रहेगा। उन्होंने बताया कि ग्वालियर आरआईसी में 8 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनसे 35 हजार से अधिक रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों की भागीदारी
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों की विशेष भागीदारी रही। इस कॉन्क्लेव में 15 अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें कनाडा, नीदरलैंड, टोगो, जाम्बिया और मैक्सिको के प्रतिनिधिमंडल शामिल थे। 15 से अधिक राज्यों के निवेशकों ने इस आयोजन में भाग लिया और निवेश के लिए अपनी रुचि दिखाई। प्रमुख औद्योगिक संगठन भी इस आयोजन का हिस्सा बने, जिसमें पर्यटन, आईटी, फुटवेयर, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण आदि क्षेत्रों के उद्योगपति शामिल थे।
कॉन्क्लेव में 400 से अधिक बायर-सेलर मीटिंग्स आयोजित की गईं और 20 से अधिक प्रमुख उद्योगपतियों और उद्योग संगठनों के साथ वन-टू-वन चर्चा की गई। इस आयोजन में 6 सेक्टोरल सत्र और तीन राउंड टेबल बैठकें भी हुईं, जिनमें उद्योगों के विकास की संभावनाओं पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
अडानी और रिलायंस के बड़े निवेश प्रस्ताव
इस कॉन्क्लेव में अडानी समूह और रिलायंस समूह ने भी अपने निवेश प्रस्ताव पेश किए। अडानी समूह ने गुना और शिवपुरी में दो नई औद्योगिक इकाइयां प्रारंभ करने की घोषणा की, जिनकी कुल लागत 3500 करोड़ रुपये होगी। इनमें शिवपुरी में 2500 करोड़ रुपये की लागत से रक्षा क्षेत्र में और गुना में 500 करोड़ रुपये की लागत से सीमेंट ग्राइडिंग यूनिट और बदरवास में जैकेट निर्माण इकाई स्थापित की जाएगी। इस परियोजना से 3500 लोगों को रोजगार मिलेगा।
रिलायंस समूह के उपाध्यक्ष विवेक तनेजा ने मध्य प्रदेश में बायो गैस और एनर्जी जनरेशन क्षेत्र में निवेश की योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस निवेश से ग्रामीण क्षेत्रों में 2000 रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
प्रदेश की औद्योगिक संभावनाओं का विस्तार
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में औद्योगिक विकास के लिए अपने संकल्प को दोहराते हुए कहा कि प्रदेश की आर्थिक प्रगति में यह कॉन्क्लेव एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि ग्वालियर अंचल में अधोसंरचना और निवेश की शुरुआत वर्षों पहले की गई थी और अब यह क्षेत्र नए-नए उद्योगों के आगमन से पूरी तरह से बदल जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योगों के विकास के लिए प्रदेश सरकार ने 121 बैठकें आयोजित की हैं, जिनका उद्देश्य निवेशकों की समस्याओं का समाधान करना है। उन्होंने बताया कि भोपाल में आगामी 7-8 फरवरी 2025 को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जाएगा, जिसके लिए अभी से तैयारियां की जा रही हैं।
संतुलित और समग्र विकास की दिशा में प्रयास
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के संतुलित और समग्र विकास की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में रोजगार और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य है कि सभी क्षेत्रों में विकास हो और युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त हों।
रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में प्रदेश के विकास के लिए किए गए इन महत्वपूर्ण निर्णयों से यह स्पष्ट होता है कि मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए कितनी गंभीर है। इस आयोजन ने प्रदेश के औद्योगिक विकास की संभावनाओं को एक नई दिशा दी है और इसे राष्ट्रीय पटल पर स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
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