भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम "मन की बात" में मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के सफाई कर्मियों की दिल से प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने झाबुआ में किए गए सफाई कर्मियों के कार्यों को ‘वेस्ट टू वेल्थ’ (कचरे से संपत्ति) के आदर्श उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया, जिसे देश भर में सराहा गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर में "मन की बात" कार्यक्रम को सुना और झाबुआ के सफाई कर्मियों के इस उल्लेखनीय कार्य के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने "मन की बात" में कहा कि झाबुआ जिले के सफाई कर्मी भाई-बहनों ने 'वेस्ट टू वेल्थ' के संदेश को वास्तविकता में बदलकर दिखाया है। इन सफाई कर्मियों ने 'तीन-आर' के मंत्र 'रिड्यूस, रियूज, रिसाइकिल' को अपनाते हुए अनोखी कलाकृतियों का निर्माण किया है। झाबुआ के सफाई कर्मियों की टीम ने शहर के विभिन्न स्थलों पर पड़े कचरे और बेकार सामग्री का उपयोग करके आश्चर्यजनक आर्टवर्क तैयार किया है।
उन्होंने प्लास्टिक की बोतलों, पुराने टायरों, पुराने पाइप और अन्य बेकार सामग्रियों का उपयोग करके हेलिकॉप्टर, तोपें, कार, जेएमसी (झाबुआ नगर पालिका का लोगो), पान के पत्ते, यातायात सिग्नल पॉइंट, दीवार, पौधों के लिए क्यारियां, गमले, आरामदायक बेंच और सोफे जैसी अद्भुत कलाकृतियां बनाई हैं। इन कलाकृतियों को झाबुआ के डॉ. भीमराव अंबेडकर पार्क में सजाया गया है, जो बिना किसी बाहरी सहयोग के, पूरी तरह से नगर पालिका झाबुआ के सफाई कामगारों की मेहनत से तैयार की गई हैं।
इस उत्कृष्ट कार्य में मुख्य नगर पालिका अधिकारी के निर्देशन में प्रभारी स्वच्छता निरीक्षक कमलेश जायसवाल और टोनी मलिया ने अपनी व्यक्तिगत रुचि दिखाते हुए डिजाइन कार्य करवाया। सफाई कर्मी सचिन कालिया और नितेश रमेश ने इस डिजाइन को साकार करने का कार्य किया। सफाई कर्मी कमलेश मन्नु, महेश बाबूलाल और अर्जुन सोहन ने ट्रेंचिंग ग्राउंड और अन्य स्थलों से बेकार सामग्री एकत्र करने का जिम्मा उठाया। इसके बाद, रंगाई-पेंटिंग और कलाकृतियों को अंतिम रूप देने का कार्य विजय बाबूलाल और विजय घुलिया द्वारा किया गया।
यह कार्य केवल नगर पालिका के कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम नहीं है, बल्कि झाबुआ के समर्पित नेतृत्व का भी प्रतीक है, जिन्होंने इस अद्वितीय पहल को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नगर पालिका अध्यक्ष कविता सिंगार और झाबुआ कलेक्टर नेहा मीना ने इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने झाबुआ में हुए इस कार्य को स्वच्छ भारत मिशन के आदर्श उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि झाबुआ के सफाई कर्मियों ने यह दिखाया है कि कैसे बेकार मटेरियल का सही उपयोग करके पर्यावरण संरक्षण और सौंदर्यीकरण के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। इस पहल ने यह सिद्ध किया कि स्वच्छ भारत मिशन केवल सफाई अभियान ही नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करने और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने का भी एक सशक्त माध्यम है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी इस अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा झाबुआ के सफाई कर्मियों के कार्य का विशेष उल्लेख करने पर हर्ष व्यक्त किया। उन्होंने झाबुआ जिले के सफाई कर्मियों, नागरिकों और प्रशासनिक अमले को इस बेहतरीन कार्य के लिए बधाई दी। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि 'वेस्ट टू वेल्थ' के संदेश के साथ सृजन का यह सफल प्रयोग अन्य जिलों में भी अपनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि झाबुआ का यह अनूठा प्रयोग अन्य जिलों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि झाबुआ के सफाई कर्मियों ने न केवल जिले का नाम रोशन किया है, बल्कि पूरे प्रदेश को गर्व महसूस करवाया है। इस सफलता को देखते हुए, मुख्यमंत्री ने अन्य जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों से भी आग्रह किया कि वे अपने क्षेत्रों में 'वेस्ट टू वेल्थ' के इस मॉडल को अपनाएं और इसे अपने जिले में लागू करें।
उन्होंने यह भी कहा कि यह पहल केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए ही नहीं, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने के लिए भी महत्वपूर्ण है। झाबुआ के सफाई कर्मियों ने यह साबित कर दिया है कि छोटी-छोटी पहल भी बड़े बदलाव का कारण बन सकती हैं और यह प्रेरणा देश के अन्य हिस्सों में भी फैलनी चाहिए।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा झाबुआ के सफाई कर्मियों के कार्य को 'मन की बात' में सराहना मिली है, जो पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है। यह झाबुआ के सफाई कर्मियों की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है कि उन्हें प्रधानमंत्री द्वारा प्रशंसा मिली है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने झाबुआ के सफाई कर्मियों और प्रशासनिक अमले को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए बधाई दी और आशा व्यक्त की कि प्रदेश के अन्य जिले भी इस मॉडल को अपनाकर स्वच्छ भारत मिशन को और अधिक सफल बनाएंगे।
प्रेरणादायक उदाहरण
झाबुआ के सफाई कर्मियों द्वारा किया गया यह कार्य एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे सही सोच, समर्पण और टीम वर्क के माध्यम से बेकार समझी जाने वाली चीजों को भी उपयोगी और सुंदर बनाया जा सकता है। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने और 'वेस्ट टू वेल्थ' के संदेश को व्यापक रूप से फैलाने का भी एक प्रभावी माध्यम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस कार्य की सराहना ने इसे और भी विशेष बना दिया है और यह पहल निश्चित रूप से अन्य जिलों और राज्यों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
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