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शिक्षक पदों पर 1% आरक्षण और कायस्थ कल्याण बोर्ड की मांग को लेकर पीएम को लिखा पत्र

राष्ट्रीय कायस्थ संघ ने समाज की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार लाने राष्ट्रीय संयोजक किए नियुक्त

भोपाल। शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय कायस्थ सेवा संघ ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। संघ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र भेजकर शिक्षा संस्थानों में कायस्थ समाज के लिए शिक्षक पदों पर एक प्रतिशत आरक्षण की मांग की है। यह कदम कायस्थ समाज की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार लाने के साथ-साथ भारतीय शिक्षा प्रणाली को सशक्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

कायस्थ समाज का शिक्षा में योगदान

कायस्थ समाज ने हमेशा शिक्षा को अत्यधिक महत्व दिया है और भारतीय शिक्षा प्रणाली में अहम योगदान दिया है। इस समाज के लोग सदियों से शिक्षा के प्रति समर्पित रहे हैं और अपने ज्ञान व कौशल के माध्यम से समाज के उत्थान में भूमिका निभाते रहे हैं। संघ का कहना है कि कायस्थ समाज ने अपने पूर्वजों से मिली क्षमताओं का विकास किया है, जो राष्ट्रीय विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं।

संघ ने अपने पत्र में शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में कायस्थ समाज के ऐतिहासिक योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि यह समाज सदैव शिक्षा के प्रति समर्पित रहा है। इसके बावजूद, आरक्षण नीति के लागू होने के बाद कायस्थ समाज के लोग रोजगार के अवसरों से वंचित रह गए हैं। शिक्षित होते हुए भी, कई लोगों को सरकारी शिक्षक पदों पर रोजगार नहीं मिल पा रहा है।

शिक्षक पदों पर आरक्षण की मांग

राष्ट्रीय कायस्थ सेवा संघ ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि शिक्षा संस्थानों में शिक्षक पदों पर कायस्थ समाज के लिए एक प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जाए। संघ का मानना है कि इस कदम से न केवल समाज को रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि यह भारतीय शिक्षा प्रणाली को भी मजबूती प्रदान करेगा।

संघ का कहना है कि आरक्षण नीति के तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में दूसरे वर्गों को विशेष अवसर दिए गए हैं, लेकिन कायस्थ समाज को इस प्रक्रिया में पीछे छोड़ दिया गया है। शिक्षित और कुशल होते हुए भी कायस्थ समाज के लोगों को सरकारी नौकरियों में सीमित अवसर मिल रहे हैं। शिक्षक पदों पर आरक्षण से इस असंतुलन को ठीक किया जा सकता है और यह समाज के आर्थिक और सामाजिक उत्थान में मददगार साबित होगा।

कायस्थ कल्याण बोर्ड की मांग

आरक्षण की मांग के साथ-साथ, राष्ट्रीय कायस्थ सेवा संघ ने 'कायस्थ कल्याण बोर्ड' के गठन की भी मांग की है। संघ का कहना है कि इस बोर्ड के माध्यम से कायस्थ समाज को प्रशिक्षण, शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्रों में विशेष सहायता प्राप्त होगी। इससे न केवल समाज की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि समाज के लोगों की दक्षता और कार्यक्षमता भी बढ़ेगी।

बोर्ड के गठन के संदर्भ में संघ ने कहा है कि यह केवल कायस्थ समाज के उत्थान का माध्यम नहीं होगा, बल्कि यह भारतीय समाज और राष्ट्र के समग्र विकास में भी एक महत्वपूर्ण योगदान देगा। कायस्थ समाज की पेशेवर क्षमताओं और उसके पूर्वजों से मिली विशेषज्ञता का उपयोग करके इस बोर्ड के माध्यम से समाज के विकासशील भूमिकाओं को सशक्त किया जा सकेगा।

कायस्थ समाज की विरासत और राष्ट्रीय विकास

कायस्थ समाज ने अपने पूर्वजों से प्राप्त क्षमताओं का समुचित विकास किया है और यह समाज राष्ट्रीय विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। संघ का कहना है कि कायस्थ समाज के लोग प्रशासन, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में उच्च स्थान पर रहे हैं और उनकी पेशेवर क्षमताएं राष्ट्र की प्रगति में सहायक हो सकती हैं।

कायस्थ कल्याण बोर्ड के गठन से इस समाज को राष्ट्र निर्माण की गतिविधियों में सक्रिय भागीदार बनाया जा सकेगा। संघ का मानना है कि यह कदम न केवल कायस्थ समाज की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगा, बल्कि यह पूरे भारतीय समाज के लिए एक प्रेरणादायक पहल साबित होगी।

अभियान के संयोजक और समाज की भागीदारी

इस महत्वपूर्ण अभियान के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में वेद आशीष श्रीवास्तव (भोपाल, मध्य प्रदेश), ललित सक्सेना (जयपुर, राजस्थान) और अमित सक्सेना (जयपुर) को नियुक्त किया गया है। यह अभियान भारत के विभिन्न जिलों और ब्लॉकों में चलाया जा रहा है, जहां संघ ने समाज के सदस्यों और आम नागरिकों से इस मुद्दे पर समर्थन की अपील की है।

संघ का कहना है कि यह अभियान केवल कायस्थ समाज के लाभ के लिए नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य पूरे भारतीय समाज और राष्ट्र के समग्र विकास में योगदान देना है। संघ ने यह भी स्पष्ट किया है कि कायस्थ समाज की प्रगति भारतीय समाज की प्रगति से जुड़ी है और इसका लाभ समाज के अन्य वर्गों को भी मिलेगा।

प्रधानमंत्री से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद

राष्ट्रीय कायस्थ सेवा संघ को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पत्र का सकारात्मक जवाब देंगे और कायस्थ समाज की मांगों को ध्यान में रखेंगे। संघ का मानना है कि आरक्षण और कायस्थ कल्याण बोर्ड का गठन न केवल कायस्थ समाज को सशक्त करेगा, बल्कि इससे भारतीय शिक्षा प्रणाली और राष्ट्र के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी सुधार होगा।

संघ का कहना है कि यह कदम भारत के समग्र विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। कायस्थ समाज ने शिक्षा और प्रशासन के क्षेत्रों में हमेशा महत्वपूर्ण योगदान दिया है और यह समय है कि उन्हें उनकी क्षमताओं के अनुसार अवसर प्रदान किए जाएं।

राष्ट्रीय मंच पर लाने का किया प्रयास 

शिक्षक दिवस के अवसर पर, राष्ट्रीय कायस्थ सेवा संघ द्वारा प्रधानमंत्री को भेजा गया यह पत्र कायस्थ समाज की आरक्षण और कल्याण बोर्ड की मांगों को राष्ट्रीय मंच पर लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। संघ का मानना है कि इस कदम से न केवल कायस्थ समाज को लाभ होगा, बल्कि भारतीय समाज और राष्ट्र के समग्र विकास में भी यह पहल एक अहम भूमिका निभाएगी।

कायस्थ समाज के लोग शिक्षा और प्रशासन के क्षेत्रों में हमेशा अग्रणी रहे हैं और इस आरक्षण और कल्याण बोर्ड के माध्यम से उनके कौशल और क्षमताओं का सही उपयोग हो सकेगा। इससे समाज और राष्ट्र दोनों को प्रगति के नए आयाम मिलेंगे। अब उम्मीद है कि प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देंगे और कायस्थ समाज की इन मांगों को पूरा करेंगे। 

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