भोपाल । लायंस क्लब भोपाल संस्कार अपने सदस्यों के माध्यम से समाज में सेवा और समर्पण की अनूठी मिसाल कायम कर रहा है। क्लब के सदस्य अस्पतालों में खिचड़ी बांटकर न केवल पुण्यतिथि और जन्मदिन जैसे व्यक्तिगत अवसरों को मनाते हैं, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभाते हैं। मंगलवार को क्लब के वरिष्ठ सदस्य लायन सुभाष चंद्र सक्सेना और लायन सुषमा जोशी ने अपने परिवारिक और व्यक्तिगत खास मौकों को पंडित खुशी लाल आयुर्वेदिक अस्पताल में मरीजों और उनके परिजनों के साथ साझा किया।
खिचड़ी वितरण के माध्यम से सेवा का प्रसार
लायन सुभाष चंद्र सक्सेना ने अपने पिता की पुण्यतिथि पर पंडित खुशी लाल आयुर्वेदिक अस्पताल में खिचड़ी बांटकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसी प्रकार, लायन सुषमा जोशी ने अपने जन्मदिन के अवसर पर अस्पताल में उपस्थित मरीजों के परिजनों के बीच खिचड़ी वितरण का कार्य किया। लायन सुषमा जोशी का मानना है कि ज्यादातर लोग अपना जन्मदिन धूमधाम से मनाते हैं, लेकिन वे इसे गरीब और जरूरतमंदों की सेवा में बिताना अधिक मूल्यवान समझती हैं। उनके अनुसार यह सेवा उन्हें सच्ची खुशी और संतोष प्रदान करती है।
लायंस क्लब का समर्पित प्रयास
लायन सुयश कुलश्रेष्ठ ने बताया कि लायंस क्लब भोपाल संस्कार के सदस्यों द्वारा पिछले दो वर्षों से पंडित खुशी लाल आयुर्वेदिक अस्पताल में नियमित रूप से खिचड़ी वितरण का कार्य किया जा रहा है। इस सेवा कार्य में लायन भूपेंद्र पटेल की प्रमुख सहभागिता रहती है, जो नियमित रूप से इस पहल का हिस्सा बनते हैं। भूपेंद्र पटेल के अनुसार, अस्पताल में भर्ती अधिकांश मरीज निर्धन पृष्ठभूमि से होते हैं और उनके परिजन भी कई दिनों तक अस्पताल में उनके साथ रहते हैं। इस स्थिति में, जब अस्पताल के आसपास किसी प्रकार की भोजन की व्यवस्था नहीं होती, तो ये परिजन काफी कठिनाई का सामना करते हैं। इस जरूरत को ध्यान में रखते हुए लायंस क्लब ने नियमित रूप से खिचड़ी वितरण का कार्य शुरू किया है, जिससे इन परिजनों को कुछ राहत मिल सके।
सेवा कार्य की व्यापकता
लायंस क्लब के इस सेवा कार्य की विशेषता यह है कि यह न केवल जरूरतमंदों की सहायता करता है, बल्कि समाज में परोपकार और सेवा के मूल्यों को भी बढ़ावा देता है। लायन सुषमा जोशी का यह मानना कि जन्मदिन जैसे व्यक्तिगत मौकों को गरीबों और जरूरतमंदों के साथ साझा करना सबसे बड़ा उपहार है, इस बात का प्रमाण है कि क्लब के सदस्य किस प्रकार सेवा के प्रति समर्पित हैं। लायन सुभाष चंद्र सक्सेना ने अपने पिता की पुण्यतिथि पर खिचड़ी बांटकर जो सेवा की, वह न केवल उनकी पारिवारिक परंपराओं का सम्मान था, बल्कि समाज के प्रति उनके कर्तव्य की भावना का भी प्रतीक था।
लायंस क्लब के अध्यक्ष और सचिव का योगदान
लायंस क्लब भोपाल संस्कार के अध्यक्ष लायन दिनेश धीर ने बताया कि क्लब द्वारा इस प्रकार की सेवा गतिविधियां नियमित रूप से संचालित होती रहेंगी। उनका मानना है कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए सेवा और समर्पण का यह सिलसिला जारी रहना चाहिए। उन्होंने इस कार्य में जुड़े सभी सदस्यों की प्रशंसा की और उनके योगदान को सराहा। इसके अलावा क्लब के सचिव लायन रूपक राव ने सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस नेक कार्य में अपनी सहभागिता दी।
कार्यक्रम की सफलता और भविष्य की योजनाएं
इस सेवा कार्य के दौरान, लायंस क्लब के अन्य वरिष्ठ सदस्य, जैसे लायन रेखा सक्सेना और लायन भूपेंद्र पटेल भी उपस्थित रहे। इन सदस्यों की उपस्थिति और सहभागिता से कार्यक्रम को और भी अधिक सफलता मिली। लायंस क्लब के सभी सदस्यों ने मिलकर इस सेवा कार्य को सफल बनाने के लिए अपने-अपने हिस्से का योगदान दिया।
लायंस क्लब भोपाल संस्कार ने यह सुनिश्चित किया है कि सेवा कार्य केवल एक गतिविधि न होकर एक निरंतर प्रयास बने। इस सेवा कार्य के माध्यम से क्लब ने यह सिद्ध किया है कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए छोटे-छोटे प्रयास भी बड़े पैमाने पर असर डाल सकते हैं।
सेवा कार्य के प्रति बढ़ता हुआ रुझान
लायंस क्लब के इस प्रयास से अन्य सामाजिक संस्थाओं और व्यक्तिगत तौर पर लोगों में भी सेवा कार्य के प्रति रुचि और उत्साह बढ़ा है। इस प्रकार के कार्यक्रमों से प्रेरणा लेकर, कई अन्य लोग भी अपने व्यक्तिगत अवसरों को समाज के जरूरतमंद वर्गों के साथ साझा करने के लिए प्रेरित हुए हैं।
एक प्रेरणादायक पहल
लायंस क्लब भोपाल संस्कार द्वारा की जा रही यह पहल समाज के प्रति सेवा और समर्पण की अनूठी मिसाल है। इस प्रकार के कार्यों से न केवल जरूरतमंदों को राहत मिलती है, बल्कि समाज में सेवा भाव और मानवता के मूल्यों का भी विस्तार होता है। लायंस क्लब के सदस्य अपने व्यक्तिगत अवसरों को साझा कर, समाज के कमजोर वर्गों को एक नई उम्मीद देते हैं और उनके जीवन में खुशियां भरने का प्रयास करते हैं।
लायंस क्लब भोपाल संस्कार के इस सेवा कार्य से प्रेरित होकर, यह कहा जा सकता है कि समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए एक छोटे से कदम की भी बड़ी अहमियत होती है। यह पहल अन्य सामाजिक संगठनों के लिए एक प्रेरणा बन सकती है, जिससे वे भी सेवा के इस सिलसिले को आगे बढ़ाने में योगदान दे सकते हैं।
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