भोपाल। स्वाधीनता दिवस के अवसर पर स्वराज संस्थान संचालनालय, संस्कृति विभाग, मध्य प्रदेश शासन द्वारा आयोजित 'आजादी का महापर्व' कार्यक्रम ने राजधानी भोपाल में देशभक्ति और उत्साह का माहौल पैदा कर दिया। हंसध्वनि सभागार, रवीन्द्र भवन परिसर में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में प्रख्यात गायिका पलक मुछाल और उनके भाई पलाश मुछाल ने अपने सुरों के जादू से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
पलक मुछाल की मखमली आवाज में प्रस्तुत देशभक्ति गीतों ने पूरे सभागार में जोश और उमंग का संचार कर दिया। उन्होंने "ऐ मेरे वतन के लोगों..., तेरी मिट्टी में मिल जावां..., अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों...,जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया... और प्रेम रतन धन पायो..., जैसे कई सुपरहिट गीतों की प्रस्तुति दी। उनकी आवाज में देशभक्ति के इन गीतों ने ऐसा समां बांधा कि दर्शक अपने आप को झूमने से नहीं रोक पाए। पलक मुछाल के भाई, पलाश मुछाल ने भी अपनी गायकी से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में वीरांगना रानी दुर्गावती, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, चंद्रशेखर आजाद जैसे अनेक क्रांतिकारियों के साहस और बलिदान का स्मरण किया। उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा हमें गर्व है कि हमारे देश के वीर सपूतों ने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारा देश निरंतर प्रगति कर रहा है और आज देश के दुश्मनों को उनकी ही धरती पर मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। उन्होंने पाकिस्तान से अभिनंदन की वापसी की घटना को याद करते हुए भारतीय सेना के साहस और देश की कूटनीतिक सफलता की सराहना की।
संस्कृति मंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी ने स्वागत उद्बोधन में 78वें स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए वीर सपूतों को नमन किया जिन्होंने देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा जब देश पराधीन था, तब हमें स्वतंत्रता दिलाने के लिए बलिदान देने वालों की आवश्यकता थी, लेकिन आज, स्वतंत्र भारत में, हमें देश के लिए जीने और समाज एवं राष्ट्र के उत्थान के लिए समर्पित लोगों की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा स्वराज संस्थान संचालनालय की ओर से मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुए स्वतंत्रता संग्राम पर केंद्रित पुस्तकों की शृंखला का विमोचन किया गया। नरसिंहपुर, राजगढ़, टीकमगढ़-निवाड़ी, इंदौर, शाजापुर-आगर मालवा, बड़वानी, हरदा, भिंड, कटनी, सीहोर, गुना-अशोकनगर, दमोह, धार, बैतूल और विदिशा जिलों पर आधारित इन 15 पुस्तकों का प्रकाशन प्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम की गाथाओं को संजोने के लिए किया गया है।
इसके साथ ही, संस्कृति संचालनालय द्वारा प्रकाशित कला पंचांग-2024-25, जो विभिन्न कार्यक्रमों और कला गतिविधियों की जानकारी पर आधारित है का भी विमोचन हुआ। इसके अतिरिक्त, मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा अखंड भारत पर उर्दू में प्रकाशित पुस्तक का विमोचन भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया।
'आजादी का महापर्व' कार्यक्रम में दर्शकों की भारी उपस्थिति देखी गई। कुर्सियों के भर जाने के बाद भी लोगों ने जमीन पर बैठकर पलक मुछाल और अन्य प्रस्तुतियों का आनंद लिया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, संस्कृति मंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी, विधायक भगवानदास सबनानी, नगर निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी और अन्य वरिष्ठ गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
कार्यक्रम का समापन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के उद्बोधन और राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस आयोजन ने न केवल स्वतंत्रता संग्राम के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी, बल्कि वर्तमान और भविष्य के लिए एक प्रेरणादायक संदेश भी दिया। स्वराज संस्थान द्वारा आयोजित यह महापर्व दर्शकों के दिलों में देशभक्ति की भावना को और भी गहरा कर गया और यह स्वतंत्रता दिवस समारोह को एक स्मरणीय बना दिया।
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