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मानव संग्रहालय बनेगा देश का पहला सौर ऊर्जा संचालित संग्रहालय

पीएम सूर्य घर योजना के तहत होगा ग्रीन कैंपस का निर्माण

भोपाल। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय अब देश का पहला सौर ऊर्जा से संचालित संग्रहालय बनने जा रहा है। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम सूर्य घर मुक्त बिजली योजना के तहत, संग्रहालय के विभिन्न भवनों और खाली स्थानों पर सोलर पैनल सिस्टम लगाने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित एक बैठक में लिया गया, जिसमें सौर ऊर्जा और सतत विकास को बढ़ावा देने पर चर्चा की गई।

संग्रहालय के निदेशक प्रो अमिताभ पांडे ने बताया कि सौर ऊर्जा एक नवीकरणीय स्रोत है, जिसे बिना संसाधनों की समाप्ति के अनियत काल तक उत्पन्न किया जा सकता है। सौर ऊर्जा प्रणालियों की स्थापना से न केवल संग्रहालय की ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जाएगा, बल्कि इसे ग्रीन कैंपस में बदलने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम भी उठाए जाएंगे। 

इस योजना के तहत संग्रहालय के प्रमुख भवनों जैसे अंतरंग भवन और वीथि संकुल में सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इसके अलावा, संग्रहालय परिसर के खाली स्थानों का भी उपयोग किया जाएगा। इन सोलर पैनलों से उत्पन्न बिजली का उपयोग संग्रहालय की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा, जिससे संग्रहालय को मुफ्त बिजली प्राप्त होगी। इसके अलावा, संग्रहालय को अपनी आय बढ़ाने का अवसर भी मिलेगा, क्योंकि अधिशेष बिजली को ग्रिड में भेजा जा सकता है और इसके बदले वित्तीय लाभ प्राप्त किया जा सकता है।


सरकार इस परियोजना के लिए सब्सिडी प्रदान करेगी, जिससे सोलर पैनल सिस्टम की स्थापना में होने वाले खर्च को कम किया जा सकेगा। इस सब्सिडी के माध्यम से संग्रहालय को ऊर्जा संरक्षण और सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। सौर ऊर्जा का उपयोग पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह प्रदूषण रहित है और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने में सहायक है।

संग्रहालय को सौर ऊर्जा से संचालित करने के लिए एक पावर ग्रिड भी स्थापित किया जाएगा। संग्रहालय के हर मार्ग पर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर सोलर लाइट के खंभे लगाए जाएंगे, जिन पर दुधिया रोशनी देने वाली लाइट्स लगाई जाएंगी। यह न केवल संग्रहालय की सुरक्षा और सौंदर्य को बढ़ाएगा, बल्कि रात के समय भी पर्यटकों के लिए संग्रहालय को आकर्षक बनाएगा।

इस परियोजना के तहत, संग्रहालय के प्रमुख भवनों और परिसरों में ऊर्जा बचत के अन्य उपाय भी अपनाए जाएंगे। इसके साथ ही, संग्रहालय प्रशासन इस पहल के तहत सौर ऊर्जा के महत्व और इसके लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विशेष कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। इन कार्यक्रमों के माध्यम से पर्यटकों और स्थानीय समुदाय को सौर ऊर्जा के उपयोग और इसके लाभों के बारे में जानकारी दी जाएगी।

इस परियोजना के पूरा होने पर, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय सौर ऊर्जा से संचालित होने वाला देश का पहला संग्रहालय बन जाएगा। यह पहल न केवल संग्रहालय के लिए आर्थिक लाभदायक होगी, बल्कि इसे पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण बनाएगी। सौर ऊर्जा के उपयोग से संग्रहालय की ऊर्जा जरूरतें पूरी होंगी और इसे ग्रीन कैंपस में बदलने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा।


इस योजना का उद्देश्य न केवल सौर ऊर्जा का अधिकतम उपयोग करना है, बल्कि इसे एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करना भी है, जिससे अन्य संस्थान और संगठनों को भी सौर ऊर्जा के उपयोग के लिए प्रेरित किया जा सके।

संग्रहालय के निदेशक प्रो. अमिताभ पांडे के अनुसार सौर ऊर्जा प्रणालियों को छोटे पैमाने पर स्थापित करने से स्थानीय स्तर पर ऊर्जा उत्पादन संभव हो सकेगा और केंद्रीकृत ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम होगी। उन्होंने कहा कि यह कदम पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

इस प्रकार इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, भोपाल का यह कदम न केवल ऊर्जा संरक्षण और सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, बल्कि यह देश के अन्य संस्थानों के लिए एक प्रेरणास्रोत भी बनेगा। सौर ऊर्जा की रोशनी से नहाने वाला यह संग्रहालय न केवल अपने अनूठेपन के लिए जाना जाएगा, बल्कि ऊर्जा क्षेत्र में देश के लिए एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक भी बनेगा।

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