मानव

मानव संग्रहालय भोपाल: भारत की सांस्कृतिक विरासत का जीवंत संरक्षण

इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में जनजातीय आवास, शैलकला, तटीय गाँव, और मरूगाँव की प्रदर्शनियाँ देखें। संस्कृति और विरासत की गहराई में डूबे इस अनुभव के बारे में जानें।

भारतीय संस्कृति और विरासत की अपार विविधता को समेटे हुए, इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, भोपाल एक ऐसा स्थान है जहाँ भारत की जीवंत परंपराएँ और उसके अतीत की गाथाएँ सजीव रूप में प्रस्तुत की जाती हैं। इस संग्रहालय की स्थापना न केवल मानव जाती के काल और स्थान की गाथा को दर्शाने के लिए की गई है, बल्कि यह मानवीय संस्कृति की अति संवेदी और कलात्मक चैतान्याओं को खोजने का एक अवसर भी प्रदान करता है।

हाल ही में, देश के सबसे बड़े तटस्थ दूरसंचार अवसंरचना रेल टेल मिनी रत्न कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री संजय कुमार और अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त श्री आर.दोरजी ने संग्रहालय की मुक्ताकाश प्रदर्शनियों का अवलोकन किया। इन प्रदर्शनियों में जनजातीय आवास, शैलकला धरोहर, तटीय गाँव, और मरूगाँव शामिल हैं, जो भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्धि को दर्शाते हैं।

संग्रहालय के निदेशक डॉ. अमिताभ पाण्डे ने बताया कि यह संग्रहालय न केवल मानव जाती के इतिहास को संजोए हुए है, बल्कि यह उन अमूल्य कलाकृतियों का भी घर है जो राष्ट्र के अतीत की गौरवशाली संस्कृति का दर्शन कराती हैं। श्री संजय कुमार ने अपने भ्रमण के दौरान कहा कि मानव संग्रहालय अपनी समृद्ध कला और सांस्कृतिक विरासत के कारण एक विशिष्ट पहचान बनाए हुए है। उन्होंने यह भी कहा कि यहाँ के संग्रहित कलाकृतियों ने शोधार्थियों, बुद्धिजीवियों तथा सामान्य जनमानस के मन में एक अमिट छाप छोड़ी है।

श्री आर.दोरजी ने इसे 'लघु भारत' कहा और बताया कि यहाँ भारत की अतुलनीय संस्कृति को सहेज कर रखा गया है। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत के सभी विश्वविद्यालयों के छात्रों को अपनी पारंपरिक ज्ञान पद्धति को सीखने के लिए यहाँ आकर शोध करना चाहिए। इस सुझाव को संग्रहालय के निदेशक महोदय ने स्वीकार किया और इसकी शुरुआत अरुणाचल प्रदेश के विद्यार्थियों से करने का अनुरोध किया।

इस अवसर पर रेल टेल कंपनी के अधिकारी एवं अरुणाचल प्रदेश से आए अतिथि भी उपस्थित थे। यह घटना न केवल मानव संग्रहालय की महत्वपूर्णता को उजागर करती है बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे यह स्थान विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं का संगम है, जो शिक्षा और शोध के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करता है।

मानव संग्रहालय राष्ट्र की संस्कृति का धरोहर है, जैसा कि श्री संजय कुमार ने कहा, और इसे प्रत्येक भारतीय द्वारा अनुभव किया जाना चाहिए। इसकी प्रदर्शनियाँ न केवल भारत के अतीत को समझने में मदद करती हैं, बल्कि यह भविष्य की पीढ़ियों के लिए ज्ञान और संस्कृति के संरक्षण का एक माध्यम भी है।



India News Vista
196

Newsletter

Subscribe to our newsletter for daily updates and stay informed

Feel free to opt out anytime
Get In Touch

+91 99816 65113

[email protected]

Follow Us

© indianewsvista.in. All Rights Reserved.