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मैनिट : क्षमता निर्माण कार्यशाला में फैकल्टी सदस्यों की दक्षता में हुई वृद्धि

मैनेजमेंट स्टडीज विभाग द्वारा दो सप्ताह की क्षमता निर्माण कार्यशाला का किया गया आयोजन, देश के विभिन्न शहरों से आए फैकल्टी सदस्यों ने लिया भाग

भोपाल। मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) के मैनेजमेंट स्टडीज विभाग ने फैकल्टी सदस्यों के लिए दो सप्ताह की क्षमता निर्माण कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शिक्षण और अकादमिक शोध में फैकल्टी सदस्यों की दक्षता को बढ़ाना था। कार्यशाला में देश के विभिन्न शहरों से आए फैकल्टी सदस्यों ने सक्रिय भागीदारी की, जिससे यह एक बेहद सफल और उपयोगी पहल साबित हुई।

कार्यशाला का उद्देश्य और महत्व

कार्यशाला का उद्देश्य फैकल्टी सदस्यों को उन्नत कार्यप्रणालियों और अकादमिक शोध और शिक्षण प्रथाओं में व्यावहारिक अंतर्दृष्टि से लैस करना था। कोर्स डायरेक्टर, डॉ. नेनावथ श्रीनू ने समापन कार्यक्रम के दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए कहा यह कार्यशाला युवा फैकल्टी के लिए बहुत उपयोगी है। इसने हमारे शोध और शिक्षण कौशल को बढ़ाने के लिए आवश्यक इनपुट प्रदान किए हैं। उन्होंने इस पहल के महत्व पर भी प्रकाश डाला और बताया कि यह कार्यक्रम विशेष रूप से युवा फैकल्टी सदस्यों के लिए लाभकारी रहा है।

कार्यशाला की संरचना

यह दो सप्ताह की कार्यशाला फैकल्टी सदस्यों के लिए एक सहयोगात्मक सीखने का वातावरण प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया था। इस कार्यक्रम में कई सत्र आयोजित किए गए, जिनमें प्रतिभागियों को अपने अनुभव साझा करने और एक-दूसरे से सीखने का अवसर मिला। सत्रों में नवीन शोध तकनीकों, प्रभावी शिक्षण रणनीतियों और शिक्षा में प्रौद्योगिकी के एकीकरण जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया।

प्रमुख गतिविधियां और सत्र

कार्यशाला में कई इंटरएक्टिव सत्र, हैंड्स-ऑन गतिविधियां और समूह चर्चाएं आयोजित की गईं, जिससे प्रतिभागियों की सीखने की प्रक्रिया समृद्ध हुई। इंटरएक्टिव सत्रों के दौरान, प्रतिभागियों ने नवीनतम शोध तकनीकों पर विचार-विमर्श किया और उन्हें अपने शोध कार्य में कैसे लागू किया जा सकता है, इस पर चर्चा की। प्रभावी शिक्षण रणनीतियों पर आयोजित सत्रों में, फैकल्टी सदस्यों ने आधुनिक शिक्षण विधियों और शिक्षण में नवाचारों के महत्व को समझा।

हैंड्स-ऑन गतिविधियों ने प्रतिभागियों को अपने कौशल को व्यावहारिक रूप से लागू करने का मौका दिया। इन गतिविधियों के माध्यम से, फैकल्टी सदस्यों ने शिक्षा में प्रौद्योगिकी के एकीकरण के तरीकों को सीखा और अपने शिक्षण अभ्यास में इसे कैसे शामिल किया जा सकता है, इस पर विचार किया।

सहभागिता और अनुभव साझा करना

कार्यशाला में शामिल सभी फैकल्टी सदस्यों ने अपने अनुभव साझा किए और एक-दूसरे से सीखा। यह सहभागिता और अनुभव साझा करना कार्यशाला की सफलता का एक प्रमुख तत्व था। इससे न केवल प्रतिभागियों को नई जानकारी और कौशल हासिल करने का मौका मिला, बल्कि उन्हें अपने अनुभवों को साझा करने और दूसरों से सीखने का भी अवसर मिला। इस प्रकार के सहयोगात्मक सीखने से फैकल्टी सदस्यों की अकादमिक और शिक्षण दक्षता में वृद्धि होती है।

कार्यशाला का समापन

कार्यशाला के समापन अवसर पर कोर्स डायरेक्टर डॉ. नेनावथ श्रीनू ने सभी प्रतिभागियों को उनके सक्रिय योगदान और उत्साह के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा इस कार्यशाला का सफलतापूर्वक समाप्ति देश भर के फैकल्टी सदस्यों की अकादमिक और शिक्षण दक्षता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डॉ. श्रीनू ने यह भी कहा कि इस प्रकार की पहलें अकादमिक समुदाय का समर्थन और विकास करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और वे भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया

कार्यशाला में शामिल फैकल्टी सदस्यों ने इस पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम ने उन्हें न केवल नई तकनीकों और विधियों के बारे में सिखाया, बल्कि उन्हें अपने पेशेवर विकास में भी मदद की। एक प्रतिभागी ने कहा यह कार्यशाला हमारे लिए बेहद उपयोगी रही। हमें न केवल नई जानकारी मिली, बल्कि हमें अपने सहकर्मियों से भी बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला।

भविष्य की योजनाएं

मैनिट का मैनेजमेंट स्टडीज विभाग इस प्रकार की और पहलें करने की योजना बना रहा है ताकि फैकल्टी सदस्यों को निरंतर व्यावसायिक विकास के अवसर मिलते रहें। विभाग के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा हमारा उद्देश्य है कि हम अपने फैकल्टी सदस्यों को निरंतर सीखने और विकास के अवसर प्रदान करें। हम इस दिशा में और भी पहल करने की योजना बना रहे हैं। 

मैनिट के मैनेजमेंट स्टडीज विभाग द्वारा आयोजित इस दो सप्ताह की क्षमता निर्माण कार्यशाला ने फैकल्टी सदस्यों को उनके शिक्षण और शोध कौशल को बढ़ाने का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया। इस कार्यक्रम ने न केवल प्रतिभागियों को नई तकनीकों और विधियों से अवगत कराया, बल्कि उन्हें एक-दूसरे से सीखने और अपने अनुभव साझा करने का भी अवसर मिला। इस प्रकार के कार्यक्रम अकादमिक समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं और उनके निरंतर विकास और समर्थन के लिए आवश्यक हैं।

इस सफल आयोजन के बाद मैनेजमेंट स्टडीज विभाग ने यह साबित कर दिया है कि वे अपने फैकल्टी सदस्यों के व्यावसायिक विकास के प्रति प्रतिबद्ध हैं और उन्हें सर्वोत्तम अवसर प्रदान करने के लिए लगातार प्रयासरत रहेंगे। इस प्रकार की पहलें न केवल फैकल्टी सदस्यों के लिए लाभकारी होती हैं, बल्कि वे समग्र रूप से शिक्षा प्रणाली को भी मजबूत बनाती हैं।

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