भोपाल। मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) के राधाकृष्णन सभागार एसएसी में चार ई-बसों का हरी झंडी दिखा कर बसों का संचालन शुरू किया गया। इस विशेष अवसर पर विवेक कुमार देवांगन, आईएएस और मुख्य प्रबंध निदेशक ग्रामीण विद्युतीकरण निगम आरईसी लिमिटेड ने मुख्य अतिथि के रूप में समारोह की अध्यक्षता की। उनके साथ मैनिट भोपाल के निदेशक डॉ. करुणेश कुमार शुक्ला, ग्लोबल मैनिट एलुमनी एसोसिएशन के अध्यक्ष बिप्लब डे, आरईसी फाउंडेशन की ईडी तरूणा गुप्ता और वरिष्ठ मुख्य कार्यक्रम प्रबंधक प्रदीप फेलो उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम में मैनिट भोपाल के डीन, विभागों
के प्रमुख, संकाय सदस्य, कर्मचारी और छात्रों के साथ-साथ अन्य आरईसी अधिकारी भी उपस्थित
रहे। आरईसी लिमिटेड की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी सीएसआर पहल के हिस्से के रूप में
मैनिट भोपाल को ये ई-बसें प्रदान की गई हैं। यह पहल न केवल स्थिरता में योगदान देगी
बल्कि परिसर को प्रदूषण मुक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
विवेक कुमार देवांगन जो स्वयं मैनिट भोपाल
के पूर्व छात्र हैं, उन्होंने 1990 में मैनिट से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बैचलर
ऑफ इंजीनियरिंग बीई की डिग्री प्राप्त की और आईआईटी दिल्ली से ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स
और ऑप्टिकल संचार में एमटेक की डिग्री हासिल की। 1993 बैच के आईएएस अधिकारी के रूप
में उन्होंने बिजली मंत्रालय, पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, एनटीपीसी लिमिटेड
आदि में कई महत्वपूर्ण विभागों का नेतृत्व किया है। अपने पुराने संस्थान में वापस आकर,
उन्होंने छात्रों और शिक्षकों के साथ अपने अनुभव और प्रेरणादायक विचार साझा किए।
आरईसी लिमिटेड की यह पहल मैनिट के छात्रों के लिए परिसर के भीतर परिवहन के एक हरित और स्थायी साधन का प्रावधान करती है। ये ई-बसें न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी होंगी बल्कि छात्रों के लिए भी सुविधा का साधन बनेंगी। यह पहल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो मैनिट भोपाल को प्रदूषण मुक्त परिसर बनाने में सहायता करेगी।
कार्यक्रम के दौरान, विवेक कुमार देवांगन
ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा मुझे गर्व है कि मैं मैनिट भोपाल का पूर्व छात्र
हूं। इस संस्थान ने मुझे वह आधार दिया, जिसने मेरी पूरे करियर यात्रा को आकार दिया।
आज जब हम इन ई-बसों का उद्घाटन कर रहे हैं, तो यह न केवल हमारी स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता
का प्रतीक है बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे प्रौद्योगिकी और नवाचार से हम अपने पर्यावरण
की रक्षा कर सकते हैं।
डॉ. करुणेश कुमार शुक्ला, निदेशक मैनिट भोपाल
ने इस अवसर पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा ई-बसों का यह प्रोजेक्ट हमारे संस्थान
के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह न केवल पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी
को दर्शाता है बल्कि हमारे छात्रों के लिए भी एक सुरक्षित और सुविधाजनक परिवहन विकल्प
प्रदान करता है।
ग्लोबल मैनिट एलुमनी एसोसिएशन के अध्यक्ष
बिप्लब डे ने कहा यह पहल हमारे छात्रों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण
कदम है। हम आरईसी लिमिटेड के सहयोग के लिए आभारी हैं और हमें विश्वास है कि यह सहयोग
भविष्य में और भी नए अवसरों को जन्म देगा।
आरईसी फाउंडेशन की ईडी तरूणा गुप्ता ने भी
इस अवसर पर अपने विचार साझा करते हुए कहा हम इस साझेदारी के माध्यम से मैनिट भोपाल
के साथ जुड़ने के लिए गर्व महसूस करते हैं। यह पहल आरईसी लिमिटेड की कॉर्पोरेट सामाजिक
जिम्मेदारी के तहत एक महत्वपूर्ण योगदान है और हम आगे भी ऐसे परियोजनाओं में योगदान
देते रहेंगे।
प्रदीप फेलो वरिष्ठ मुख्य कार्यक्रम प्रबंधक
आरईसी भोपाल ने कहा ई-बसों का यह प्रोजेक्ट हमारे पर्यावरण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता
को दर्शाता है। हम आशा करते हैं कि यह पहल अन्य संस्थानों के लिए भी एक प्रेरणा स्रोत
बनेगी।
मैनिट भोपाल के डीन, विभागों के प्रमुख,
संकाय सदस्य, कर्मचारी और छात्रों ने इस पहल की सराहना की और उम्मीद जताई कि भविष्य
में भी ऐसी और पहलें होंगी जो पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता को बढ़ावा देंगी।
इस प्रकारए मैनिट भोपाल में आयोजित यह समारोह
न केवल एक संस्थान के छात्रों और कर्मचारियों के लिए एक नई शुरुआत थी बल्कि यह एक संदेश
भी था कि स्थिरता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता से ही हम एक बेहतर भविष्य
का निर्माण कर सकते हैं।
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