भोपाल। वाणिज्य कर आयुक्त धनराजू एस. से शुक्रवार को टैक्स ला बार के पदाधिकारियों ने सौजन्य भेंट की। इस महत्वपूर्ण बैठक में टैक्स लाॅ बार के पदाधिकारियों ने अपनी गतिविधियों और आगामी योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। यह बैठक कराधान से जुड़े मामलों में सुधार, करदाताओं की सहायता और अधिकारियों के प्रशिक्षण के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।
टैक्स लाॅ बार की गतिविधियां और योगदान
टैक्स लाॅ बार द्वारा की जा रही गतिविधियों की जानकारी आयुक्त महोदय को दी गई। संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि टैक्स लाॅ बार न केवल अपने सदस्यों के पेशेवर विकास पर ध्यान केंद्रित करता है, बल्कि उन्हें नवीनतम कर कानूनों और नियमों के बारे में अद्यतन रखने के लिए नियमित रूप से कार्यक्रम आयोजित करता है।
टैक्स लाॅ बार हर महीने दो स्टडी सर्किल का आयोजन करता है, जो सदस्यों के ज्ञानवर्धन के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। इन सर्किलों में जीएसटी, आयकर, और अन्य कर कानूनों पर गहन चर्चा की जाती है, जिससे सदस्यों को कर संबंधी विभिन्न मुद्दों पर विशेषज्ञता हासिल करने में मदद मिलती है। इन सर्किलों में उद्योग विशेषज्ञों और कराधान के अनुभवी पेशेवरों को आमंत्रित किया जाता है, जो सदस्यों को अपने अनुभव और ज्ञान से अवगत कराते हैं।
जीएसटी ट्रिब्यूनल में सुनवाई के लिए प्रशिक्षण
इस बैठक में पदाधिकारियों ने जीएसटी ट्रिब्यूनल में सुनवाई की ट्रेनिंग के लिए आयोजित की जा रही कार्यशालाओं की जानकारी भी दी। टैक्स लाॅ बार ने महसूस किया है कि जीएसटी ट्रिब्यूनल में पेश होने के लिए पेशेवरों को विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता है। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, संगठन ने कार्यशालाओं का आयोजन शुरू किया है, जो जीएसटी ट्रिब्यूनल में सुनवाई के विभिन्न पहलुओं को कवर करती हैं।
ये कार्यशालाएं न केवल सदस्यों को कानूनी और प्रक्रियात्मक मुद्दों पर प्रशिक्षित करती हैं, बल्कि उन्हें ट्रिब्यूनल में पेश होने की कला भी सिखाती हैं। इस प्रकार के प्रशिक्षण से सदस्यों की पेशेवर दक्षता में वृद्धि होती है और उन्हें अपने क्लाइंट्स के हितों की बेहतर तरीके से रक्षा करने में सहायता मिलती है।
अधिकारियों के प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल
इस अवसर पर टैक्स लाॅ बार के अध्यक्ष मृदुल आर्य ने वाणिज्य कर आयुक्त धनराजू एस. से निवेदन किया कि विभाग के अधिकारियों को भी उच्च गुणवत्ता वाली प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए विभागीय कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण कर निर्धारण आदेश पारित करने के लिए अधिकारियों का प्रशिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है।
अध्यक्ष ने कहा कि जब अधिकारी कराधान के नवीनतम पहलुओं से पूरी तरह से अवगत होंगे और उन्हें सही तरीके से लागू कर सकेंगे, तो व्यापारी और कर सलाहकारों को कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। इससे विभाग की कार्यक्षमता में भी सुधार होगा और कराधान प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनेगी।
आयुक्त महोदय की प्रतिक्रिया और समर्थन
वाणिज्य कर आयुक्त धनराजू एस. ने टैक्स लाॅ बार द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की और कहा कि यह संगठन कर पेशेवरों के ज्ञानवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए भी सकारात्मक रुख दिखाया और आश्वासन दिया कि इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
आयुक्त महोदय ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण कर निर्धारण के लिए अधिकारियों का समय-समय पर प्रशिक्षित होना आवश्यक है। इससे कर निर्धारण प्रक्रिया में सुधार होगा और किसी भी प्रकार की कठिनाई से बचा जा सकेगा। उन्होंने टैक्स लाॅ बार के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि विभाग इस दिशा में गंभीरता से कार्य करेगा और अधिकारियों के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेगा।
पदाधिकारियों की उपस्थिति और बैठक का महत्व
इस महत्वपूर्ण बैठक में टैक्स लाॅ बार के अध्यक्ष मृदुल आर्य, मनोज पारख, बच्चन आचार्य, धीरज अग्रवाल, संदीप चौहान, भूपेश खुरपिया, राजेश्वर दयाल, पराग अग्रवाल, अनिल अजमेरा, शैलेश साहू, केके पांडे सहित कई अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने आयुक्त महोदय से विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया और कराधान से जुड़े विषयों पर अपने सुझाव प्रस्तुत किए।
इस बैठक ने न केवल टैक्स लाॅ बार और वाणिज्य कर विभाग के बीच संवाद को बढ़ावा दिया, बल्कि कराधान से जुड़े मुद्दों पर सुधार और प्रशिक्षण के लिए एक ठोस योजना की नींव भी रखी। यह बैठक कराधान प्रक्रिया में सुधार और पारदर्शिता के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनी, जिससे न केवल पेशेवरों, बल्कि व्यापारियों और करदाताओं को भी लाभ मिलेगा।
टैक्स लाॅ बार और वाणिज्य कर आयुक्त के बीच हुई इस मुलाकात ने कराधान के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव के लिए एक नया मार्ग प्रशस्त किया है। अधिकारियों और पेशेवरों के प्रशिक्षण पर बल देकर, कराधान प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह पहल न केवल कराधान प्रणाली में सुधार लाएगी, बल्कि करदाताओं और व्यापारियों के लिए भी एक बेहतर अनुभव प्रदान करेगी।
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