भाेपाल। मध्य प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने बुधवार को एक विशेष कार्यक्रम "आपका सेवक आपके द्वार, आपकी सेवा में नमो सरकार" का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम ऊटिया कलां ग्राम में आयोजित किया गया, जहां राज्यमंत्री पटेल 24 घंटे तक ग्रामवासियों के बीच रहकर उनकी समस्याओं को सुनने और उनके समाधान की प्रक्रिया को आरंभ करने के लिए उपस्थित रहे। यह अनूठा पहल न केवल ग्रामीणों की समस्याओं को निपटाने का मंच बना बल्कि जनता से सीधे संवाद का एक प्रभावी माध्यम भी बना।
राज्यमंत्री पटेल के नेतृत्व में कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारियों की मौजूदगी में एक समस्या समाधान शिविर का भी आयोजन किया गया। इस शिविर में ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को अधिकारियों के समक्ष रखा, जिन पर तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। शासन और प्रशासन की यह तत्परता ग्रामीण विकास में एक नई दिशा प्रदान करती है।
शिविर के दौरान, राज्यमंत्री पटेल ने "सेवा सहकारी संस्था मर्या. ऊटिया कलां" के नवीन भवन का लोकार्पण भी किया। इस भवन का उद्घाटन ग्रामवासियों के लिए एक बड़ी सौगात है, जिससे उन्हें सहकारी सेवाओं का लाभ बेहतर तरीके से मिल सकेगा।
नरेंद्र शिवाजी पटेल ने ग्रामीणजनों को संबोधित करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से उनका उद्देश्य ग्रामीणों के साथ सीधा संवाद स्थापित करना है। उन्होंने कहा यह मेरा सौभाग्य है कि मैं अपने आत्मीयजनों के बीच आकर इतना स्नेह पाता हूं। मेरा संकल्प है कि जिस भावना से हमारा शीर्ष नेतृत्व जनसेवा करता है, उसी भावना के साथ मैं आपका सेवक बनकर आपके द्वार आया हूं।
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम ग्रामवासियों के साथ एक आत्मीय संवाद स्थापित करने और उनकी समस्याओं को समझने का एक सशक्त माध्यम है। साथ ही उन्होंने ग्रामीणों से सुझाव प्राप्त कर विकास की दिशा में उनके विचारों को भी प्राथमिकता देने की बात कही।
श्री पटेल ने कार्यक्रम के दौरान भाजपा की "डबल इंजन सरकार" का उल्लेख करते हुए कहा कि "नमो सरकार" यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य और केंद्र की योजनाएं पंडित दीनदयाल उपाध्याय की अंत्योदय नीति से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा कि अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाना हमारा उद्देश्य है और इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
इस संदर्भ में राज्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास और जनकल्याण योजनाओं को जमीन पर लागू करने के लिए शासन और प्रशासन की तत्परता महत्वपूर्ण है। जो योजनाएं तात्कालिक रूप से लागू की जा सकती हैं, उनका तुरंत निराकरण किया जाएगा और जो समस्याएं दीर्घकालिक समाधान की मांग करती हैं, उन पर गहन विचार और क्रियान्वयन किया जाएगा।
राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने ऊटिया कलां में 24 घंटे तक रहकर ग्रामीणों की समस्याओं को सुनने और उनके समाधान पर कार्य करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत न केवल ग्रामीणों की समस्याओं को हल किया जाएगा, बल्कि लोगों से विकास के लिए सुझाव भी लिए जाएंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्र के विकास का एक आदर्श मॉडल तैयार किया जाएगा।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि ऊटिया कलां के बाद, आने वाले समय में और भी गांवों को चिन्हित कर इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। हर गांव में 24 घंटे रहकर ग्रामीणों से संवाद स्थापित किया जाएगा और उनके लिए तात्कालिक समाधान की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी।
राज्यमंत्री पटेल के इस अनूठे प्रयास को ग्रामीणों से अपार सराहना मिली। ग्रामीणों ने कहा कि सरकार द्वारा उनकी समस्याओं को सुनने और तत्काल समाधान की पहल से उन्हें बेहद राहत मिली है। ग्रामीणों ने इसे सरकार की जनसेवा और सुशासन की दिशा में एक सशक्त कदम बताया।
राज्यमंत्री पटेल ने कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान जब वे वोट मांगने घर-घर गए थे, तब उनका मन था कि चुनाव के बाद भी वे उसी तरह ग्रामीणों के बीच जाकर उनका आभार व्यक्त करें। इस कार्यक्रम के माध्यम से वे न केवल ग्रामीणों का आभार व्यक्त कर रहे हैं, बल्कि उनकी समस्याओं का निराकरण भी कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव की डबल इंजन सरकार अंत्योदय के सिद्धांतों पर आधारित है और इस कार्यक्रम का भी यही उद्देश्य है कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकार की योजनाएं पहुंचे।
राज्यमंत्री ने अपने संबोधन में जोर देते हुए कहा कि उनका लक्ष्य उदयपुरा विधानसभा के हर घर तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव की जनकल्याण योजनाओं का संकल्प पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि भाजपा का अंत्योदय विचार और समाज के अंतिम व्यक्ति तक सेवा पहुंचाने का लक्ष्य ही इस कार्यक्रम की प्रेरणा है।
जनसेवा का अनुकरणीय उदाहरण
राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल द्वारा "आपका सेवक आपके द्वार" कार्यक्रम के तहत ग्रामीणों के बीच रहकर समस्याओं को सुनने और उनके समाधान की प्रक्रिया आरंभ करना जनसेवा का एक अनुकरणीय उदाहरण है। इस पहल से न केवल ग्रामीणों की समस्याओं का त्वरित निराकरण होगा, बल्कि सरकार और जनता के बीच संवाद का एक सशक्त माध्यम भी स्थापित होगा।
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