किशोर

किशोर दा के अनमोल नगमें सुनकर भावविभोर हुए संगीत प्रेमी

स्वर आराधना म्युजिकल ग्रुप द्वारा 'मेरे नैना सावन भादो' किशोर कुमार नाइट का आयोजन

भोपाल। स्वर आराधना म्युजिकल ग्रुप के तत्वावधान में 'मेरे नैना सावन भादो' भव्य संगीत संध्या कार्यक्रम का आयोजन शहीद भवन में किया। यह कार्यक्रम प्रसिद्ध गायक किशोर कुमार को समर्पित था और शहर के जाने माने गायक राकेश अग्रोयी के नेतृत्व में आयोजित किया गया। इस शाम को संगीत प्रेमियों ने किशोर दा के अनमोल नगमों का आनंद लिया और पुराने सुनहरे दौर की यादें ताजा कीं।


कार्यक्रम की शुरुआत

कार्यक्रम की शुरुआत किशोर कुमार के प्रचलित गाने ''मिलते हैं गुल यहां" से हुई। इस गीत ने सभी दर्शकों को तुरंत ही संगीत की उस अद्भुत यात्रा पर ले जाया जो किशोर दा के नगमों से सजी थी। इस शुरुआती गीत के बाद, एक के बाद एक कई प्रसिद्ध गीत गायकों ने प्रस्तुत किए गए जिन्होंने समां बांध।

प्रस्तुत किए गए गीत 

देखा न हाय रे सोचा ना..., दिलबर मेरे कब तक मुझे...,मेरे नैना सावन भादों..., रिमझिम गिरे सावन..., मेरे महबूब कयामत होगी..., जीवन के हर मोड़ पे...., जैसे सदाबहार गीतों की प्रस्तुति गायकों ने कार्यक्रम में दी। इन गीतों को सुनकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। हर गीत के साथ, दर्शकों की तालियां और उत्साह और भी बढ़ता गया। गायकों ने अपनी मधुर आवाज और उत्कृष्ट प्रस्तुति से किशोर कुमार के गीतों में जान डाल दी।


स्थानीय गायकों का योगदान

भोपाल के कई प्रतिभाशाली गायकों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। इन गायकों में कई युवा कलाकार भी शामिल थे, जिन्होंने अपने अद्भुत प्रदर्शन से सभी का दिल जीत लिया। इन कलाकारों ने किशोर कुमार के गानों को अपनी आवाज में प्रस्तुत कर दर्शकों को एक अनूठा अनुभव प्रदान किया। उनकी प्रस्तुति में किशोर दा के गानों की आत्मा को जीवंत करने की कोशिश स्पष्ट दिखाई दी।

दर्शकों की प्रतिक्रिया

कार्यक्रम में आए दर्शकों को एक बार फिर किशोर कुमार के सुरीले समय में जाने का सुनहरा अवसर मिला। दर्शकों ने कार्यक्रम की तारीफ करते हुए कहा कि यह एक अद्भुत अनुभव था जिसने उन्हें पुराने दिनों की याद दिला दी। कई दर्शक किशोर कुमार के गानों के दीवाने थे और इस कार्यक्रम ने उन्हें उनके पसंदीदा गायक के गानों का पूरा आनंद लेने का मौका दिया।

राकेश अग्रोयी का नेतृत्व

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में राकेश अग्रोयी का विशेष योगदान रहा। उनके नेतृत्व में स्वर आराधना म्युजिकल ग्रुप ने इस आयोजन को बेहद सफल बनाया। राकेश अग्रोयी ने कार्यक्रम की योजना बनाने से लेकर उसे सफलतापूर्वक आयोजित करने तक हर कदम पर बखूबी काम किया। उन्होंने कहा किशोर कुमार के गाने हमेशा से ही लोगों के दिलों में बसे हैं और हमें खुशी है कि हम इस कार्यक्रम के माध्यम से उनकी यादों को ताजा कर सके।


कार्यक्रम का महत्व

'मेरे नैना सावन भादो' जैसा कार्यक्रम केवल एक संगीत संध्या नहीं थी, बल्कि यह संगीत प्रेमियों के लिए एक अनमोल अवसर था। यह कार्यक्रम उन सभी लोगों के लिए था जो किशोर कुमार के गानों से प्यार करते हैं और उन्हें फिर से सुनना चाहते हैं। इस तरह के कार्यक्रम संगीत की विरासत को सहेजने और नई पीढ़ी को पुरानी धुनों से परिचित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

युवा कलाकारों का प्रदर्शन

इस कार्यक्रम में युवा कलाकारों का प्रदर्शन भी उल्लेखनीय था। उन्होंने अपने प्रदर्शन से साबित किया कि उनमें भी संगीत की गहरी समझ और प्रतिभा है। इन युवा कलाकारों ने किशोर कुमार के गानों को अपने अंदाज में प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया। उनके प्रदर्शन ने यह साबित किया कि संगीत की धारा निरंतर बहती रहेगी और नई पीढ़ी भी इसे आगे बढ़ाने में सक्षम है।

भविष्य की योजनाएं

स्वर आराधना म्युजिकल ग्रुप भविष्य में भी इस तरह के और कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहा है। राकेश अग्रोयी ने बताया कि उनका उद्देश्य संगीत प्रेमियों को बेहतरीन संगीत अनुभव प्रदान करना है और वे आगे भी ऐसे ही आयोजन करते रहेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य में वे अन्य प्रसिद्ध गायकों और संगीतकारों को भी इसी तरह श्रद्धांजलि देने की योजना बना रहे हैं।

स्वर आराधना म्युजिकल ग्रुप द्वारा आयोजित 'मेरे नैना सावन भादो' कार्यक्रम एक अद्भुत संगीत संध्या थी जिसने सभी संगीत प्रेमियों को किशोर कुमार के सुरीले समय में वापस ले जाने का अवसर दिया। इस कार्यक्रम में प्रस्तुत गीतों, गायकों की प्रस्तुति और दर्शकों की उत्साही प्रतिक्रिया ने इसे एक यादगार शाम बना दिया। राकेश अग्रोयी और उनकी टीम के प्रयासों से यह कार्यक्रम सफल हुआ और सभी को एक संगीतमय अनुभव मिला जो लंबे समय तक याद रखा जाएगा।

स्वर आराधना म्युजिकल ग्रुप के इस प्रयास ने साबित कर दिया कि संगीत की धुनें कभी पुरानी नहीं होतीं, वे हमेशा नई ताजगी और जोश के साथ जीवित रहती हैं। इस प्रकार के आयोजन न केवल पुराने गीतों को सहेजते हैं, बल्कि नई पीढ़ी को भी संगीत की अमूल्य धरोहर से जोड़ते हैं। इस कार्यक्रम ने यह संदेश भी दिया कि संगीत वह सेतु है जो विभिन्न पीढ़ियों को जोड़ता है और सभी को एक साथ आनंदित करता है। 

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