भोपाल। सरोजनी नायडू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर (स्वशासी) महाविद्यालय में हाल ही में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण के प्रति समर्पण का अनूठा संगम देखने को मिला। इस अवसर पर महापौर मालती राय और जनभागीदारी अध्यक्ष शिखा गोयल ने महाविद्यालय परिसर में "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत वृहद पौधरोपण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। साथ ही, महाविद्यालय के सरस्वती भवन में विश्व बैंक परियोजना के अंतर्गत बनी हुई लिफ्ट का उद्घाटन भी किया गया।
"एक पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत आयोजित पौधरोपण कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल पर्यावरण को संरक्षित करना था, बल्कि यह भी था कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अपनी मां के सम्मान में एक पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया जाए। इस अभियान की शुरुआत करते हुए महापौर मालती राय ने कहा पेड़ हमारे जीवन का आधार हैं। हमें यह समझना चाहिए कि जितना हम अपने माता-पिता का सम्मान करते हैं, उतना ही हमें प्रकृति और पर्यावरण का भी सम्मान करना चाहिए। हमारे जीवन का यह कर्तव्य होना चाहिए कि हम न केवल पेड़ लगाएं, बल्कि उनकी रक्षा भी करें।
जनभागीदारी अध्यक्ष शिखा गोयल ने इस अवसर पर कहा आज की युवा पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता है। हमें यह समझना होगा कि पेड़ सिर्फ ऑक्सीजन नहीं देते, बल्कि ये हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं। आइए, हम सभी मिलकर इस अभियान को सफल बनाएं और अपने देश को हरा-भरा बनाए रखें।
इस कार्यक्रम का नेतृत्व महाविद्यालय की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मंजुला विश्वास और डॉ. कविता सिंह द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के अभियानों से न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलता है, बल्कि यह छात्रों के व्यक्तित्व विकास में भी सहायक होता है। उन्होंने यह भी कहा कि पौधरोपण जैसे कार्य छात्रों के लिए सीखने का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है, जिसमें वे अपने सामाजिक दायित्वों को समझते हैं और समाज के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए प्रेरित होते हैं।
पौधरोपण कार्यक्रम में महाविद्यालय की वरिष्ठ स्वयंसेवक सुहासिनी गायकवाड़, सुरुचि गौर, दामिनी रावत, अंबिका नागर, तनीषा यादव, खुशबू जासल, लावन्या गोस्वामी, शीतल मेवाड़ा सहित 80 से अधिक स्वयंसेवकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सभी ने मिलकर महाविद्यालय परिसर में विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए और उनकी देखभाल का संकल्प लिया। इस अवसर पर सभी उपस्थित स्वयंसेवकों ने पर्यावरण संरक्षण की शपथ भी ली।
लिफ्ट का उद्घाटन
पौधरोपण कार्यक्रम के साथ-साथ, महाविद्यालय के सरस्वती भवन में विश्व बैंक परियोजना के अंतर्गत बनी हुई लिफ्ट का भी उद्घाटन किया गया। यह लिफ्ट न केवल महाविद्यालय की अवसंरचना में एक महत्वपूर्ण सुधार है, बल्कि यह छात्राओं के लिए एक बड़ी सुविधा भी है। महापौर मालती राय ने लिफ्ट का उद्घाटन करते हुए कहा यह लिफ्ट उन छात्राओं के लिए बहुत लाभकारी साबित होगी जो शारीरिक रूप से अक्षम हैं या जिन्हें ऊपरी मंजिलों तक पहुंचने में कठिनाई होती है। इससे उनकी शिक्षा में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आएगी और वे अपने शैक्षिक लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सकेंगी।
जनभागीदारी अध्यक्ष शिखा गोयल ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा यह लिफ्ट महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे महाविद्यालय की छात्राओं को उच्च शिक्षा के प्रति अधिक प्रोत्साहन मिलेगा और वे अपनी पढ़ाई में किसी भी प्रकार की बाधा महसूस नहीं करेंगी।
सरोजनी नायडू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय न केवल शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर रहा है, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारियों के प्रति भी समर्पित है। इस महाविद्यालय में नियमित रूप से विभिन्न सामाजिक और पर्यावरणीय अभियानों का आयोजन किया जाता है, जिससे छात्राओं में जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना का विकास होता है।
महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. सविता मिश्रा ने इस कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी का धन्यवाद करते हुए कहा हमारा महाविद्यालय हमेशा से समाज और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझता है और उसे निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान और लिफ्ट का उद्घाटन इसी प्रतिबद्धता का हिस्सा हैं। हमें गर्व है कि हमारी छात्राएं न केवल शिक्षा में, बल्कि समाज सेवा और पर्यावरण संरक्षण में भी सक्रिय भागीदारी निभा रही हैं।
इस कार्यक्रम का समापन एक उत्साहवर्धक माहौल में हुआ, जहां सभी ने महाविद्यालय परिसर में लगाए गए पेड़ों की देखभाल का संकल्प लिया। साथ ही, महाविद्यालय प्रशासन ने भविष्य में और भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है, जिनसे छात्राओं में सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारियों के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके।
महाविद्यालय का यह प्रयास न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी एक नया मील का पत्थर साबित होगा। "एक पेड़ मां के नाम" अभियान और लिफ्ट के उद्घाटन जैसे कार्यक्रम न केवल महाविद्यालय की छात्राओं के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक हैं। ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से हम न केवल अपने समाज को, बल्कि अपने पर्यावरण को भी सुरक्षित और सशक्त बना सकते हैं।
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