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पलक मुच्छाल की मखमली आवाज ने किया मंत्रमुग्ध, एनएचडीसी के रजत जयंती समारोह में कला और ऊर्जा का संगम

एनएचडीसी के रजत जयंती समारोह में शामिल होने भोपाल पहुंची पलक मुच्छाल ने अपनी गायिकी से बांधा समां

भोपाल। रवींद्र भवन का हंसध्वनि सभागार गुरूवार शाम को सुरों और संगीत की मधुरता से गूंज उठा, जब बॉलीवुड की मशहूर सिंगर पलक मुच्छाल ने अपनी मखमली आवाज से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। एनएचडीसी के रजत जयंती स्थापना समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित इस सांस्कृतिक कार्यक्रम ने कला रसिकों को संगीत के मधुर सागर में डुबो दिया। रवींद्र भवन में आयोजित एनएचडीसी के रजत जयंती स्थापना समारोह का यह सांस्कृतिक कार्यक्रम कला और ऊर्जा का अद्भुत संगम था। पलक मुच्छाल की मखमली आवाज और शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुतियों ने इसे एक यादगार शाम बना दिया। इस कार्यक्रम ने न केवल संगीत प्रेमियों को मनोरंजन का अवसर दिया, बल्कि एनएचडीसी की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं से भी अवगत कराया। इस तरह के कार्यक्रमों से न केवल कला और संस्कृति को बढ़ावा मिलता है, बल्कि संस्थाओं की सामाजिक और विकासात्मक पहल के बारे में भी जागरूकता बढ़ती है। एनएचडीसी की यह पहल न केवल प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज के समग्र विकास में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। इस प्रकार, रवींद्र भवन में आयोजित यह सांस्कृतिक कार्यक्रम एनएचडीसी की उपलब्धियों और प्रदेश की विकास यात्रा का साक्षी बना और इसे एक अनमोल अनुभव के रूप में हमेशा याद किया जाएगा।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत

इस विशेष शाम की शुरुआत शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुतियों से हुई, जिसमें कलाकारों ने अपनी कला से मंच को रोशन किया। शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को भारतीय संस्कृति की गहराइयों से अवगत कराया। इसके बाद जैसे ही पलक मुच्छाल मंच पर उतरीं, सभागार नई ऊर्जा से भर गया।


पलक मुच्छाल का मनमोहक संगीत

पलक मुच्छाल ने अपने सुपरहिट गीतों की सुमधुर प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने ''कौन तुझे यूं प्यार करेगा.., ''हुआ है आज पहली बार..., ''आज उनसे कहना है हमें..., ''चाहूं मैं या ना... और ''सनम तेरी कसम..., जैसे लोकप्रिय गीतों को अपने मधुर कंठ से सजाया। पलक की आवाज की मिठास और सुरों की धारा ने श्रोताओं को संगीत के सागर में गोता लगाने का अनुभव दिया। इसके अलावा, उन्होंने ''दिल ये धोखाधड़ी..., ''तेरी मेरी कहानी और ''देखा हजारों दफा आपको..., जैसे गीतों की भी सुमधुर प्रस्तुतियां देकर समां बांध दिया।

राजेंद्र प्रसाद गोयल का संबोधन 

इससे पहले दिन के सत्र में समारोह का शुभारंभ एनएचपीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक और एनएचडीसी के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद गोयल ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने एनएचडीसी की उपलब्धियों और प्रदेश को ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में योगदान के बारे में चर्चा की। गोयल ने बताया कि एनएचडीसी ने अपनी स्थापना से ही प्रदेश को ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सोलर परियोजनाओं की सफलता

गोयल ने जानकारी दी कि इस वर्ष एनएचडीसी ने दो सोलर परियोजनाओं का सफल संचालन शुरू किया है। इनमें ग्राउंड माउंटेड सांची सोलर प्रोजेक्ट (8 मेगावाट) और ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट (88 मेगावाट) शामिल हैं। इन परियोजनाओं से प्रदेश की विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। उन्होंने यह भी बताया कि निगम नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के विकल्पों के माध्यम से प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

अन्य गतिविधियों में योगदान

राजेंद्र प्रसाद गोयल ने बताया कि एनएचडीसी न केवल विद्युत आवश्यकता की पूर्ति करता है, बल्कि प्रदेश में सिंचाई, मत्स्य पालन, खाद्यान्न उत्पादन, और पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ ऊर्जा संरक्षण जागरूकता जैसी गतिविधियों से भी प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इन सभी गतिविधियों से प्रदेश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक विकास को मजबूती मिल रही है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की समापन

सांस्कृतिक कार्यक्रम की इस शाम ने दर्शकों को न केवल संगीत और नृत्य का अद्भुत अनुभव दिया, बल्कि उन्हें एनएचडीसी की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं से भी अवगत कराया। पलक मुच्छाल की प्रस्तुति ने इस शाम को और भी यादगार बना दिया। संगीत और सुरों के इस संगम ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया और उन्होंने इसे एक अनमोल अनुभव के रूप में याद रखा।

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