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3D स्कैनर वर्कशॉप में प्रतिभागियों ने सीखे नवीन तकनीक के व्यावहारिक पहलू

मैनिट में पांच दिवसीय प्रतिभागियों के लिए आयोजित की गई वर्कशॉप

भोपाल। मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) के वास्तुकला और योजना विभाग ने 2 से 6 सितंबर तक 3D स्कैनर पर आधारित एक पांच दिवसीय वर्कशॉप का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षाविदों, छात्रों, पीएचडी शोधार्थियों और पेशेवरों के तकनीकी कौशल को समृद्ध करना और उन्हें इस उभरती तकनीक से परिचित कराना था। इस कार्यशाला का समन्वय डॉ. नेहा प्रणव कोल्हे, डॉ. सुप्रिया व्यास और डॉ. जगदीश सिंह द्वारा किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य 3D स्कैनिंग तकनीक को वास्तुकला और योजना के क्षेत्र में प्रभावी रूप से लागू करना और इसके नवाचारों का लाभ उठाना था।

भविष्य की आवश्यक तकनीक

3D स्कैनिंग आज वास्तुकला और निर्माण उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीक बन चुकी है। इसके माध्यम से संरचनाओं की माप, दस्तावेजीकरण और डिजाइन प्रक्रिया को सरल और सटीक किया जा सकता है। डॉ. नेहा प्रणव कोल्हे ने उद्घाटन सत्र में बताया 3D स्कैनर भविष्य की तकनीक है। यह न केवल डिजाइन सटीकता को बढ़ाता है, बल्कि निर्माण प्रक्रिया को भी सुगम और तीव्र करता है। यह वर्कशॉप इस तकनीक को समझने और उसके अनुप्रयोगों को वास्तविक समय में अनुभव करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है।

कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों ने वास्तुकला के विभिन्न पहलुओं में 3D स्कैनिंग तकनीक के उपयोग के बारे में गहन जानकारी प्राप्त की। आर्किटेक्ट्स, छात्रों और उद्योग के पेशेवरों ने इसमें उत्साहपूर्वक भाग लिया और वर्कशॉप के दौरान दिए गए व्यावहारिक प्रदर्शन से सीखने का मौका मिला।


संरचनाओं को संरक्षित करने में हाेगी सहायक  

इस पांच दिवसीय कार्यक्रम की खासियत इसके व्यावहारिक सत्र थे, जिनमें 3D स्कैनर के वास्तविक उपयोग को समझाया गया। प्रतिभागियों को 3D स्कैनिंग के माध्यम से विभिन्न संरचनाओं और डिजाइनों को मापने और उन्हें डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सटीक रूप से प्रस्तुत करने का मौका मिला।वर्कशॉप के दौरान प्रतिभागियों ने यह भी सीखा कि इस तकनीक का उपयोग करके विरासत संरचनाओं को कैसे संरक्षित किया जा सकता है और भविष्य की डिजाइन योजनाओं को कैसे सरल बनाया जा सकता है।

वर्कशॉप में विभिन्न प्रकार के गतिशील सत्रों, व्यावहारिक डेमोंस्ट्रेशन और विचारोत्तेजक चर्चाओं का आयोजन किया गया। सत्रों में 3D स्कैनिंग के कई अनुप्रयोगों और इसके फायदे, विशेष रूप से डिजाइन, संरचनात्मक मापन और वर्चुअल निर्माण की सटीकता पर जोर दिया गया।

डॉ. जगदीश सिंह ने कहा 3D स्कैनिंग तकनीक न केवल डिजाइन और मापन में क्रांति ला रही है, बल्कि यह परियोजनाओं की लागत और समय को भी काफी हद तक कम करती है। इस वर्कशॉप के माध्यम से हम इस अत्याधुनिक तकनीक को वास्तुकला अभ्यास में एकीकृत करने के नवाचारों पर जोर दे रहे हैं।

प्रतिष्ठित विशेषज्ञों से मिला मार्गदर्शन

कार्यशाला के दौरान प्रतिष्ठित विशेषज्ञों के एक पैनल ने 3D स्कैनिंग तकनीक के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने प्रतिभागियों को तकनीकी कौशल, उपकरणों की उपयोगिता और 3D स्कैनिंग के भविष्य की संभावनाओं के बारे में अमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की। 


डॉ. सुप्रिया व्यास ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा 3D स्कैनिंग तकनीक वास्तुकला और योजना क्षेत्र में न केवल डिजाइन को सरल बनाती है, बल्कि इस क्षेत्र के पेशेवरों के लिए समय और धन की बचत भी करती है। विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को तकनीक के व्यावहारिक उपयोग और इससे होने वाले लाभों के बारे में गहन जानकारी दी।

कार्यशाला का समापन और प्रमाण पत्र वितरण

वर्कशॉप का समापन 6 सितंबर को हुआ, जिसमें मैनिट के वास्तुकला विभाग की डीन, डॉ. अलका भरत और विभागाध्यक्ष, नकुल धगट ने भाग लिया। समापन समारोह में सभी प्रतिभागियों को उनके सफल योगदान और वर्कशॉप में भागीदारी के लिए प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। प्रतिभागियों ने इस अवसर पर वर्कशॉप के अनुभवों और इस तकनीक से मिले ज्ञान के प्रति अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की।

डॉ. अलका भरत ने समापन समारोह में कहा यह वर्कशॉप वास्तुकला और योजना क्षेत्र में 3D स्कैनिंग तकनीक के महत्व को समझने और इसके प्रभावी अनुप्रयोग को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण मंच रही है। मुझे उम्मीद है कि यह तकनीक भविष्य में वास्तुकारों और योजनाकारों के कार्य को और भी सरल और सटीक बनाएगी।

आगे के चरणों के लिए उत्साह

इस वर्कशॉप में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों ने दूसरे चरण की वर्कशॉप के आयोजन के प्रति अपनी उत्सुकता जताई। उनके अनुसार 3D स्कैनिंग तकनीक ने उनकी समझ को न केवल तकनीकी रूप से समृद्ध किया, बल्कि इसने उन्हें निर्माण उद्योग में डिजाइन की सटीकता और व्यावसायिक दक्षता को बढ़ाने के लिए भी प्रेरित किया है।

एक प्रतिभागी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा यह वर्कशॉप हमारी उम्मीदों से कहीं अधिक थी। हमें 3D स्कैनिंग तकनीक के व्यावहारिक पहलुओं के बारे में जानने का मौका मिला, जो हमारे पेशेवर कौशल को बढ़ावा देगा। हम इसके अगले चरण का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

सटीकता, समय और धन की बचत में सहायक तकनीक

वर्कशॉप के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि 3D स्कैनिंग तकनीक डिजाइन सटीकता को बढ़ाने के साथ-साथ निर्माण परियोजनाओं में समय और धन की बचत के लिए भी महत्वपूर्ण है। प्रतिभागियों ने बताया कि इस तकनीक का उपयोग न केवल संरचनाओं को डिजाइन करने में मदद करता है, बल्कि यह विरासत संरचनाओं की मरम्मत और संरक्षण में भी सहायक हो सकता है। 


नवप्रयास सांस्कृतिक समिति का योगदान

इस वर्कशॉप का सफल आयोजन नवप्रयास सांस्कृतिक एवं सामाजिक विकास समिति द्वारा किया गया। समिति के अध्यक्ष तरुण चूड़ामणि ने इस आयोजन को सफल बनाने में योगदान देने वाले सभी व्यक्तियों और संस्थाओं का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा हमारा उद्देश्य नई और उभरती तकनीकों को पेशेवरों और छात्रों तक पहुंचाना है, ताकि वे अपने क्षेत्रों में नवीनतम तकनीकों का लाभ उठा सकें। 

कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर दिया जोर 

मैनिट द्वारा आयोजित इस पांच दिवसीय 3D स्कैनिंग वर्कशॉप ने आर्किटेक्चरल और प्लानिंग पेशेवरों के बीच इस अत्याधुनिक तकनीक के महत्व और संभावनाओं पर गहन समझ विकसित की।वर्कशॉप के दौरान सटीकता, समय प्रबंधन और लागत नियंत्रण जैसे पहलुओं पर जोर दिया गया, जो भविष्य में इस तकनीक को और भी महत्वपूर्ण बनाएगा।

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