राष्ट्रपति

राष्ट्रपति मुर्मु का आह्वान: बेटियों की शिक्षा और आत्मनिर्भरता से देश का विकास

राष्ट्रपति ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को वितरित की उपाधियां

भोपाल। इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के हीरक जयंती समारोह और 14वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बेटियों को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने पर जोर देते हुए कहा कि देश के समग्र विकास में उनका अहम योगदान रहेगा। इस भव्य अवसर पर उन्होंने कई विद्यार्थियों और शोधार्थियों को स्वर्ण और रजत पदक प्रदान किए, साथ ही उन्हें अपने जीवन में आगे बढ़ने और समाज में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।

बेटियों को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने की अपील

राष्ट्रपति मुर्मु ने समारोह में अपने संबोधन में बेटियों की शिक्षा और आत्मनिर्भरता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा बेटियों को शिक्षित करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करना समय की मांग है। अगर हमें 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाना है, तो बेटियों की भूमिका उसमें अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।

उन्होंने देवी अहिल्याबाई होल्कर का उदाहरण देते हुए कहा कि वे महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की एक जीवंत मिसाल थीं। अपने कुशल प्रशासन, न्यायप्रियता और कल्याणकारी कार्यों के कारण, देवी अहिल्याबाई ने न केवल समाज में महिलाओं की स्थिति को सशक्त किया, बल्कि पूरे समाज को प्रगति की ओर अग्रसर किया। श्रीमती मुर्मु ने कहा देवी अहिल्याबाई का जीवन संघर्ष, आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है, जो आज की महिलाओं और बेटियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।


स्वच्छता में इंदौर की उपलब्धि

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत और विकसित भारत के निर्माण के लिये सभी आगे बढ़ें। मध्य प्रदेश के कई शहरों को सफाई के लिये श्रेष्ठ शहर घोषित किया गया है। इंदौर निरन्तर 7वीं बार देश का स्वच्छतम शहर घोषित हुआ है। भोपाल स्वच्छतम राजधानी बनी है। राष्ट्रपति ने स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यों के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी।

300वीं जयंती पर देवी अहिल्याबाई को श्रद्धांजलि

इस विशेष अवसर पर देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती का भी उल्लेख किया गया। राष्ट्रपति ने बताया कि देवी अहिल्याबाई ने उस दौर में शिक्षा प्राप्त की, जब बालिकाओं की शिक्षा को समाज में प्रोत्साहन नहीं मिलता था। अपने पिता की प्रेरणा से उन्होंने शिक्षा प्राप्त की और बाद में अपने शासनकाल में महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई नवीन प्रयास किए।

उन्होंने देवी अहिल्याबाई की कुशल प्रशासनिक क्षमता और सामाजिक सुधारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की। राष्ट्रपति ने कहा आज जब हम दीक्षांत समारोह में सर्वाधिक पदक बेटियों को प्रदान कर रहे हैं, यह इस बात का प्रमाण है कि बेटियां अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कठिनाइयों का सामना करते हुए आगे बढ़ रही हैं।

सुमित्रा महाजन का उल्लेख

राष्ट्रपति ने इंदौर की प्रसिद्ध नेता सुमित्रा महाजन का भी उल्लेख किया, जिन्होंने जनसेवा और लोकतंत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि श्रीमती महाजन का जीवन बेटियों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है और यह दिखाता है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं।


ट्रायबल स्टडी सेंटर की स्थापना

राष्ट्रपति ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में अनुसूचित जनजाति बहुल जिलों को ध्यान में रखते हुए ट्रायबल स्टडी सेंटर की स्थापना की भी सराहना की। यह केंद्र आदिवासी समाज के उत्थान और विकास के लिए कार्य करेगा, जो शिक्षा और अनुसंधान के माध्यम से उनकी समस्याओं का समाधान करने में सहायक होगा।

राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "सबका साथ, सबका विकास" के नारे का उल्लेख करते हुए कहा कि देश के समग्र विकास के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा हमारा प्रयास होना चाहिए कि वंचित वर्गों को भी मुख्य धारा में शामिल किया जाए, ताकि देश का विकास समग्र और संतुलित हो सके।

नई शिक्षा नीति की सराहना

राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय द्वारा नई शिक्षा नीति लागू करने की भी प्रशंसा की और कहा कि यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार लाने में सहायक होगा। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अपने माता-पिता, गुरुजनों और अनुभवी लोगों से मार्गदर्शन प्राप्त कर जीवन में सही पथ का चयन करें।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री का संदेश

इस अवसर पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया और दीक्षांत समारोह को विद्यार्थियों, उनके माता-पिता और गुरुजनों के लिए एक अविस्मरणीय क्षण बताया। उन्होंने देवी अहिल्याबाई के जीवन को आदर्श मानते हुए विद्यार्थियों से प्रेरणा लेने की अपील की।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी समारोह में हिस्सा लिया और देवी अहिल्याबाई के जीवन को संघर्षों से भरा और प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई ने अपने राज्य और समाज के कल्याण के लिए कई कार्य किए, जो आज भी हमें प्रेरित करते हैं।


बाबा महाकालेश्वर के किए दर्शन 

राष्ट्रपति ने उज्जैन प्रवास के दौरान बाबा महाकालेश्वर के दर्शन किये। उन्होंने बाबा महाकालेश्वर का जल एवं पंचामृत से अभिषेक कर विधिवत पूजन, अर्चन एवं आरती की। उन्होंने देश एवं प्रदेश की उन्नति, जनता के कल्याण और विश्व-शान्ति के लिये बाबा महाकाल से प्रार्थना की। श्रीमती मुर्मु ने नन्दी हॉल में बाबा महाकालेश्वर का ध्यान भी किया।  


India News Vista
23

Newsletter

Subscribe to our newsletter for daily updates and stay informed

Feel free to opt out anytime
Get In Touch

+91 99816 65113

[email protected]

Follow Us

© indianewsvista.in. All Rights Reserved.