रूबीना

रूबीना फ्रांसिस ने पेरालंपिक 2024 में 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीतकर रचा इतिहास

प्रदेश के खेल मंत्री विश्वास कैलाश सारंग और अपर मुख्य सचिव खेल स्मिता भारद्वाज ने कहा जबलपुर की बेटी ने प्रदेश और देश को किया गौरवान्वित

भोपाल। पेरालंपिक गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन हर बार नई ऊंचाइयों को छूता है और इस बार जबलपुर की बेटी रूबीना फ्रांसिस ने अपने अद्वितीय खेल कौशल से देश और प्रदेश का नाम रोशन किया। पेरिस में आयोजित पैरालंपिक खेलों में वूमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच-1 इवेंट में रूबीना ने कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। इस असाधारण उपलब्धि ने न केवल उनके खेल करियर को एक नई दिशा दी है, बल्कि पूरे देश को गर्व करने का एक और मौका दिया है।

पेरालंपिक में रूबीना की शानदार जीत

31 अगस्त को आयोजित इस प्रतिस्पर्धा में रूबीना फ्रांसिस ने 211.1 अंकों के साथ कांस्य पदक हासिल किया। ईरान की जवानमार्दी एस. ने 236.8 अंकों के साथ स्वर्ण पदक जीता, जबकि तुर्की की ओज्गन ए. ने 231.1 अंकों के साथ रजत पदक अपने नाम किया। रूबीना की इस जीत ने उन्हें पैरालंपिक इतिहास में एक स्थायी स्थान दिलाया है और उनके संघर्ष, समर्पण और दृढ़ संकल्प की कहानी हर किसी के लिए प्रेरणादायक बन गई है।

रूबीना फ्रांसिस की खेल यात्रा

रूबीना फ्रांसिस जबलपुर की रहने वाली हैं और उन्होंने 2015 में राज्य खेल अकादमी से अपने खेल करियर की शुरुआत की थी। यह उनका दूसरा ओलंपिक था, इससे पहले वह टोक्यो ओलंपिक में पदक से चूक गई थीं। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार मेहनत की, जिसके परिणामस्वरूप वह आज इस मुकाम पर पहुंची हैं।

रूबीना ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 10 प्रतियोगिताओं में भाग लेकर 3 स्वर्ण, 2 रजत और 1 कांस्य पदक जीता है। वहीं, राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने 13 स्वर्ण, 3 रजत और 1 कांस्य सहित कुल 17 पदक हासिल किए हैं। यह उनके खेल कौशल और कठिन परिश्रम का परिणाम है कि वह आज प्रदेश और देश के लिए गर्व का विषय बन गई हैं।

खेल मंत्री और अन्य अधिकारियों की बधाई

रूबीना की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर प्रदेश के खेल मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने उन्हें हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा रूबीना फ्रांसिस ने पैरालंपिक में पदक जीतकर न केवल इतिहास रचा है, बल्कि वह प्रदेश के लिए एक नई रोल मॉडल बन गई हैं। उनके इस प्रदर्शन से युवाओं को प्रेरणा मिलेगी और वे भी अपने सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे। 

अपर मुख्य सचिव खेल स्मिता भारद्वाज और खेल संचालक ने भी रूबीना को उनकी सफलता पर बधाई दी और उनके अद्वितीय प्रदर्शन की सराहना की। उन्होंने कहा कि रूबीना ने विपरीत परिस्थितियों में पदक जीतकर प्रदेश और देश का मान बढ़ाया है। उनका यह प्रदर्शन न केवल उनके लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है।

रूबीना की संघर्ष भरी कहानी

रूबीना की सफलता के पीछे का संघर्ष हर किसी के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए अपने खेल करियर को ऊंचाइयों तक पहुंचाया। टोक्यो ओलंपिक में पदक से चूकने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और निरंतर अपने प्रदर्शन में सुधार किया। उनकी मेहनत और संघर्ष का ही परिणाम है कि आज वह पैरालंपिक में पदक विजेता बनी हैं।

रूबीना फ्रांसिस: प्रदेश की नई रोल मॉडल

रूबीना की यह सफलता उन्हें प्रदेश की नई रोल मॉडल के रूप में स्थापित करती है। उनकी इस जीत से न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे प्रदेश और देश को गर्व हुआ है। उन्होंने दिखा दिया है कि अगर इंसान में समर्पण और दृढ़ संकल्प हो, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

रूबीना की इस सफलता से प्रदेश के युवाओं में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। उनकी इस जीत से प्रेरणा लेकर और भी कई युवा अपने खेल करियर में ऊंचाइयां छूने के लिए प्रेरित होंगे। रूबीना ने यह साबित कर दिया है कि कठिन परिश्रम और दृढ़ निश्चय के बल पर कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।

खेल अकादमी की भूमिका

रूबीना की इस सफलता में राज्य खेल अकादमी की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अकादमी ने उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की, जिससे वह अपने खेल कौशल को निखार सकीं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकीं। खेल अकादमी के प्रशिक्षकों और अधिकारियों ने उनके विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसके परिणामस्वरूप आज वह पैरालंपिक पदक विजेता बनी हैं।

प्रदेश और देश के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि 

रूबीना फ्रांसिस की यह जीत प्रदेश और देश के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने अपने अद्वितीय खेल कौशल और कड़ी मेहनत से यह साबित कर दिया है कि कोई भी बाधा उनकी सफलता के रास्ते में नहीं आ सकती। उनकी इस सफलता से न केवल उनके परिवार और प्रदेश को गर्व हुआ है, बल्कि पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई है। रूबीना ने अपने प्रदर्शन से यह संदेश दिया है कि समर्पण और दृढ़ संकल्प से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। 

रूबीना की इस सफलता की कहानी हर युवा के लिए एक प्रेरणा है और यह उन्हें अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित करेगी। उनकी यह जीत प्रदेश और देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है और इसे हमेशा याद रखा जाएगा।

India News Vista
42

Newsletter

Subscribe to our newsletter for daily updates and stay informed

Feel free to opt out anytime
Get In Touch

+91 99816 65113

[email protected]

Follow Us

© indianewsvista.in. All Rights Reserved.