भोपाल । कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ
पर भोपाल के ईदगाह हिल्स स्थित शहीद गेट पर गुरुनानक मंडल द्वारा एक विशेष कार्यक्रम
का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कारगिल युद्ध में शहीद हुए वीर योद्धाओं को श्रद्धांजलि
अर्पित की गई और 25 पूर्व सैनिकों को शाल, श्रीफल, पगड़ी और भारत माता का चित्र भेंट
कर सम्मानित किया गया।
कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर गुरुनानक मंडल द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम न केवल शहीदों के बलिदान को याद करने का एक अवसर था, बल्कि समाज को यह संदेश देने का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम था कि देश की रक्षा के लिए हर नागरिक को तैयार रहना चाहिए। इस कार्यक्रम ने समाज में देशभक्ति और सम्मान की भावना को प्रबल किया और शहीदों के बलिदान को सदैव याद रखने का संकल्प लिया। इस अवसर पर राजा शर्मा, विष्णु राजपूत, आलोक भदौरिया, राकेश श्रीवास्तव,शारदाप्रसाद बम्मन,अतुल घेघट,संदीप कल्याणे, मुकेश सोलंकी, सुनील सराठे, अभिषेक तिवारी,प्रभात मालवीय,चंदू यादव सहित पूर्व सैनिक एंवम युवा साथी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का आयोजन और श्रद्धांजलि
कार्यक्रम का आयोजन गुरुनानक मंडल द्वारा किया गया और इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। शहीद गेट पर उपस्थित सभी लोगों ने कारगिल युद्ध के शहीदों को नमन किया और उनके बलिदान को याद किया। इस अवसर पर मंडल के अध्यक्ष राकेश कुकरेजा ने कहा कारगिल विजय दिवस हमारी सेना के शौर्य, पराक्रम और बलिदान का प्रतीक है। हम सभी मां भारती के अमर सपूतों को शत-शत नमन करते हैं जिन्होंने देश की आन, बान और शान के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
पूर्व सैनिकों का सम्मान
कार्यक्रम में 25 पूर्व सैनिकों को शाल,
श्रीफल, पगड़ी और भारत माता का चित्र भेंट कर सम्मानित किया गया। इस सम्मान समारोह
का उद्देश्य उन वीर सैनिकों को सम्मानित करना था जिन्होंने भारतीय सेना में अपनी सेवा
दी और देश की रक्षा की। भगवानदास ढालिया ने इस अवसर पर कहा भारतीय सेना में अपनी सेवा
देने वाले सैनिकों का सम्मान करना गर्व की बात है।
शहीदों के परिवारों का भी सम्मान
इस कार्यक्रम में शहीदों के परिवारों को
भी सम्मानित किया गया। शहीदों के परिवारों ने अपने प्रियजनों की स्मृति में आयोजित
इस कार्यक्रम के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि ऐसे आयोजनों से उन्हें गर्व और सम्मान
की भावना मिलती है।
कारगिल युद्ध की यादें
कारगिल युद्ध, जिसे ऑपरेशन विजय के नाम से
भी जाना जाता है 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध में भारतीय
सेना ने अपने अद्वितीय शौर्य और साहस का प्रदर्शन किया और दुश्मन को खदेड़ते हुए अपनी
भूमि को पुनः प्राप्त किया। कारगिल विजय दिवस 26 जुलाई को हर साल मनाया जाता है, जिससे
उन वीर सैनिकों को याद किया जाता है, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की
आहुति दी।
वक्ताओं के उद्गार
कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण वक्ताओं ने
अपने विचार प्रकट किए। अध्यक्ष राकेश कुकरेजा ने कहा कारगिल विजय दिवस सिर्फ एक दिन
नहीं है, बल्कि यह हमारी सेना के अदम्य साहस और बलिदान की याद दिलाने वाला एक महत्वपूर्ण
दिन है। हम सभी को इन वीर सैनिकों के बलिदान से प्रेरणा लेनी चाहिए और देश की सेवा
में अपना योगदान देना चाहिए।
भगवानदास ढालिया ने भी अपने उद्गार व्यक्त
करते हुए कहा हमारी सेना के जवान हमेशा देश की रक्षा के लिए तैयार रहते हैं और हमें
उन पर गर्व होना चाहिए। पूर्व सैनिकों का सम्मान करना हमारे लिए सम्मान की बात है और
हम उनके बलिदान को हमेशा याद रखेंगे।
समाज की सहभागिता
इस कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों
के लोगों ने भाग लिया और कारगिल विजय दिवस के महत्व को समझा। सभी ने मिलकर शहीदों को
श्रद्धांजलि दी और पूर्व सैनिकों का सम्मान किया। इस प्रकार के कार्यक्रम समाज में
देशभक्ति और एकता की भावना को प्रबल बनाते हैं।
समापन
कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित
इस विशेष कार्यक्रम का समापन सभी उपस्थित लोगों ने राष्ट्रगान गाकर किया। इस अवसर पर
सभी ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सैनिकों को नमन किया
और उनके बलिदान को याद किया।
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