भोपाल। अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती द्वारा गुरु पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर कला गुरुओं को सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम भोपाल के दक्षिण क्षेत्र में आयोजित किया गया था, जहां प्रमुख अतिथि के रूप में विधायक भगवानदास सबनानी और मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संपर्क प्रमुख गिरीश जोशी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत संस्कार भारती के ध्येय गीत से हुई, जिसने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया। इस विशेष अवसर पर कला की विभिन्न विधाओं के प्रतिष्ठित गुरुओं को सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया है।
कला गुरुजनों को किया गया सम्मानित
चित्रकला विधा से डॉ. रेखा धीमान को सम्मानित किया गया, जिनके चित्रों ने कला प्रेमियों के दिलों में विशेष स्थान बनाया है। नृत्य विधा से भारती होंबल को सम्मानित किया गया, जिन्होंने नृत्य कला को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। नाट्य कला और प्रकाश संयोजन विधा में कमल जैन ने अपनी विशेष पहचान बनाई है और उनके योगदान को सराहा गया। लोक कला विद्या में उमा सक्सेना को सम्मानित किया गया, जिन्होंने पारंपरिक लोक कलाओं को संरक्षित और प्रोत्साहित किया है। संगीत विद्या से उत्कर्षा साठे को सम्मानित किया गया, जिनकी संगीत साधना ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया है। साहित्य विधा में डॉ. साधना बलवटे को उनके साहित्यिक योगदान के लिए सम्मानित किया गया। प्राचीन कला विद्या में दिलीप बेहरे को उनके अद्वितीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
गुरु वंदना सुनकर भावविभोर हुए श्रोतागण
इस अवसर पर गुरुकृपा संगीत समूह ने गुरु वंदना की सुंदर प्रस्तुति दी, जिसने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। दीपिका पुरोहित ने गुरु की महिमा का भजन प्रस्तुत किया, जिसने माहौल को और भी पवित्र बना दिया। कार्यक्रम के दौरान राजेंद्र श्रीवास्तव द्वारा लिखी किताब का विमोचन भी किया गया, जिसे श्रोताओं ने बहुत सराहा।
कार्यक्रम में यह अतिथिगण हुए शामिल
कार्यक्रम में संस्कार भारती की जिला अध्यक्ष अरुणा शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष प्रकाश गलगले, कार्यक्रम संयोजक नीरव प्रधान और अन्य प्रमुख सदस्य जैसे शेखर, शिव, सुहास, प्रियंका, नीरजा और सीवाईजीवी विद्या प्रमुख हिम्मत उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन दुर्गा मिश्रा, जिला सहमहा मंत्री द्वारा किया गया जिनकी सहज और प्रभावशाली शैली ने पूरे कार्यक्रम को सुचारू रूप से संचालित किया।
कला गुरुओं के योगदान किया रेखांकित
संस्कार भारती द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम ने कला गुरुओं के योगदान को सम्मानित करते हुए समाज में उनकी महत्ता को रेखांकित किया। इस तरह के कार्यक्रमों से न केवल कला और संस्कृति का प्रचार-प्रसार होता है बल्कि नए और उभरते कलाकारों को भी प्रेरणा मिलती है। संस्कार भारती की इस पहल की सराहना करते हुए श्रोताओं ने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी ऐसे आयोजनों का सिलसिला जारी रहेगा, जो समाज में कला और संस्कृति को जीवित और प्रासंगिक बनाए रखने में सहायक सिद्ध होंगे।
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