भोपाल। रक्षाबंधन, एक ऐसा त्योहार है जो भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस पावन अवसर की पूर्व संध्या पर, लायंस क्लब भोपाल संस्कार ने अपनी सामाजिक सेवा गतिविधियों के अंतर्गत एक अनूठी पहल की। 17 अगस्त को क्लब ने भोपाल के शाहजहांनाबाद स्थित आसरा वृद्धाश्रम में लगभग 50 वृद्ध महिलाओं को साड़ियां और कपड़े वितरित किए। इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल इन बुजुर्ग महिलाओं के जीवन में खुशी लाना था, बल्कि उन्हें यह महसूस कराना भी था कि वे समाज के एक महत्वपूर्ण अंग हैं और उनके प्रति लोगों की संवेदनशीलता अभी भी बनी हुई है।
साड़ी और कपड़े वितरण कार्यक्रम
लायंस क्लब भोपाल संस्कार के अध्यक्ष, लायन दिनेश धीर और उनकी पत्नी लायन ज्योति धीर ने इस साड़ी वितरण कार्यक्रम का नेतृत्व किया। दोनों ने व्यक्तिगत रूप से वृद्धाश्रम में उपस्थित सभी महिलाओं को साड़ियां और अन्य कपड़े भेंट किए। यह एक भावनात्मक क्षण था, जहां बुजुर्ग महिलाओं के चेहरे पर मुस्कान और आंखों में आभार स्पष्ट रूप से देखा जा सकता था। साड़ियों का वितरण करते समय, लायन दिनेश धीर ने कहा रक्षाबंधन का त्योहार परिवार और सुरक्षा के संबंध का प्रतीक है, और हम इस पहल के माध्यम से इन बुजुर्ग महिलाओं के साथ इस भावना को साझा करना चाहते हैं।
क्लब के अन्य सदस्यों की सहभागिता
लायंस क्लब भोपाल संस्कार के अन्य सदस्य भी इस आयोजन में बढ़-चढ़कर शामिल हुए। लायन सुयश कुलश्रेष्ठ, लायन रूपक राव, लायन सुषमा कुलश्रेष्ठ, लायन आशा राव और समीना मसीह ने भी साड़ियों और कपड़ों के वितरण में सहभागिता की। इन सदस्यों ने बुजुर्ग महिलाओं से बातचीत की, उनके अनुभव सुने और उनके साथ कुछ समय बिताया। इस दौरान वृद्धाश्रम की महिलाएं अपने जीवन के अनुभवों को साझा करती नजर आईं, जिससे सभी उपस्थित लोगों के बीच एक आत्मीय और भावुक माहौल बन गया।
लायन सुयश कुलश्रेष्ठ ने इस मौके पर कहा हमारी जिम्मेदारी है कि हम समाज के उन सदस्यों के प्रति संवेदनशील रहें, जिन्हें हमारे सहारे और ध्यान की सबसे अधिक जरूरत है। रक्षाबंधन का यह आयोजन एक छोटा सा प्रयास है, जिससे हम इन बुजुर्ग महिलाओं के जीवन में थोड़ी सी खुशियां ला सकें।
वृद्धाश्रम की महिलाओं के लिए खुशी का पल
आसरा वृद्धाश्रम की महिलाएं इस पहल से बेहद प्रसन्न हुईं। कई महिलाओं ने क्लब के सदस्यों को राखी बांधने की इच्छा जाहिर की और सदस्यों ने इसे सम्मानपूर्वक स्वीकार किया। इस प्रकार रक्षाबंधन की यह पूर्व संध्या एक अनूठे बंधन का साक्षी बनी, जहां समाज के एक तबके ने उन बुजुर्ग महिलाओं के साथ एक नया बंधन स्थापित किया, जो आमतौर पर अपनी उम्र के इस पड़ाव पर अकेलापन महसूस करती हैं।
आसरा वृद्धाश्रम की एक बुजुर्ग महिला ने कहा यह साड़ी केवल एक वस्त्र नहीं है, बल्कि यह हमारे प्रति समाज की चिंता और देखभाल का प्रतीक है। इस साड़ी को पहनकर हम यह महसूस करेंगे कि हमारे लिए अभी भी कोई सोचता है, कोई हमारे साथ है।
लायंस क्लब भोपाल संस्कार ने इस आयोजन के माध्यम से यह सिद्ध कर दिया कि समाज सेवा केवल दान देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन लोगों के साथ जुड़ने और उनकी भावनाओं को समझने का भी नाम है, जिन्हें हमारी सबसे अधिक आवश्यकता है। रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर इस तरह का आयोजन समाज के अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणादायक है, जिससे उन्हें भी अपने आस-पास के लोगों के प्रति संवेदनशील बनने की प्रेरणा मिलती है।
क्लब के अध्यक्ष लायन दिनेश धीर ने अंत में कहा हम इस तरह के और भी आयोजन करते रहेंगे, ताकि हम समाज के कमजोर और जरूरतमंद तबकों की सहायता कर सकें। हमारा उद्देश्य है कि कोई भी व्यक्ति खुद को अकेला और उपेक्षित महसूस न करे।
लायंस क्लब भोपाल संस्कार की यह पहल रक्षाबंधन के त्योहार को एक नए दृष्टिकोण से देखने का अवसर प्रदान करती है। इस आयोजन ने यह साबित किया कि रक्षाबंधन केवल भाई-बहन के रिश्ते तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक संदेश भी देता है सभी की सुरक्षा और खुशी सुनिश्चित करने का। लायंस क्लब की इस पहल ने न केवल वृद्ध महिलाओं के जीवन में खुशियां लाई, बल्कि समाज के अन्य सदस्यों को भी इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
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