सुरों

सुरों की बारिश से भीगी सावन की शाम, सदाबहार गीतों की लगी झड़ी

हरफनमौला कलाकार किशोर कुमार की जन्मस्मृति पर मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग के आयोजन में रसिक श्रोताओं का अनंत उत्साह, हंसध्वनी सभागार सहित अंजनी सभागार भी रसिक श्रोताओं से भरा रहा

भोपाल। मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग द्वारा महान कलाकार किशोर कुमार की जन्मस्मृति के अवसर पर 'ये शाम मस्तानी' गीत-संगीत संध्या का आयोजन रवींद्र भवन के हंसध्वनि सभागार में रविवार को किया गया। इस आयोजन में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग धर्मेंद्र सिंह लोधी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में संस्कृति विभाग के संचालक एनपी नामदेव और उप संचालक वंदना पाण्डेय भी उपस्थित रहीं। इस गीत-संगीत संध्या में गायक कलाकारों और श्रोताओं के संगीत प्रेम की यह जुगलबंदी लंबे समय तक याद रखी जाएगी। 'ये शाम मस्तानी' ने भोपाल के संगीत प्रेमियों को एक अविस्मरणीय संध्या प्रदान की और किशोर कुमार की यादों को जीवित रखा। 


कार्यक्रम की शुरुआत में राज्यमंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने अपने उद्बोधन से की उन्होंने कहा भारतीय सिनेमा जगत में कई महान गायक और संगीतज्ञ हुए, परंतु हरफनमौला गायक किशोर कुमार की स्वतंत्र और स्वच्छंद गायकी के लाखों-करोड़ों प्रशंसक थे और सदैव रहेंगे। स्वच्छंदता के बावजूद उनके गायन के मूल में परंपरा के लिए गहरा सम्मान हमेशा बना रहा। आज शारीरिक रूप से किशोर कुमार हम सभी के बीच नहीं हैं, लेकिन उनके अमर गीतों में उनकी आवाज न सिर्फ आज की, बल्कि आने वाली अनेक पीढ़ियों तक उनके गीतों को गाया और सुना जाएगा। यह ऐसे गीत हैं जिन्हें सुनकर आत्मिक आनंद मिलता है और सुरों के संसार की सुखद यात्रा का अनुभव होता है। इस अवसर पर मैं उन्हें नमन करता हूं।

विशेष प्रस्तुति के लिए मुंबई से पवनदीप राजन और अरुणिता कांजीलाल अपने ग्रुप के साथ पहुंचे थे। दोनों कलाकारों ने सुरों की ऐसी बारिश की कि भोपाल के रसिक श्रोता भीग गए। उन्होंने 'लग जा गले..., 'ये दिल तुम बिन...., 'बेजुबां सा..., 'नैना लगया...., 'हीरिए हीरिए...., 'दिल चीज क्या है आप मेरी...., 'न तुम ना हो..., 'आज मौसम बड़ा बेईमान है...., 'ए दिल ऐ नादान.... इत्यादि कई लोकप्रिय गीत सुनाए, जिन्हें सुनकर श्रोता झूम उठे।

संगीत संध्या की शुरुआत भोपाल के चयनित कॉलेज बैंड की प्रस्तुतियों से हुई। सबसे पहले एलएनसीटी यूनिवर्सिटी के बैंड 'आगाज' ने गीतों का आगाज किया। इस अवसर पर बैंड ने किशोर कुमार के लोकप्रिय गीत 'नीले-नीले अंबर..., 'मेरे महबूब...., 'ओ मेरे दिल के चैन...., 'मेरे सपनों की रानी... जैसे सदाबहार गीत गाए। इसके बाद उन्होंने अपने अंदाज में 'हाल-ए-दिल..., 'आंखें खुली हो या हो बंद...., 'तेरे बिन मैं यूं..., 'बचना ऐ हसीनों.... और 'ओम शांति ओम.... जैसे गीतों की शानदान प्रस्तुति दी।

इसके बाद बीएसएसएस कॉलेज के बैंड 'परिंदे' ने किशोर कुमार के गीतों को प्रस्तुत किया। उन्होंने 'एक हसीना थी..., 'बचना-ए-हसीनों..., 'हंगामा हो गया..., 'पर्दा-पर्दा...., 'झुमका गिरा रे.... इत्यादि गीत गाए। अंत में हमीदिया आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज के 'नमन द रॉकर्स' बैंड के सदस्यों ने गीत-संगीत की जुगलबंदी से सभागार में उत्साहपूर्ण माहौल बना दिया। उन्होंने 'अगर तुम न होते..., 'दिलबर मेरे..., 'ये जो मोहब्बत है...., 'तेरी दीवानी...., 'मितवा..., 'ये तूने क्या किया...., 'हल्का-हल्का सुरूर है...., 'छाप तिलक..., 'दमा दम मस्त कलंदर.... जैसे लोकप्रिय गीतों की प्रस्तुति दी। इन चयनित कॉलेज बैंड की प्रस्तुतियों का उद्देश्य युवाओं में सांस्कृतिक चेतना जगाना और उन्हें प्रतिष्ठित मंच प्रदान करना है। कॉलेज बैंड की प्रस्तुतियों के बाद वह प्रस्तुति आई जिसका इंतजार रसिक श्रोता बड़ी बेसब्री से कर रहे थे।   


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