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क्लाइमेट चेंज और माइग्रेशन पर आधारित फिल्म 'तिकड़म' की एसजीएसयू में हुई स्क्रीनिंग

एक्टर अमित सियाल और निर्देशक विवेक आंचलिया के साथ एसजीएसयू स्टूडेंट्स ने देखी फिल्म, एमपी टूरिज्म की एडिशनल मैनेजिंग डायरेक्टर बिदिशा मुखर्जी भी कार्यक्रम में रहीं मौजूद

भोपाल। स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी (एसजीएसयू) द्वारा एमपी टूरिज्म बोर्ड के सहयोग से सोमवार को विश्वविद्यालय के वनमाली सभागार में फिल्म “तिकड़म” की विशेष स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय और पर्यटन बोर्ड के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है, जिसमें समाजिक मुद्दों पर आधारित फिल्मों को बढ़ावा देने और प्रदेश के पर्यटन को प्रोत्साहित करने का प्रयास किया गया।

विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति

कार्यक्रम में फिल्म "तिकड़म" के निर्देशक विवेक आंचलिया और प्रसिद्ध अभिनेता अमित सियाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। एमपी टूरिज्म बोर्ड की एडिशनल मैनेजिंग डायरेक्टर (एएमडी) बिदिशा मुखर्जी, एसजीएसयू के चांसलर डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी, वाइस चांसलर डॉ. अजय भूषण, कुलसचिव डॉ. सितेश सिन्हा और रबीन्द्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी की प्रो चांसलर डॉ. अदिति चतुर्वेदी भी इस अवसर पर मौजूद रहीं। 


स्वागत वक्तव्य और विश्वविद्यालय की विशेषताएं

कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत भाषण से हुई, जिसे एसजीएसयू के चांसलर डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने दिया। उन्होंने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय की विशेषताओं और उद्देश्यों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि एसजीएसयू एक कौशल आधारित विश्वविद्यालय है, जहां इंडस्ट्री पार्टनरशिप के माध्यम से कोर्स संचालित किए जाते हैं। इन कोर्सेज में 60 प्रतिशत प्रायोगिक और अनुभव आधारित शिक्षा और 40 प्रतिशत क्लास बेस्ड लर्निंग का ध्यान रखा जाता है। डॉ. चतुर्वेदी ने यह भी बताया कि एसजीएसयू फिल्म प्रोडक्शन और एनिमेशन के क्षेत्र में नए प्रयास कर रहा है, ताकि छात्रों को इस उद्योग में व्यावहारिक ज्ञान और अनुभव प्राप्त हो सके।

एमपी टूरिज्म बोर्ड की पहल

इस कार्यक्रम में एमपी टूरिज्म बोर्ड की एएमडी बिदिशा मुखर्जी ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार फिल्म टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इसके तहत 1.5 करोड़ तक की सब्सिडी और 75 लाख तक की सहायता प्रदान की जा रही है, ताकि प्रदेश में फिल्म निर्माण के लिए उपयुक्त इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा सके। बिदिशा मुखर्जी ने कहा कि मध्य प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, जिनमें वाइल्ड लाइफ से लेकर धार्मिक पर्यटन तक के कई विकल्प उपलब्ध हैं।


फिल्म “तिकड़म” की यात्रा

फिल्म "तिकड़म" के निर्देशक विवेक आंचलिया ने इस फिल्म की यात्रा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह फिल्म 2007 में लिखी गई एक कहानी पर आधारित है, जिसका फिल्मांकन 2018 में शुरू हुआ। पहले इसका नाम “पापा के जूते” रखा गया था, फिर “गुब्बारे” के बारे में सोचा गया, लेकिन अंत में "तिकड़म" नाम रखा गया जो फिल्म की थीम के साथ पूरी तरह मेल खाता है। यह फिल्म क्लाइमेट चेंज और माइग्रेशन के गंभीर मुद्दों पर आधारित है, जिसे एक परिवार की कहानी के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है।

अमित सियाल का अनुभव

मिर्जापुर, महारानी और गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी प्रतिष्ठित फिल्मों और वेबसीरीज में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके अभिनेता अमित सियाल ने भी इस अवसर पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि "तिकड़म" फिल्म उनके लिए एक अनूठा प्रोजेक्ट है। जब उन्हें इसका पिच डेक सुनाया गया, तो उन्होंने केवल 10 मिनट में फिल्म करने के लिए हामी भर दी थी। अमित सियाल ने बताया कि फिल्म ग्लोबल वॉर्मिंग जैसे गंभीर मुद्दे को भी बहुत ही खूबसूरत अंदाज में प्रस्तुत करती है। फिल्म में प्रवासी मजदूरों की जिंदगी को एक नए एंगल से दिखाया गया है, जो इसे एक फैमिली एंटरटेनर बनाता है।

फिल्म में अदाकारी की नई झलक

अमित सियाल ने अपने किरदार के बारे में बात करते हुए कहा कि यह फिल्म उनके लिए खास है, क्योंकि इसमें दर्शकों को उनका एक नया रूप देखने को मिलेगा। वह लंबे समय से इस तरह की फिल्म का इंतजार कर रहे थे और उन्हें खुशी है कि उन्हें इसमें काम करने का मौका मिला।


फैमिली फिल्मों का भविष्य

फैमिली फिल्मों के कमर्शियली सफल न होने के सवाल पर अमित सियाल ने कहा कि इंडस्ट्री में वही काम होता है जो ऑडियंस चाहती है। अगर लोग फैमिली फिल्मों को पसंद करते हैं, तो उन्हें दूसरों को भी प्रोत्साहित करना चाहिए, ताकि इस तरह की और फिल्में बनाई जा सकें।

फिल्म "तिकड़म" की कहानी

फिल्म "तिकड़म" की कहानी पर्यटन स्थल सुखताल में काम कर रहे प्रकाश (अमित सियाल) से शुरू होती है, जो अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी जीवन बिता रहा है। सुखताल में बर्फबारी नहीं होने के कारण पर्यटन कम हो जाता है और होटल बंद हो जाता है। प्रकाश के पास मुंबई जाने का विकल्प आता है, लेकिन वह अपने परिवार को छोड़ने के लिए तैयार नहीं होता।

प्रकाश के बच्चे चीनी (आरोही साउद) और समय (अरिष्ट जैन) अपने पिता को रोकने के लिए अपने दोस्त भानु (दिव्यांश द्विवेदी) के साथ मिलकर सुखताल में बर्फ गिरवाने की कई तिकड़म करते हैं। उनका उद्देश्य यह है कि जो पिता नौकरी के लिए शहर गए हैं, वे वापस आ सकें।


समाजिक मुद्दों को उजागर करती फिल्म 

फिल्म "तिकड़म" सिर्फ एक मनोरंजक फिल्म नहीं है, बल्कि यह समाजिक मुद्दों और परिवार के महत्व को उजागर करने वाली एक महत्वपूर्ण कहानी है। एसजीएसयू और एमपी टूरिज्म बोर्ड के सहयोग से आयोजित इस विशेष स्क्रीनिंग ने न केवल फिल्म को सराहा, बल्कि समाजिक जागरूकता और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक नई दिशा भी दिखाई।

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