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गायकों ने किशोर के गीत गाकर ताजा की उस दौर की यादें

किशाेर कुमार की 95वीं जयंती के उपलक्ष्य में भव्य संगीत संध्या का आयोजन

भोपाल। किशोर कुमार की 95वीं जयंती के उपलक्ष्य में संगीत प्रेमियों के लिए एक विशेष आयोजन 'रिमझिम गिरे सावन' कुक्कुट भवन में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन किशोर कुमार फैंस क्लब म्यूजिक इंडिया की ओर से किया गया, जिसमें किशोर कुमार के सदाबहार गीतों की प्रस्तुति दी गई। यह शाम संगीत और यादों से भरी हुई थी, जहां गायकों ने अपने सुरों से सभागार में बैठे श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। 

कार्यक्रम की शुरुआत गायक आर कुमार ने किशोर कुमार के प्रसिद्ध गीत ''ओ मेरे दिल के चैन" से की, जिससे पूरे वातावरण में एक सुकून भरी मिठास घुल गई। इसके बाद उन्होंने ''ये क्या हुआ...., ''चिगरी कोई भड़के...., और ''मेरा नैना सावन भादों...., जैसे दिल को छू लेने वाले गीत गाए, जिनसे श्रोताओं को किशोर कुमार के दौर की यादें ताजा हो गईं।



आर कुमार के अलावा अन्य गायकों ने भी अपनी प्रस्तुतियों से श्रोताओं का दिल जीता। एक गायक ने ''एक लड़की भीगी भागी सी" गाकर एक हंसी भरा माहौल बनाया, जबकि ''फिर सुहानी शाम ढली" ने शाम को और भी सुहाना बना दिया। ''नीले-नीले अंबर पर" गीत ने सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया और ''पल-पल दिल के पास" ने प्रेम की मधुर भावनाओं को उकेरा।

इस आयोजन की विशेषता यह थी कि इसमें युवा और प्रतिभाशाली गायकों को भी अपनी कला दिखाने का अवसर मिला। इस अवसर पर युवा गायिका आकृति मेहरा को उनके गायन में उत्कृष्टता के लिए 'किशोर सम्मान" से नवाजा गया। आकृति ने अपनी सुमधुर आवाज से सभी को प्रभावित किया। उन्होंने अपने गायन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया और श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया।

कार्यक्रम के दौरान श्रोताओं ने गायकों की प्रस्तुतियों का भरपूर आनंद लिया और हर गीत पर तालियों और वाहवाही की बौछार की। किशोर कुमार के सदाबहार गीतों ने जैसे एक बार फिर जीवन में उमंग भर दी और सभी को उनके दौर की मधुर यादों में ले गए। यह आयोजन किशोर कुमार की संगीत यात्रा को समर्पित था, जिसने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि उनका संगीत आज भी उतना ही जीवंत और प्रिय है जितना उनके समय में था।

इस कार्यक्रम में विभिन्न उम्र के लोग शामिल हुए, जिन्होंने किशोर कुमार के गीतों के माध्यम से उनके समय की यादें ताजा कीं। कुछ श्रोता किशोर कुमार के समय के थे, जिन्होंने अपने बचपन और युवावस्था के दिनों को याद किया, जबकि कुछ युवा पीढ़ी के थे, जिन्होंने किशोर कुमार के गीतों के माध्यम से संगीत की अनमोल धरोहर को समझा।

कार्यक्रम के समापन पर सभी गायकों और आयोजकों को सम्मानित किया गया। आयोजकों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान देने वाले सभी कलाकारों और स्वयंसेवकों का धन्यवाद किया। उन्होंने यह भी बताया कि ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन आगे भी किया जाएगा ताकि किशोर कुमार के गीतों की विरासत को जीवित रखा जा सके और नई पीढ़ी को उनके अद्वितीय संगीत से परिचित कराया जा सके।

किशोर कुमार फैंस क्लब म्यूजिक इंडिया ने इस आयोजन के माध्यम से यह साबित कर दिया कि किशोर कुमार का संगीत समय और पीढ़ियों की सीमाओं को पार कर सभी के दिलों में बसता है। 'रिमझिम गिरे सावन' संगीत कार्यक्रम ने न सिर्फ श्रोताओं का मनोरंजन किया बल्कि उन्हें एक संगीतमय यात्रा पर ले गया, जहां उन्होंने किशोर कुमार के सदाबहार गीतों के माध्यम से उनके समय की झलक पाई।

कुल मिलाकर, यह कार्यक्रम एक यादगार शाम साबित हुई जिसने सभी को संगीत की दुनिया में खो जाने का अवसर दिया और किशोर कुमार की यादों को एक बार फिर से जीवंत कर दिया। इस अवसर पर सभी ने मिलकर किशोर कुमार के अमर संगीत को सलाम किया और उनकी जयंती को एक विशेष और यादगार बनाने में योगदान दिया। 

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