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एमपी नगर में भोपाल मेट्रो के सामने तीन घंटे खड़े होकर बनाई ट्रैक पर चल रहे काम की पेंटिंग सीरीज

मिनिएचर आर्ट में त्रिपुरा सुंदरी, रियलिस्टिक रंगोली में श्रीराम और लैंडस्पेक पेंटिंग से सजी एग्जीबिशन कला निधि राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी में सात राज्यों के कलाकारों की पेंटिंग की प्रदर्शित

भोपाल। दो दिवसीय राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी कला निधि का स्वराज विथिका आर्ट गैलरी में सोमवार को शुभारंभ हुआ। इस एग्जीबिशन में भोपाल समेत दिल्ली, बेंगलुरु, राजस्थान, छत्तीसगढ़, चितोड़गढ़ समेत अन्य राज्यों के 30 कलाकारों की पेंटिंग प्रदर्शित की गई हैं, जो एक से बढ़कर एक हैं। इस प्रदर्शनी में हर्ष यादव की मिनिएचर आर्ट, शुभम राज सरल की लैंडस्पेक पेंटिंग और छतीसगढ़ की मेघा वर्मा की रियलिस्टिक रंगोली एग्जीबिशन में आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। यह प्रदर्शनी कलाचार आर्टिस्ट वेलफेयर सोसाइटी,  शुभहर्ष  आर्ट एंड डिजाइन स्टूडियो और कलाकक्ष आर्ट इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित की गई है। यह प्रदर्शनी हर्ष यादव द्वारा क्यूरेट की गई है, जिसका आयोजन शुभम राज सरल, स्वती जैन, मेघा वर्मा और नेहा शर्मा द्वारा किया गया है। प्रदर्शनी का उद्घाटन वरिष्ठ कलाकार डॉ. सुचिता राउत और रंजीत अरोरा द्वारा किया गया। इस प्रदर्शनी को दर्शक शाम 5 से 8 बजे तक देख सकते है। 



मिनिएचर आर्ट में बनाई त्रिपुरा सुंदरी 

चित्रकार हर्ष यादव ने बताया कि उन्होंने मिनिएचर आर्ट स्टाइल में ललिता देवी कही जाने वाली त्रिपुरा सुंदरी का चित्र मात्र एक दिन में बनाया है। यह पेंटिंग कागज में एक्रेलिक कलर से बनाई गई है। इस पेंटिंग की खासियत यह है कि इसमें बहुत बारिक काम होता है। इनको कला निधि बोलते हैं। इनमे 16 कलाओं का गुण है। यह कला प्रेमी और समीक्षक है। इसलिए यह एग्जीबिशन इनके नाम पर रखी गई है। हर्ष पिछले 6 साल से पेंटिंग कर रहे हैं। 


रियलिस्टिक रंगोली में भगवान श्रीराम 

छत्तीसगढ़ से आईं कलाकार मेघा वर्मा ने बताया कि उनके तीन स्टूडेंट्स के साथ वह इस प्रदर्शनी में आईं हैं। उनके साथ मिलकर उन्होंने 4/8 फीट की एक रियलिस्टिक रंगोली में भगवान श्रीराम की आकृति बनाई है। इस आकृति को बनने में यूं तो पांच-छह घंटे लगते हैं, लेकिन स्टूडेंट्स साथ में हैं, इसलिए इस आकृति को बनने में यहां तीन घंटे लगे। यह एक तरह की थ्रीडी रंगोली है। सबसे खास बात यह है कि मेघा ने ऑनलाइन, रियलिस्टिक रंगोली बनाना सीखा है, जिससे वह ओरों को भी सिखा रही हैं। 

भोपाल मेट्रो की लैंडस्पेक पेंटिंग 

चित्रकार शुभम राज सरल ने बताया कि वह अक्सर दिल्ली जाते थे। वहां वे दिल्ली मेट्रो को देखकर सोचा करते थे, कि भोपाल में कब मेट्रो आएगी। जब भोपाल में मेट्रो का काम शुरू हुआ तब मैंने इस प्रोजेक्ट को लैंडस्पेक पेंटिंग के जरिए बनाना शुरू किया। लैंडस्पेक पेंटिंग मौके पर खड़े होकर बनाई जाती है। एक पेंटिंग के लिए तीन घंटे का समय मिलता है। मैंने अब तक भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर चार पेंटिंग बनाईं हैं। मैं इसकी सीरीज भी बनाऊंगा। जब मेट्रो शुरू हो जाएगी तब इस सीरीज की एग्जीबिशन लगाऊंगा। शुभम को उनकी पेंटिंग के लिए दो बार राष्ट्रीय सम्मान और एक बार एमपी राज्य रूपंकर पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। शुभम पिछले 20 साल से पेंटिंग कर रहे हैं। 

युवा कलाकारों को अपनी प्रतिभा देखने का दिया मंच 

कला निधि राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी ने न केवल युवा कलाकारों को एक मंच पर आने का अवसर दिया है, बल्कि यह भी सांस्कृतिक और कला क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर स्थापित करने का प्रयास कर रहा है। इस समारोह के माध्यम से हजारों लोग एक अद्वितीय कला अनुभव का भागीदार बनेंगे और युवा कलाकारों को समर्थन और प्रेरणा मिलेगी। इसे एक समृद्धि भरा समारोह माना जा रहा है जो भविष्य में भी सांस्कृतिक समृद्धि की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान करेगा। 

प्रमुख आयोजनकर्ता 

यह प्रदर्शनी हर्ष यादव द्वारा क्यूरेट की गई है, जिन्होंने सुनिश्चित किया है कि यह समारोह रूचि, रचनात्मकता, और विविधता से भरा हुआ है। इस प्रदर्शनी का आयोजन शुभम राजसरल, स्वती जैन, मेघा वर्मा, और नेहा शर्मा द्वारा किया जा रहा है। 


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