भोपाल। राजधानी में शुक्रवार को यूथ कांग्रेस ने प्रदेश सरकार के खिलाफ एक बड़े आंदोलन का आयोजन किया, जिसमें एग्जाम में गड़बड़ी, पेपर लीक, नर्सिंग घोटाला, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, कार्यकर्ता और यूथ कांग्रेस के अध्यक्षों ने भाग लिया, जो सीएम हाउस की ओर बढ़ने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन पुलिस द्वारा रोक दिए गए।
प्रदर्शनकारियों का संघर्ष और पुलिस की कार्रवाई
प्रदर्शन की शुरुआत रोशनपुरा चौराहे से हुई, जहां कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता एकत्र हुए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने सीएम हाउस का घेराव करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने पहले से ही बैरिकेड लगाकर उन्हें रोक दिया। कार्यकर्ताओं का उत्साह देखते हुए पुलिस ने वाटर कैनन का प्रयोग किया, जिससे जीतू पटवारी और कुछ अन्य कार्यकर्ता बैरिकेड से गिर गए और घायल हो गए। इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया।
पुलिस की इस कार्रवाई में कई कार्यकर्ता घायल हो गए, जिन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता की आवश्यकता पड़ी। प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर बसों में बिठाया गया और पुलिस थाने ले जाया गया।
माफियाओं की सरकार का आरोप: जीतू पटवारी
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा यह सरकार मोहन यादव और बीजेपी की नहीं बल्कि माफियाओं की सरकार है। हमारे कार्यकर्ता अपने खून की आखिरी बूंद तक संविधान की रक्षा की लड़ाई लड़ेंगे। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य, धान और सोयाबीन के उचित दाम और युवाओं को रोजगार मिलने तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
पटवारी ने आगे कहा कि प्रदेश में दलितों और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता युवाओं के हक के लिए संघर्ष करते रहेंगे, चाहे उन्हें इसके लिए कितनी भी कठिनाइयों का सामना क्यों न करना पड़े।
युवाओं की आवाज: क्या हुआ तेरा वादा अभियान
यूथ कांग्रेस ने पिछले दो महीनों में "क्या हुआ तेरा वादा" अभियान चलाया था, जिसके तहत साढ़े चार लाख युवाओं ने अपनी समस्याओं को पोस्टकार्ड के माध्यम से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को भेजा। यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मितेंद्र दर्शन सिंह यादव ने बताया आज हम ये साढ़े चार लाख पोस्टकार्ड मुख्यमंत्री को सौंपने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने हमें रोक दिया। यह सरकार युवाओं की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर बर्बरता: प्रियंका पटेल का बयान
गुजरात से प्रदर्शन में शामिल होने आई प्रियंका पटेल ने पुलिस की कार्रवाई को अनुचित ठहराते हुए कहा हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रख रहे थे, लेकिन पुलिस ने वाटर कैनन और आंसू गैस का प्रयोग किया। कई साथी घायल हो गए। सरकार को युवाओं के साथ इस बर्बरता का जवाब देना होगा।
रोजगार के लिए संघर्ष: श्रीनिवास बीवी का आह्वान
यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने भी प्रदर्शन के दौरान सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा हम पिछले पांच सालों से युवाओं के लिए रोजगार की मांग कर रहे हैं। 20 एग्जाम आयोजित किए गए, लेकिन 30 हजार अपॉइंटमेंट्स देने के बावजूद एक भी जॉइनिंग नहीं हुई। यह सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। श्रीनिवास ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता युवाओं के हक के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं।
प्रदर्शन के दौरान घायल हुए कार्यकर्ता
प्रदर्शन के दौरान हरदा से कांग्रेस विधायक आरके दोगने ने बताया कि पुलिस की बर्बरता के कारण कई कार्यकर्ता घायल हो गए। उन्होंने कहा हमारी सभा शांतिपूर्ण थी। इसके बाद हम सीएम हाउस की ओर जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने हमें बेरिकेड्स के पास ही रोक लिया और वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इससे भगदड़ मच गई और कई कार्यकर्ता घायल हो गए। सरकार को जनता की मांगें सुननी चाहिए और उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
जनता की आवाज को दबाने की कोशिश: कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह जनता की जायज मांगों को दबाने की कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि यह सरकार युवाओं, किसानों और दलितों के साथ अन्याय कर रही है और कांग्रेस इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें सरकार के सामने रखना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उनके साथ बर्बरता की। इससे यह साफ हो जाता है कि सरकार युवाओं की आवाज को दबाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।
आंदोलन जारी रहेगा
मध्य प्रदेश में कांग्रेस का यह चौथा बड़ा प्रदर्शन था और पार्टी ने साफ कर दिया है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। कांग्रेस ने सरकार को चेतावनी दी है कि वह युवाओं, किसानों और दलितों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगी और अपनी मांगों को लेकर सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करेगी।
भोपाल में हुए इस प्रदर्शन ने प्रदेश की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है। कांग्रेस ने यह साफ कर दिया है कि वह युवाओं के हक के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है और यह आंदोलन सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
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