भोपाल। IIIT के प्रांगण में मंगलवार को स्वच्छता पखवाड़े का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में संस्थान के छात्रों और शिक्षकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और साथ मिलकर परिसर में सफाई अभियान चलाया। स्वच्छता पखवाड़ा भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य देशभर में स्वच्छता को बढ़ावा देना और लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है।
शपथ ग्रहण से हुई कार्यक्रम की शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत शपथ ग्रहण समारोह से हुई, जिसमें सभी छात्रों और शिक्षकों ने स्वच्छता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए शपथ ली। इस शपथ के माध्यम से छात्रों को अपने घर, संस्थान और समाज को स्वच्छ रखने की प्रतिबद्धता याद दिलाई गई। शपथ ग्रहण के दौरान छात्रों को बताया गया कि स्वच्छता का महत्व हमारे राष्ट्रीय कर्तव्यों में सर्वोच्च है और राष्ट्र तभी समृद्ध हो सकता है जब हर नागरिक स्वच्छता को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाए। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक ने भी स्वच्छता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि स्वच्छता से व्यक्ति न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रहता है, बल्कि मानसिक रूप से भी सशक्त होता है।
संस्थान परिसर में सफाई अभियान
शपथ ग्रहण के बाद छात्रों और शिक्षकों ने मिलकर संस्थान परिसर में सफाई अभियान शुरू किया। इस अभियान के तहत परिसर के हर कोने में जहां भी कचरा या गंदगी दिखाई दी, उसे साफ किया गया। छात्रों में स्वच्छता के प्रति जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। सभी ने पूरी मेहनत और लगन से अपना योगदान दिया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि युवाओं में स्वच्छता को लेकर गहरी समझ और जिम्मेदारी है। सफाई अभियान के दौरान छात्रों ने अपने प्रयासों से यह साबित किया कि छोटे-छोटे कदम भी बड़े बदलाव की दिशा में योगदान कर सकते हैं।
इस पूरे आयोजन का सफल संचालन संस्थान के प्रशिक्षण और नियुक्ति अधिकारी अजय श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में हुआ। उन्होंने छात्रों और शिक्षकों को प्रेरित करते हुए स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता केवल एक दिन का काम नहीं है, बल्कि इसे अपनी आदत में शामिल करना चाहिए।
अगले चरणों की जानकारी
कार्यक्रम के पहले चरण के समापन के साथ ही अजय श्रीवास्तव ने अगले चरणों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि द्वितीय चरण में संस्थान के सभी क्लास रूम, अधिकारियों और कर्मचारियों के कक्ष और सभी हॉस्टलों का अवलोकन किया जाएगा। इसके बाद सबसे स्वच्छ क्लास रूम, कक्ष और हॉस्टल को पुरस्कृत किया जाएगा। यह कदम छात्रों और स्टाफ को स्वच्छता के प्रति और अधिक प्रोत्साहित करने का है, जिससे हर कोई इस पहल का हिस्सा बन सके और इसे अपने जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बना सके।
कार्यक्रम के तृतीय चरण में "स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता" पर आधारित एक शॉर्ट फिल्म और एकल नाटक का मंचन किया जाएगा। इन प्रस्तुतियों के माध्यम से छात्रों को स्वच्छता का महत्व और इसे अपने जीवन में कैसे लागू किया जा सकता है, इसके बारे में शिक्षित किया जाएगा। इस चरण के अंत में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया जाएगा।
स्वच्छता अपनाएं, सफलता पाएं
कार्यक्रम के दौरान IIIT के निदेशक ने अपने उद्बोधन में स्वच्छता के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों को नियमित रूप से आयोजित करना चाहिए ताकि स्वच्छता हमारे स्वभाव और संस्कार का हिस्सा बन सके। उन्होंने कहा कि एक सफल जीवन के लिए हर तरह की स्वच्छता को अपनाना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि स्वच्छता से हम शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त होते हैं।
उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वच्छता को जीवन में विशेष स्थान देना चाहिए, क्योंकि यह व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है। एक साफ-सुथरा वातावरण न केवल हमारे स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि हमारे विचारों को भी स्वच्छ और सकारात्मक रखता है। इसलिए, जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए स्वच्छता को अपनाना आवश्यक है।
स्वच्छता अभियान में शामिल शिक्षक और अधिकारी
कार्यक्रम में अधिष्ठाता छात्र कल्याण जयत्रिलोक चौधरी, फैकल्टी मेंबर डॉ. सुनील कुमार, डॉ. दीप जोशी, डॉ. नेहा सिंह, डॉ. नीरज कुमार, डॉ. सौरभ जैन, डॉ. अमित गुप्ता, डॉ. नीरज गिरी, डॉ. कमलेश कुमार, डॉ. चंद्रभान, असिस्टेंट रजिस्ट्रार अभिषेक गोयल और असिस्टेंट रजिस्ट्रार एकेडेमिक अभिजीत शर्मा उपस्थित रहे। इसके साथ ही 200 से अधिक छात्र-छात्राओं ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
सफल आयोजन और भविष्य की योजनाएं
कार्यक्रम के समापन के दौरान सभी शिक्षकों और छात्रों ने स्वच्छता अभियान की सफलता के लिए एक-दूसरे को बधाई दी। अजय श्रीवास्तव ने छात्रों को स्वच्छता के प्रति जागरूक रहने और इसे अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने का संदेश दिया।
स्वच्छता पखवाड़े के दौरान छात्रों और शिक्षकों ने मिलकर जिस प्रकार से सफाई अभियान को सफल बनाया, वह देखने लायक था। इस तरह के आयोजन न केवल संस्थान को साफ-सुथरा रखने में मदद करते हैं, बल्कि छात्रों को सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति भी जागरूक करते हैं।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत किए गए प्रयासों से यह स्पष्ट हुआ कि यदि सभी लोग मिलकर काम करें, तो स्वच्छता के लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। IIIT में आयोजित इस स्वच्छता पखवाड़े ने छात्रों और शिक्षकों के बीच स्वच्छता के प्रति जिम्मेदारी और जागरूकता को बढ़ावा दिया है, जो आने वाले समय में भी उनके जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
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